Saturday, November 23, 2024
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इतिहास के सबसे काले दिनों में शुमार जलियावाला बाग़ हत्याकांड

साल 1919, दिन 13 अप्रैल, जगह अमृतसर का जलियावाला बाग़| वैसाखी के दिन यहाँ पर जनसभा के लिए हजारों लोग जुटे थे| तभी ब्रिगेडियर जनरल रेजिनोल्ड दायर ने फायरिंग का आदेश दे दिया| जिसके बाद पूरा पार्क हरे की जगह लाल हो गया| यहाँ स्थित कुआँ लाशों से भर गया| आज भी इतिहास के सबसे काले दिनों में शुमार जलियावाला बाग़ कांड के शहीदों को देश श्रधांजली दे रहा है|  

पीएम नरेंद्र मोदी  ने भी  ट्वीट कर कहा, ‘1919 में आज के दिन जलियांवाला बाग में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि. उनका अद्वितीय साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा.’ इसके साथ ही पीएम मोदी ने पिछले साल जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर के उद्घाटन के अवसर पर दिया अपना भाषण भी शेयर किया|  

जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास में एक कलंकित घटना है। अमृतसर के जलियांवाला बाग में जब एक भीड़ शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठी हुई थी, तो ब्रिटिश सरकार ने उस पर गोली चलवा दी थी। जिसमें अनेक निर्दोष और निहत्थे लोग मारे गए थे। अंग्रेजों की गोली से बचने के लिए अनेक लोग उसी बाग में मौजूद एक कुएँ में कूद गए थे। इसके कारण भी अनेक लोग इस कुख्यात घटना के दौरान मारे गए थे। यह घटना भारतीय इतिहास में ‘जलियांवाला बाग हत्याकांड’ के नाम से जानी जाती है।

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