Wednesday, April 2, 2025
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भारत नेपाल के साहित्य- सांस्कृतिक प्रगाढ़ कर गया महोत्सव

क्रांतिधरा साहित्य अकादमी द्वारा वृंदावन धाम, भारत में तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन

वृंदावन :  क्रांतिधरा साहित्य अकादमी, मेरठ, भारत और चारू साहित्य प्रतिष्ठान नेपाल द्वारा ‘गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी’, वृंदावन, मथुरा के सहयोग से तीन दिवसीय ‘भारत नेपाल साहित्य व सांस्कृतिक महोत्सव’ का आयोजन गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी, वृंदावन के भव्य सभागार में आयोजित किया गया । जिसमें नेपाल से 100 से अधिक  शिक्षाविद्, लेखक, कवि, पत्रकार आदि शामिल रहे, इसके साथ ही समस्त भारत से 250 से अधिक नवोदित व वरिष्ठ लेखक, कवि, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षाविद लोगों की सहभागिता रही ।

भारत नेपाल साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव, वृंदावन उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता डा घनश्याम न्यौपाने कुलपति, बर्दघाट प्रज्ञा प्रतिष्ठान, नेपाल की रही| उन्होने अपने संबोधन में नेपाल और भारत के ऐतिहासिक संबंधों की मजबूती के लिए इस तरह के आयोजनों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका बताई  ।

मुख्य अतिथि अतिथि श्री पद्मनाभ गोस्वामी सेवायत राधारमण मंदिर, वृंदावन और उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्याम बहादुर सिंह रहे।

भारत नेपाल साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजक डॉ विजय पंडित और  डा देवी पंथी, अध्यक्ष चारू साहित्य प्रतिष्ठान नेपाल ने सभी अतिथियों का रुद्राक्ष की माला पहनाकर स्वागत किया।  सभी मंचासीन अतिथियों द्वारा आयोजन की स्मारिका पूर्वांचल दर्पण सहित एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम के आयोजक डॉक्टर विजय पंडित ने अपने संबोधन में कहा कि भारत नेपाल साहित्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव वसुद्धैव कुटुम्बकम की भावना के साथ आयोजित किया जा रहा है जिसके माध्यम से दोनों देशों के मध्य ऐतिहासिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संबंधों को मजबूती प्रदान करना है। यह आयोजन दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर सहयोग की भावना, भाईचारा, प्रेम, साहित्य का अनुवाद व लेखन, पठन पाठन के दायरे को विस्तार प्रदान करते हुए एक सशक्त साहित्यिक सेतु का निर्माण करता है।

तीन दिवसीय भारत नेपाल साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारंभ सरस्वती प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना इंदौर से पधारी कवयित्री शीतल राघव देवयानी द्वारा प्रस्तुत की गई।

कार्यक्रम संरक्षक :- डा. उमेश चन्द्र शर्मा ( ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ ) ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा ने ब्रज की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि: नेपाल की लघुकथाकार श्रीमति ममता मृदुल अध्यक्ष, लघुकथा समाज कोसी ,  विराटनगर , नेपाल रही और लघुकथाकार अलवर , राजस्थान से डॉ ममता शर्मा ‘अंचल’ , शारदा शर्मा, नारी स्रष्टा समाज, विराटनगर , नेपाल ,  ध्रुव मधिकर्मी सचिव,सिर्जना अभियान समूह, भक्तपुर, ध्रुवराज थापा,  काभ्रे, नेपाल, दीपक लोहनी , विलोम समूह, काठमाडौं , नेपाल, शोभा लोहानी,  काठमाडौं , नेपाल, धन्वन्तरी मिश्र “कात्यायन”, काठमाडौं , नेपाल, शुक्रराज कुँवर ,सुनसरी , नेपाल, रोशन पराजुली, सुनसरी , नेपाल, मनोहर पोखरेल, लघुकथा प्रतिष्ठान संस्थापक अध्यक्ष ,राजविराज , नेपाल, रमेन्द्र कोइराला,  कोषाध्यक्ष लघुकथा समाज कोसी इनरुवा , नेपाल, बिंदिया लम्साल, नारी स्रष्टा समाज , काठमाडौं, नेपाल, ललिता दोषी,  साहित्यकार ,काठमाडौं , नेपाल, एन्जल निलु , लघुकथा प्रतिष्ठान, सप्तरी, नेपाल, नारायण कैलाश सिक्देल,तनहुँ ,गण्डकी प्रदेश नेपाल, विमल शर्मा पौडेल ,पर्वत,गण्डकी प्रदेश नेपाल, सुष्मा आचार्य , भक्तपुर, बाग्मती प्रदेश नेपाल, बिक्रम भक्त जोशी ललितपुर शामिल रहे सभी ने लघुकथा पाठ किया। 

