स्क्तंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की आजादी की लड़ाई में भूमिका को लेकर कई बार विवाद खड़े होते रहे हैं। भाजपा जहां उनको प्रखर राष्ट्रवादी मानती है, वहीं कांग्रेस समेत विपक्ष अंग्रेजों से उनके माफीनामे को लेकर सवाल खड़े करती रहती है। गांधी जी और सावरकर में आपस में रिश्ता तो था लेकिन रक्षा मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह पर उनके सम्बन्धों पर नया खुलासा करके चौंका दिया है। राजनाथ सिंह ने दावा किया कि सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों को दया याचिका दी थी। जिसके बाद विपक्षी एकबार फिर भाजपा पर इतिहास को तोड़- मरोड़कर पेश करने का आरोप लगा रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की पुस्तक ‘‘विनायक दामोदर सावरकर सावरकर हू कुड हैव प्रीवेंटेड पार्टिशन’’ के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि उन्होने महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों को दया याचिका दी थी। कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी हिस्सा लिया। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ एक खास विचारधारा से प्रभावित तबका विनायक दामोदर सावरकर के जीवन और विचारधारा से अपरिचित है और उन्हें इसकी सही समझ नहीं है, वे सवाल उठाते रहे हैं। ’’ राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे राष्ट्र नायकों के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में वाद प्रतिवाद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें हेय दृष्टि से देखना किसी भी तरह से उचित और न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता है. विनायक दामोदर सावरकर महान स्वतंत्रता सेनानी थे, ऐसे में विचारधारा के चश्मे से देखकर उनके योगदान की अनदेखी करना और उनका अपमान करना क्षमा योग्य नहीं है। विनायक दामोदर सावरकर महानायक थे, हैं और भविष्य में भी रहेंगे। दूसरी ओर भारत के संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में बताया था कि विनायक दामोदर सावरकर ने कभी भी अंग्रेज़ों से माफ़ी मांगी थी या नहीं, ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। पूरे मामले में ओबेसी ने भाजपा पर इठस को तोड़ने- मरोड़ने का आरोप लगाया। जिसके बाद अब नए सिरे से विवाद शुरू हो सकता है।