Friday, October 18, 2024
Homeपर्यावरणनून नदी को पुनर्जीवित करने की मुहीम रंग लाई

नून नदी को पुनर्जीवित करने की मुहीम रंग लाई

यमुना कछार इलाके में यमुना की सहायक नदी के रूप में सूखी नोन नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास रंग ला रहे हैं| स्थानीय प्रशासन, नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की मेहनत का ही नतीजा है कि नदी पांच किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में दोबारा बहने लगी है| इसमें मानसून के जल के उपयोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है| पूरे मामले में नदियों को पुनर्जीवित करने के अभियान में जुटे नदी पुत्र रमन कांत त्यागी का कहना है नून नदी को जिस प्रकार से पुनर्जीवित किया जा रहा है| वो सभी नदियों को बचाने में एक माडल साबित होगा|  

नदी पुत्र त्यागी ने कहा कि नून नदी (साउथ) को पुनर्जीवित करने में जिलाधिकारी श्रुति और मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है| मानसून की पहली बरसात के बाद जिस प्रकार से नदी में पानी का बहाव आया है| वो नई उम्मीदों से भरा है| इसके साथ ही नदियों के बचाने के लिए माडल बन सकता है| गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व ही जहानाबाद विधानसभा से भाजपा विधायक राजेन्द्र पटेल ने कार्यकर्ताओं के साथ नदी को पुनः जीवित करने के लिए श्रमदान किया था । इसके साथ नदियों को बचाने में जुटे स्व्यसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई| जानकारी के मुताबिक़ जनपद कानपुर देहात के मूसानगर क्षेत्र के कोटरा मकनपुर गांव के पास इटावा खारजा नहर के पास से नोन नदी का उद्गम है। नदी यहां से चलती है। यह फतेहपुर मानेपुर पत्योरा के पास जनपद में प्रवेश करती है। इसके बाद जिले में 22 किमी तक बहती है और फिर चांदपुर गांव के पास यमुना में गिरती है। करीब दो दशक पहले तक नदी में दस के करीब ढोल (नदी अंदर गहरे कुएं ) मौजूद थे। लेकिन बाद में नदी विलुत होती चली गई| बाद में नदी को पुनर्जीवन देने के लिए वर्ष 2016-17 से जान जागरण अभियान चलाया गया| 2017 में भिटौरा के संत स्वामी विज्ञानानंद ने नदी की पैदल यात्रा की| फिर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से अभियान को व्यापक रूप दिया गया|

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments