Friday, November 22, 2024
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न्यायिक ढांचे को माडर्न बनाने के लिए 9 हजार करोड़ खर्च, अब मिलेगा जल्द न्याय

 प्रथम अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक में प्रधानमंत्री का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पहले अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी समाज के लिए Judicial system का access जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी justice delivery भी है। इसमें एक अहम योगदान judicial infrastructure का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के judicial infrastructure को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है। Judicial infrastructure को आधुनिक बनाने के लिए 9 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। देश में court halls की संख्या भी बढ़ी है। Judicial infrastructure के निर्माण में ये तेजी justice delivery को भी speed-up करेगी।

उन्होने कहा कि  District Legal Services Authorities के चेयरमैन और सेक्रेटरीज़ की ये इस तरह की पहली नेशनल मीटिंग है। यह ऐतिहासिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण भी है। आज से कुछ ही दिन बाद देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है। ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में Ease of Doing Business और Ease of Living की तरह ही Ease of Justice भी उतना ही जरूरी है। National Legal Services Authority और सभी District Legal Services Authorities इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।  पीएम ने कहा कि हमारे संविधान का article 39A, जोकि Directive Principles of State Policy के अंतर्गत आता है, उसने Legal Aid को बहुत प्राथमिकता दी है। इसका महत्व हम देश में लोगों के भरोसे से देख सकते हैं।

आज दुनिया एक अभूतपूर्व डिजिटल revolution की साक्षी बन रही है। और, भारत इस revolution का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। कुछ साल पहले देश जब BHIM-UPI और डिजिटल पेमेंट्स की शुरुआत कर रहा था, तो कुछ लोगों को लगता था कि ये छोटे से क्षेत्र तक सीमित रहेगा। लेकिन आज हम गांव-गांव में डिटिजल पेमेंट होते देख रहे हैं। आज पूरी दुनिया में जितने रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स हो रहे हैं, उसमें दुनिया में उसमें 40 परसेंट अकेले भारत में हो रहे हैं। रेहड़ी-पटरी और ठेले वाले लोगों से लेकर, गाँव-गरीब तक, डिजिटल पेमेंट अब हर व्यक्ति के लिए सहज दिनचर्या का हिस्सा बन रहा है। जब देश में innovation और adaptation की इतनी स्वाभाविक क्षमता हो, तो justice delivery में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। पीएम ने कहा कि ये हर्ष का विषय है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में देश की न्याय व्यवस्था इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। e-Courts Mission के तहत देश में virtual courts शुरू की जा रही हैं। Traffic violation जैसे अपराधों के लिए चौबीसों घंटे चलने वाली courts ने काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए courts में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है।

कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यारयमूर्ति श्री N.V रमन्ना जी, जस्टिस श्री U.U ललित जी, जस्टिस श्री D.Y चंद्रचूड़ जी, कानून मंत्री श्री किरन जी समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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