मैरी कॉम की अपने करियर के आखिरी ओलंपिक में निराशाजनक विदाई हुई। हालांकि इस निराशा को उनकी ही जूनियर बाक्सर लवलीना बोरगोहेन ने आशा से भर दिया है। उनको जीत के साथ यह सुनिश्चित कर दिया है कि भारत को टोकयो ओलंपिक में दूसरा पदक भी मिलेगा। लवलीना बोरगोहेन मैरी कॉम और विजेंदर सिंह के बाद मुक्केबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बन गई हैं। वह सिर्फ 23 साल की हैं, लेकिन ताइवान की पूर्व विश्व चैंपियन चेन के खिलाफ उनका कंपटीशन कमाल का था। लवलीना ने ताइवान की पूर्व विश्व चैंपियन चेन निएन-चिन को हराकर महिला वेल्टरवेट सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
ओलंपिक 2020 के वूमेंस वेल्टर वर्ग में भारत की लवलीना बोर्गोहेन ने आखिरकार देश के लिए एक और पदक पक्का कर दिया है। उन्होंने चाइनीज ताइपे चेन निएन-चिन को क्वार्टरफाइनल में मात देकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है ।इसके साथ ही लवलीना ने भारत के पदक की ओर कदम बढ़ा दिया। बॉक्सिंग में क्वार्टर फाइनल जीतने का मतलब है कि कम से कम कांस्य पदक पक्का हो जाता है। उधर मैरी कॉम की विदाई ओलंपिक से हो गई है। ये उनका आखिरी ओलंपिक था, वे कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया के खिलाफ राउंड ऑफ 32 में हार गईं। यह मुकाबला टक्कर का था। हारने के एक दिन बाद, भारत की मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम इस बारे में स्पष्टीकरण मांग रही हैं कि उन्हें क्वार्टर फाइनल मुकाबले से एक मिनट पहले रिंग ड्रेस बदलने के लिए क्यों कहा गया।