पाकिस्तान एकबार फिर अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। देश बनने के बाद से अब तक कोई भी सरकार पाँच सालों तक स्थिर नहीं रह सही है। यही हाल इमरान खान की सरकार का भी हुआ है। सेना पर एकबार फिर इमरान सरकार को गिराने का आरोप है। तो प्रधानमंत्री इमरान खान संसद को भंग करवाकर अब आम चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इमरान फिलहाल इसे राहत भरा कदम मान रहे हैं लेकिन आने वाले दिनों में बिना सेना की सहायता के सत्ता में वापसी संभव नहीं है
विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम इमरान का यह फैसला आत्मघाती जरूर है लेकिन अगर वो एकबार फिर सेना प्रमुख को विश्वास में ले लेते हैं तो जनरल कमर जावेद बाजवा उन्हें आम चुनाव के बाद सत्ता में फिर से ला सकते हैं। जैसा कि साफ है कि संकट के दिनों में इमरान और बाजवा के बीच मुलाकातों का दौर जारी है। सूत्रों के मुताबिक इमरान बाजवा कि नाराजगी दूर करने में जुटे हैं। गौरतलब है कि 2018 में पूर्ण बहुमत न होने पर भी आईएसआई और सेना कि मदद से इमरान खान पाकिस्तान का चुनाव जीतकर पीएम बने थे। उनके सत्ता के सफर को आईएसआई के दिवंगत जनरल हामिद गुल और पाकिस्तानी सेना के अन्य प्रमुख जनरलों ने आसान किया था।
पाकिस्तान में कई लोगों का मानना था कि इमरान खान फिर से चुनाव जीत सकते हैं क्योंकि उसकी सबसे बड़ी वजह सेना है। पाकिस्तानी सेना को कोई ऐसा मिलेगा नहीं जो उसके आदेशों को इतनी आसानी से मान ले और उसी में खुश रहे। दूसरी ओर इमरान खान जनरल बाजवा के आईएसआई के चीफ के रूप में जनरल फैज की जगह पर जनरल नदीम अंजुम की नियुक्ति को लंबे समय तक टाले रखने कि नाकाम कोशिश कर चुके हैं। इस कारण बाजवा से उनका विरोध शुरू हुआ और अब सरकार चली गई है। इमरान सेना कि ताकत समझ चुके हैं इसलिए अब दोबारा गलती करने की जगह सेना को मनाने में जुटे हैं। दूसरी ओर दुनियाँ भर से मदद के लिए पाकिस्तानी सेना को चुनी गई सरकार की जरूरत है जो इमरान आसानी से पूरी कर सकते हैं।