प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वैश्विक आर्थिक सुधार, अफ्रीका और ग्लोबल साउथ के साथ साझेदारी सहित महत्वपूर्ण चर्चा की| प्रधानमंत्री ने जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित सम्मलेन में ब्रिक्स एजेंडे पर अब तक हुई प्रगति की भी समीक्षा की। अपने संबोधन के दौरान, एक मजबूत ब्रिक्स का आह्वान किया जो इस प्रकार है:
बी- ब्रेकिंग बैरियर्स(बाधाओं को तोड़ना)
आर- रिवाइटलाइजिंग इकोनॉमीज(अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना)
आई- इंस्पायरिंग इनोवेशन(प्रेरक इनोवेशन)
सी- क्रिएटिंग अपॉर्चुनिटी(अवसर पैदा करना)
एस-शेपिंग द फ्यूचर(भविष्य को आकार देना)
इस दौरान प्रधानमंत्री ने निम्नलिखित पहलुओं पर भी प्रकाश डाला:
• यूएनएससी सुधारों के लिए निश्चित समयसीमा तय करने का आह्वान किया
• बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधार का आह्वान किया
• डब्ल्यूटीओ में सुधार का आह्वान किया
• ब्रिक्स से अपने विस्तार पर आम सहमति बनाने का आह्वान किया
• ब्रिक्स से ध्रुवीकरण नहीं बल्कि एकता का वैश्विक संदेश भेजने का आग्रह किया
• ब्रिक्स स्पेस एक्सप्लोरेशन कंसोर्टियम के निर्माण का प्रस्ताव पेश किया
• ब्रिक्स भागीदारों को इंडियन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर – भारतीय स्टैक की पेशकश की गई
• ब्रिक्स देशों के बीच स्किल मैपिंग, कौशल और गतिशीलता को बढ़ावा देने का उपक्रम प्रस्तावित
• इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस के तहत चीतों के संरक्षण के लिए ब्रिक्स देशों के संयुक्त प्रयासों का प्रस्ताव
• ब्रिक्स देशों के बीच पारंपरिक चिकित्सा का भंडार स्थापित करने का प्रस्ताव
• ब्रिक्स साझेदारों से जी20 में एयू की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने का आह्वान किया