लंबी आपसी खिंचतान के बाद आखिरकार पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रस्साकसी थम गई। शुक्रवार को सुबह पहले कैप्टन ने सिद्धू को चाय पर आमंत्रित किया। बाद में प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने वाले सिद्धू के साथ मौके पर खड़े नजर आए। कैप्टन ने इस मौके पर कहा कि जब सिद्धू का जेएनएम हुआ तब उनका सेना में कमीशन हुआ था। सिद्धू ने भी कहा कि वो सबका आशीर्वाद लेकर पंजाब को प्रगति कि ओर ले जाएंगे। सभी मसलों को हल करेंगे।
उधर पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ 80 में से 58 विधायकों के खड़े होने की एक तस्वीर से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पक्षधर बने रहे कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा, मनीष तिवारी, रवनीत बिट्टू, गुरजीत औजला व अन्य जनभावनाओं को पढ़ने में विफल रहे. जबकि सत्ता विरोधी लहर को भांपते हुए विधायकों ने पीसीसी अध्यक्ष के बदलाव का पूरी तरह स्वागत किया. जानकारों का कहना है कि पंजाब में सियासी समीकरण अचानक इस कदर बदले कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास भी आलाकमान का हुक्म बजाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।