लखनऊ। शांतिकुंज की ब्रह्मवादिनी टोली की अगुआई में यहां एमबी गार्डेन इंदौराबाग बक्शी का तालाब में पांच अप्रैल से चल रहा 51 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ नेत्र जांच शिविर, विद्यारंभ, मुण्डन व दीक्षा आदि विभिन्न संस्कारों के साथ संपन्न हो गया।
इस शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ और जनस्वास्थ्य जागरूकता अभियान ने ग्रामीण लखनऊ में स्वास्थ्य, सेवा और धर्म को एक साझा मंच पर लाकर अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। ग्राम समुदायों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने और युवाओं को सेवा के लिए प्रेरित करने के मकसद से धर्मप्रेरित संस्थाओं के इस साझा प्रयास में विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में नेत्र जांच शिविर लगाया गया। नेत्र जांच, आयुष परामर्श और टेलीमेडिसिन शिविरों में चार सौ से ज्यादा ग्रामीण लाभान्वित हुए।साथ ही नेत्र परीक्षण मोबाइल वैन भी दूरस्थ गांवों में भेजी गयीं। युवा स्वयंसेवकों द्वारा स्वच्छता, नेत्र दान जागरूकता और योग प्रदर्शन किया गया। विवेकानंद पालीक्लीनिक नेत्र विभाग के डॉ.जिमी मित्तल ने धर्मप्रेरित संस्थाओं की भूमिका पर कहा कि ऐसी संस्थाओं के सेवा कार्य स्वास्थ्य और शिक्षा के लोकतंत्रीकरण की भी रीढ़ हैं। इनकी गहराई से जुड़ी जन-संवेदना, निःस्वार्थ सेवा और युवा सहभागिता, उन्हें जनस्वास्थ्य सुधार में प्रभावशाली बना देती है। रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद महाराज ने कहा कि सेवा तभी सार्थक होती है जब वह श्रद्धा, समरसता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से युक्त हो। गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया कदम है। अध्यक्षीय वक्तव्य में वरिष्ठ गायत्री साधक मेजर वीके खरे ने दोनों संगठनों की आध्यात्मिक एकरूपता पर चर्चा करते हुए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी साथ-साथ सहयोग और कार्य करने का आश्वासन दिया। नेत्र शिविर संयोजक संयोजक ऋषभ रस्तोगी ने बताया कि गायत्री परिवार, श्रीराम आयुष केंद्र, अरुणोदय नेत्र केंद्र और रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के संयुक्त प्रयास से आगे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी टेलीमेडिसिन केंद्रों की स्थापना की जायेगी।यहां उपस्थित जनसमूह को ब्रह्मवादिनी टोली ने वंदनीया माताजी तथा अखंड दीप की जन्म शताब्दी पर सेवा कार्य में जुट पड़ने का संकल्प दिलाया। गायत्री महायज्ञ में सैकड़ों स्थानीय श्रद्धालुओं और युवाओं ने भाग लिया।