Sunday, September 8, 2024
Homeखेती- किसानीपशुओं की सेहत के लिए 25 मिलियन अमरीकी डालर का महामारी कोष...

पशुओं की सेहत के लिए 25 मिलियन अमरीकी डालर का महामारी कोष  

कोविड-19 की विनाशकारी मानव, आर्थिक और सामाजिक लागत ने मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण तथा महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए समन्वित कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। पिछले कुछ दशकों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की छह में से पांच घोषित सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों की अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय पशु मूलक ही था। इसके परिणाम स्वरूप यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया (पीपीआर) को पशु स्वास्थ्य सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण अपनाये जाने की आवश्यकता है।

जी20 महामारी कोष ने महामारी की तैयारियों और प्रतिक्रियाओं के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (डीएएचडी)  भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत 25 मिलियन डॉलर के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इंडोनेशिया की जी20 अध्यक्षता के तहत स्थापित, महामारी कोष, कम और मध्यम आय वाले देशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण निवेश का वित्तपोषण करता है।

महामारी कोष को अपने पहले आह्वान पर लगभग 350 अभिरुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) और 180 पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें केवल 338 मिलियन डॉलर के प्रस्ताव के मुकाबले 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक के अनुदान अनुरोध किए गए थे। महामारी कोष के गवर्निंग बोर्ड ने अपने पहले दौर के वित्तीय आवंटन के उद्देश्य के तहत 19 मांग को 20 जुलाई, 2023 को मंजूरी दी है ताकि छह क्षेत्रों के 37 देशों में भविष्य की महामारियों के लिए लचीलेपन को बढ़ावा दिया जा सके।

इस प्रस्ताव के तहत मुख्य उपायों में रोग निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को मजबूत तथा एकीकृत करना, प्रयोगशाला नेटवर्क का उन्नयन और विस्तार करना, अंतर-संचालित डेटा प्रणाली में सुधार करना और जोखिम विश्लेषण एवं जोखिम संचार के लिए डेटा विशलेषण के लिए क्षमता का निर्माण करना, सीमा पार पशु रोगों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत बनाना और सीमा पार सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग में भारत की भूमिका शामिल है। महामारी कोष न केवल महामारी की रोकथाम, तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए अतिरिक्त, समर्पित संसाधन उपलब्ध कराएगा, बल्कि यह निवेश में वृद्धि को भी प्रोत्साहित करेगा, भागीदारों के बीच समन्वय बढ़ाएगा और प्रोत्साहन मंच के रूप में काम करेगा। परियोजना का प्रभाव इस जोखिम को कम करना होगा कि जानवरों (पालतू और वन्यजीवों) से रोगाणु मानव आबादी में संचारित होगा जो कमजोर आबादी के स्वास्थ्य, पोषण सुरक्षा और आजीविका को खतरे में डाल देगा। यह परियोजना एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से विश्व बैंक और खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के साथ प्रमुख कार्यान्वयन इकाई के रूप में लागू की जाएगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments