दुनियां इस समय तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से घिरा है| दुनियां पर परमाणु यद्ध का साया भी मंडरा रहा है| ऐसे में विश्व की ताकतें भारत की भूमिका पर नजर लगाए हैं|
रूस-यूक्रेन युद्ध की बरसी हो चुकी है लेकिन दोनों देश झुकने को तैयार नहीं है| ऐसे में सीआईए चीफ बिल बर्न्स ने बीते दिन चौकाने वाला बयान दिया है| बर्न्स के मुताबिक, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने परमाणु हथियारों के प्रति अपना विरोध स्पष्ट किया, यह बेहद महत्वपूर्ण है| इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत और चीन का जिक्र किया था|
सीबीएस न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में, जब उनसे पिछले साल तुर्की में रूसी विदेशी खुफिया प्रमुख सर्गेई नारिश्किन के साथ मुलाकात के बारे में पूछा गया, तो बर्न्स ने कहा कि बातचीत निराशाजनक थी. उन्होंने कहा, मेरा लक्ष्य सिर्फ बातचीत करना नहीं था.
परमाणु हथियारों के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि नारिश्किन ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझा और पुतिन ने भी ऐसा ही किया. मुझे लगता है कि यह भी बहुत मूल्यवान है कि चीनी नेतृत्व और भारत में प्रधान मंत्री मोदी ने भी परमाणु हथियारों के किसी भी उपयोग के लिए अपना विरोध स्पष्ट किया है. बिल बर्न्स ने भी माना कि परमाणु युद्ध को रोकने में भारत और चीन का बड़ा योगदान रहा है|
इस दौरान बिल बर्न्स ने दावा किया कि यूक्रेन युद्ध का हश्र देख चीन अपने ताइवान प्लान को रिव्यू करने पर मजबूर हो गया है| रूस जैसी सैन्य शक्ति के सामने यूक्रेन के डटकर खड़े हो जाने के कारण चीन भी घबराया हुआ है|