बहुभाषी गजल, चारू, कवि सम्मेलन में ( पञ्चाङ्ग, उदक, बाछिटा, टुक्का, खोरिया, झिल्का) विधाओं की प्रस्तुति रही।  बहुभाषी कवि सम्मेलन सत्र का संचालन  नेपाल के डा देवी पंथी द्वारा किया गया इस विशेष सत्र में  नेपाल से डा घनश्याम परिश्रमी, कुलपति बर्दघाट, नवलपरासी , नेपाल, अनुराग अरुण, बरिस्ठ गजलकार ,काठमाडौं , नेपाल,  यज्ञलाल सुवेदी , चारु साहित्य प्रतिष्ठान , रुपन्देही, डा. देवी पंथी, पर्वतक चारु ,विराटनगर, ध्रुव गजुरेल ,  धरहरा अभियन्ता ,काठमाडौं नेपाल, गजल , सन्देश  दीपक पनेरु ,बरिस्ठ चारुकार , सर्लाही , नेपाल, -चारु , . रिशव शर्मा, विराटनगर , नेपाल । चारु, बिनिता ढकाल , कोषाध्यक्ष चारु साहित्य प्रतिष्ठान विराटनगर , नेपाल । चारु, पवनकुमार बुढाथोकी , प्रतिनिधि स्रष्टा साँझ अमेरिका ,काठमाडौं, नेपाल । चारु, खगेन्द्र भट्टराई , सचिव चारु साहित्य प्रतिष्ठान , विराटनगर , नेपाल । चारु, टीकादेवी भट्टराई, विराटनगर,नेपाल। चारु र झिल्का, सोमनाथ लुइटेल , प्रवर्तक पञ्चाङ्ग, पाल्पा , नेपाल पञ्चाङ्ग र चारु,  सविता के.सी. बोहरा , पञ्चाङ्ग अध्यक्ष, काठमाडौँ नेपाल । पञ्चाङ्ग र चारु,चन्द्रावती अधिकारी,पञ्चाङ्ग उपाध्यक्ष, कोहलपुर , पञ्चाङ्ग र चारु,  राधेश्याम नगरकोटी, पञ्चाङ्ग सदस्य, भक्तपुर नेपाल पञ्चाङ्ग र चारु ,  पोम रेग्मी, चारु चारु साहित्य प्रतिष्ठान , तेह्रथुम , नेपाल । चारु र टुक्का,  लक्ष्मी रेग्मी , तेह्रथुम , नेपाल । चारु,  राधिका पन्थी, चारु साहित्य प्रतिष्ठान ,  विराटनगर , नेपाल । चारु , अरुण खड्का , काठमाडौं , नेपाल । गजल र चारु,  राजेन्द्र बज्राचार्य , भक्तपुर , नेपाल । नेवारी चारु,  लक्ष्मीप्रसाद मिश्र, चारु साहित्य प्रतिष्ठान ,  लमजुङ, नेपाल । चारु र खोरिया,  स्वर्ण शिखा,  स्वर्ण गजल पाठशाला ,दाङ ,नेपाल । गजल और चारु, खुसीराम डौलिया, लमजुङ , नेपाल । चारु,  सत्यराज जोशी , कंचनपुर , नेपाल । गजल,  भानु पोख्रेल , झापा , नेपाल । चारु र बाछिटा,  सुरक्षा अधिकारी , काठमाडौं नेपाल । गजल( चारु),  मेघनाथ बन्धु खनाल ,  झापा नेपाल, चारु र टुक्का,  भगवती दवाडी , झापा नेपाल । चारु र  झिल्का,  काजी  सुनुवार , पर्वत , नेपाल चारु,  इनु पौडेल , भक्तपुर – चारु,   पर्मेश्वरी  बिस्ट, भक्तपुर – चारु  ।

इसी सत्र में लुधियाना पंजाब की कवयित्री डा.जसप्रीत कौर फ़लक की पंक्तियों .. कृष्णा  तेरी  नगरी  में , मैं   आई   हूँ   पहली   बार,  प्रेम   भरा ,  श्रद्धा  भरा  ,  प्रणाम   करो   स्वीकार ॥ 

चंडीगढ़ से पल्लवी शर्मा ने सुनाया … अजब सा था ख़ुमार, सदियों पुराने मार्ग ! ठुमकती ,चलती हुई बैलगाड़िया, ईश यहाँ छोढ़े हैं , अदभुत निशानियाँ  ।।

निम्न  पंक्तियों ने सभागार में उपस्थित जनसमूह द्वारा खूब सराही गई।  प्रथम दिन के समापन पर आयोजक  डॉ विजय पंडित ने सभी अतिथियों व श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

