आलोक पाण्डेय की नजर से-
नीरज चोपड़ा ने आजादी के 75वें साल के शुभारंभ के साथ ही देश के माथे पर स्वर्ण तिलक लगा दिया। आज उनके गाँव से लेकर पूरे देश में इस विजय का उत्सव मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी हर्षित हैं और बधाई दे रहे हैं। आइये देखते हैं आलोक पाण्डेय की नजर से नीरज और देश की इस महान उपलब्धि को।
पूरे विश्व का सबसे बड़ा खेल आयोजन ओलंपिक धीरे धीरे अपने समापन की तरफ बढ़ रहा था।एक पखवाड़े (16 दिन) दिन गुजर चुके थे …अब तक की प्रतियोगिता में हर्ष और विशाद के तमाम पलों के बीच पूरा देश अब भी एक आस में था..जब सबसे ऊंचे पोडियम में खड़ा होगा कोई अपना।।
तारीख 7 अगस्त 2021 भारत की घड़ी में चार बज के तीस मिनिट हो रहे थे…जब करोड़ों भारतीय की आस एक युवा पे टिकी थी जिसे शायद अभी पूरा भारत ठीक से जानता भी नही थी जबकि जापान में ये वक़्त था रात के ठीक आठ का..जब टोक्यो का ओलम्पिक स्टेडियम दूधिया रोशनी में नहाए हुए एक नए राष्ट्र नायक का साक्षी होने को तैयार हो रहा था।।
प्रतियोगिता शुरू …सबसे दूर भाला फेकने की रस्साकसी की…हर गुजरते पल के साथ करोड़ों दिलों की आस मजबूत हुई…भाला फेंकते हुए उस युवा का अंदाज..हुंकार उस आस को संबल देती हुई मानो हर अंदाज में ये दावा कि इतिहास लिखने की यही शाम यही वक़्त मुकर्रर की है मैंने।।
टनटन करती घड़ी की सुईयां अब भारत में पांच बज के 32 मिनिट पे आ टिकी थी…जब उस युवा से जीत का दावा करने वाले कुछ ही योद्धा मैदान पे बचे थे…
हर गुजरते पल के साथ आस अब हकीकत का रूप ले रही थी…ये वक्त ने बजाए पांच बनके अड़तीस मिनिट… भारत के मस्तक पे स्वर्णिम आभा बिखेर रहा सूरज गवाही दे रहा था…एक नए राष्ट्र नायक का…एक नए राष्ट्र बोध का…एक नए राष्ट्र गौरव का…
जब मुट्ठी भींचे अतिरेक भावों में डूबा हुआ पूरा भारत सुदूर टोक्यों में राष्ट्र गान गाते हुए उस युवा के साथ एकाकार था।
उदय हो चुका है अब एक नया सूरज….इस शाम भी
…इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय लिखा जा रहा…
बसपन का प्यार से लेकर काट के कलेजा दिखा देंगे जैसे गाने यु ट्यूब पे खोज रहा भारत का युवा अब तलाश रहा उसे हर मंच पे।।।
वंदन…अभिनंदन… नीरज चोपड़ा