“विश्व खाद्य दिवस” के उपलक्ष में “बुद्धा पीस फाउंडेशन” व “माहेराज ग्लोबल संस्था” द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें स्वयं सहायता समूह की ग्रामीण महिला किसानों व क्षेत्रीय कृषक उत्पादक संगठन से जुड़े कृषकों के बीच” बेहतर उत्पादन, बेहतर पोषण, बेहतर वातावरण व बेहतर जीवन” के वैश्विक विषय पर सभी उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया गया। श्रीमती राज अग्रवाल, अध्यक्ष, माहेराज ग्लोबल संस्था ने महिलाओं को कुपोषण व स्वस्थ आहार संबंधित जानकारी देकर उनको अपने शिशु के पोषण व देखभाल संदर्भ उपयोगी बातें बताइए व साथ ही महिला किसानों को रागी व मोटा अनाज जैसे जो, ज्वार ,सामा, बाजरा जो पहले हमारे खान-पान का हिस्सा हुआ करते थे उनको अपने खाने में शामिल करने को कहा। साथ ही किसानों से उनकी खेती कर अपने संगठन के माध्यम से ज्यादा मात्रा में मोटा अनाज उपजा कर उसको मंडी करने का भी उपाय दिया । महिलाओं को मशरूम की खेती, सहजन की खेती व अन्य उत्पाद जिसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है वह उगाने की सलाह दी जिससे घरेलू रूप से वह अपने परिवार को पौष्टिक आहार दे सकें। बाजार के मिलावटी तेल व मैदे से बनी चीजों के प्रति बढ़ते बच्चों के रुझान को भी सख्ती से रोकने का तरीका बताया। उन्होंने महिलाओं को देवी का रूप बताते हुए इशारा किया कि घर की सेहत और पीढ़ी के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान महिलाओं का है और यदि महिला संकल्प लें के बाजार का खाना कम से कम खाना है और घर में स्वादिष्ट व पौष्टिक खाना खिलाना है तो आने वाली कई बीमारियों से घर दूर रहेगा।
मृणाल अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, दिव्यभूमि कृषक उत्पादक संगठन ने कृषकों को व महिला किसानों को खेती में बेहतर उत्पादन संबंधी जानकारी दी व मिट्टी की जांच व खेत में अनावश्यक केमिकल का उपयोग ना करने की बात कही। उन्होंने मौजूदा खेती में रासायनिक उत्पादों के इस्तेमाल को घटाने पर जोर दिया और पर्यावरण की दृष्टि से किसानों का ध्यान जल संरक्षण और गाय के गोबर से खेत को उपजाऊ करने को कहा। इसी क्रम में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को संगठन से जोड़ने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया जिसमें संगठन किसानों को व महिलाओं को मशरूम की ट्रेनिंग व सहजन उगाने के लिए साधन व ग्रामीण क्षेत्र में कुटीर उद्योगों पर ध्यान , रोजगार व स्वरोजगार पैदा करने में संगठन अपने लोगों की पूरी तरह मदद करने व सहारा देने के लिए प्रतिबंध रहेगा । उन्होंने अपने किसानों को बीज उत्पादन के संबंध में भी प्रेरित किया ।
डॉ रजनीश त्यागी, राष्ट्रीय मंत्री ,राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच ने उपस्थित सभी कृषकों को पर्यावरण में अपना योगदान व खाने में क्या बनाना और क्या खिलाना है उस के संदर्भ में सभी से चर्चा की ।डॉ त्यागी ने बताया कि करोना जैसी महामारी में विश्व के अन्य देशों के आगे भारत में भारतीय खानपान व मसालों ने भारत के लोगों को बचा कर रखा जिससे सिद्ध होता है कि हमारे रसोई के नुस्खे जो दादी नानी के समय से चले आ रहे हैं वह कितने असरदार और प्रभावी हैं। उन्होंने महिलाओं से बहुत विषयों पर चर्चा की और उनको नमक और तेल की मात्रा को अपने रोज के खानपान में कम करने का सुझाव देते हुए डायबिटीज से संबंधित जीवन शैली पर आधारित बीमारियों पर भी सभी किसानों और महिलाओं का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने वापस घरों में चक्की के आटे और ताजा कुटे मसालों को उपयोग करने के लिए कहा और गांव में एक रूरल म्यूजियम की संरचना को आकार देने का भी सुझाव सभी के समक्ष रखा।
कार्यक्रम का आयोजन होटल राजपूताना, बिराई ,सैया रोड पर हुआ जिसमें 70 प्रतिभागियों ने भाग लिया संगठन के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारियों में गीतम सिंह, नरेश ,रतीश शर्मा , मृगांग माधव त्यागी, मोनिका,धर्मवीर, अर्पित, हाकिम ,मनोज कुमार व संगठन कार्यकर्ता गण मौजूद रहे ।महिलाओं में रानी, स्वर्णा माहेराज स्वयं सहायता समूह, नगला तेजा, बीना ,रागिनी माहेराज स्वयं सहायता समूह, नगला तेजा, नीरज, गांव खादर, योगिनी माहेराज स्वयं सहायता समूह, उजाला, नगला केसरी ,दिव्या माहेराज स्वयं सहायता समूह, रेखा देवी, नगला ङहर, रिधि माहेराज स्वयं सहायता समूह, जय श्री, गांव दाढ़की, प्रतीक्षा महिला स्वयं सहायता समूह, अंजू ,गांव खादर, प्रतिभा महिला स्वयं सहायता समूह, व रुकमा देवी, मधु शर्मा ,गीता ,पूजा ,रागिनी ,सुमन राजपूत, सीता ,गुड्डी देवी ,माला देवी, रेखा देवी ,मोहन देवी ,अंजू ,पूजा, हेमलता, पूनम ,मधु ,शशि, शारदा, साधना ,गुलाब देवी ,गौरी ,रूपवती किरण देवी ,रमा देवी, ललिता देवी मौजूद रहीं।