वृंदावन में आयोजित तीन दिवसीय भारत नेपाल साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव के दुसरे दिन प्रथम सत्र में पुस्तकों के विमोचन और शोध पत्र प्रस्तुत किये गये।  मंचासीन अतिथयों में मुख्य अतिथि प्रो रविन्द्र कुमार शर्मा पूर्व कुलपति और विशिष्ट अतिथि प्रो पुष्पा शर्मा रहे, डा महेश शर्मा रहे। सत्र संचालन डॉ देवी पंथी और डॉ हरेन्द्र हर्ष द्वारा किया गया। 

हिंदी, नेपाली भोजपुरी, मैथली, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी, तमिल भाषा के कवि सम्मलेन में नेपाल से जया न्यौपाने , तनहुँ, नेपाल, सत्यप्रकाश , तनहुँ ,नेपाल, प्रकाश वाग्ले , तनहुँ, नेपाल, विमला भण्डारी , तनहुँ , नेपाल, कृष्ण अधिकारी , तनहुँ , नेपाल,  मोहन बहादुर भुजेल,तनहुँ,  नेपाल, द्वारिका कूईकेल ,काठमांडू, नेपाल,  रश्मि रिमाल , झापा, नेपाल,  इन्दिरा ढकाल , काठमाडौ ,नेपाल, ड. गोविन्दमानसिंह कार्की , काठमाडौंं,नेपाल,  ममता कुमारी  कार्की, काठमाडौं, नेपाल,  राधा चालिसे , काठमाडौंं,नेपाल, डा बद्रीविशाल पोख्रेल , सुनसरी, नेपाल,  वोधराज घिमिरे  , उदयपुर, नेपाल, वसन्तराज खनाल , लमजुङ , नेपाल,  युवराज घिमिरे  लमजुङ , नेपाल, मातृका प्रसाद खनाल, लमजुङ, नेपाल ।

भारत से डा ममता शर्मा ‘अंचल’, अलवर, डॉ परमजोत सिंह ‘वेदी’, मधेपुरा, बिहार, जया मोहन श्रीवास्तव, प्रयागराज, ललित मोहन श्रीवास्तव, प्रयागराज, डॉ जयप्रकाश नागला, महाराष्ट्र, डॉ कृष्णा रावत, जयपुर , डा प्रवीण कुमार, लखनऊ, स्मिता सक्सेना, लखनऊ , उपमा आर्य, लखनऊ,  दीनबंधु आर्य, लखनऊ,  राजेश कुमार भटनागर, जयपुर ,  बलिराज चौधरी, भोपाल, डॉ मनोज कुमार फगवाड़वी, फगवाड़ा, पंजाब,  डॉ दीनदयाल तिवारी ‘बेताल’, टीकमगढ़,  अनुराधा सहस्त्रबुद्धे, मुंबई,  डॉ भोलाप्रसाद आग्नेय, बलिया , डॉ आदित्य कुमार ‘अंशु’, बलिया, अणुव्रत सेवी प्रो डॉ ललिता बी जोगड़ , मुंबई,  डॉ के पद्मिनी, तमिलनाडु, ए देविका कोयम्बटूर, टी प्रभाकरन कोयम्बतूर, कुसुम श्रीवास्तव, दिल्ली, एम महेंद्र जैन पोतदार सत्य, टीकमगढ़,  सुभदा पांडेय, आगरा,  इन्दु भूषण पांडेय ‘अजनबी’, शाहजहांपुर, डा सुधा पांडेय नालंदा,  डा जयकांत पांडेय, नालंदा,  साकार श्रीवास्तव फलक, जयपुर,  डॉ रामप्रकाश, अकोला, महाराष्ट्र, हेमंत  सक्सेना, मेरठ,  राघव देवयानी, इंदौर, अर्चना आनंद, गाजीपुर, मोनिका अग्रवाल नागपुर, सिक्किम से राधा पांडेय, असम से विष्णु शास्त्री, असम से ही  सागर सापकोटा शामिल रहे ।

तृतीय दिवस में समापन सत्र आयोजित किया गया जिसकी मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेत्री और मथुरा से माननीय सांसद हेमा मालिनी रही और अतिथियों को ‘ब्रज शिरोमणि सम्मान’ से सम्मानित किया ।

उन्होंने अपने सम्बोधन में आयोजन को नेपाल और भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संबंधों के लिए मील का पत्थर बताया और कहा की भविष्य में भी ऐसे आयोजन भारत और नेपाल में निरंतर होते रहने चहिये, आयोजक डॉ विजय पंडित, ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ उमेश चंद शर्मा, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद् के समन्वयक चंद्रप्रकाश सिकरवार आदि को विशेष रूप से बधाई देते हुए सभी अतिथियों का अभिनन्दन किया। कत्थक नृत्य, ब्रज और नेपाली सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ क्रांतिधरा साहित्य अकादमी मेरठ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय भारत नेपाल साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव का समापन हुआ।

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