लखनऊ : माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा जाति जनगणना कराये जाने के ऐतिहासिक फैसले पर बुधवार को राजधानी लखनऊ के सहकारिता भवन में संगोष्ठी एवं आभार सभा सम्पन्न हुई। जिसमें मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद एवं भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री व भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेंद्र कश्यप ने की। कार्यक्रम को पूर्व सांसद व भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री संगम लाल गुप्ता ने भी संबोधित किया। भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश महामंत्री, विधान परिषद सदस्य श्री रामचंद्र प्रधान द्वारा संचालन किया गया।
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जातीय जनगणना कराये जाने का फैसला लेकर भारत की राजनीति में एक नया इतिहास लिखने का काम किया है। जातीय जनगणना कराने से विशेष कर भारत के अन्य पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्ग के लोगों को अपनी संख्या की पहचान होगी और संख्या के अनुपात में संवैधानिक अधिकारों को पाने का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री जी के इस ऐतिहासिक फैसले का ओबीसी मोर्चा एवं ओबीसी समाज हृदय से आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करता है।
श्री लक्ष्मण ने कहा कि देश इस बात को जानता है कि अन्तिम रूप से जातीय जनगणना आजादी के पूर्व वर्ष 1931 में हुई थी। 94 वर्ष का लम्बा अन्तराल ऐसा गुजरा जिसमें अधिकांश समय में कांग्रेस पार्टी या गैर भाजपा दलों की सरकारे देश में रही है। लेकिन अफसोस कि गैर भाजपाई किसी भी सरकार ने जातीय जनगणना कराने का कभी साहस नहीं जुटाया और आज उनकी पार्टी के नेता राहुल गांधी, अखिलेश यादव तथा तेजस्वी यादव जैसे अनेको पिछड़ा वर्ग विरोधी सोच रखने वाले, आज मोदी जी के जातीय जनगणना कराने के फैसले का श्रेय लेने की होड़ में खड़े हो गये हैं। अच्छा होता कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल जैसे सभी गैर भाजपाई दलों के नेता भारत के पिछड़े वर्ग के लोगों से माफी मांगते।
पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा। इसके पश्चात एक समिति का भी गठन किया गया जिसमें अधिकांश राजनैतिक दलों ने जातिगत आधार पर जनगणना की संस्तुति की। लेकिन तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने 2011 की जनगणना जातिगत आधार पर कराने का विरोध किया और कहा कि जातियों की गिनती जनगणना में नही बल्कि अलग से कराई जाएगी। इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना की जगह एक सर्वे करवाया जिस पर 4893.60 करोड़ रूपए खर्च किए गए। लेकिन जातिगत आकड़े प्रकाशित नही हुए क्योंकि इस सर्वे में 8.19 करोड़ गलतियां पाई गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-सपा सहित इंडी गठबंधन के तमाम घटक दल जाति आधारित जनगणना के सदैव विरोध में रहे।
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री श्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की जातीय जनगणना के फैसले से आज पिछड़े वर्ग के लोगों में जश्न का माहौल है, लोग खुशियां मना रहे हैं, लड्डू बांट रहे हैं तथा ढोल-बैण्ड बाजे बजाकर प्रधानमंत्री जी के फैसले का स्वागत कर रहे हैं। क्योंकि जातीय जनगणना होने से सामाजिक न्याय एवं संवैधानिक अधिकारों को पाने के नये अवसर मिलने वाले हैं। ओबीसी समाज के लोगों को शिक्षा, अर्थ व्यवस्था एवं राजनीति में भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। मोदी जी ने साबित किया है कि वह जो कहते हैं, करके भी दिखाते हैं। भाजपा की विचारधारा अन्योदय से सर्वाेदय तक जाने की है। जो जातीय जनगणना के फैसले से सही प्रतीत हो रही है।
श्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि देश में गांधी परिवार से 03 प्रधानमंत्री बने हैं जिनमें पं0 जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इन्दिरा गांधी के अलावा राजीव गांधी। क्या कभी गांधी परिवार ने ओबीसी समाज के लोगों के इस दर्द को समझा? गांधी परिवार तो हमेशा आरक्षण का विरोधी रहा है, ओबीसी समाज का विरोधी रहा है, दलितो का विरोधी रहा है। गांधी परिवार की यह आरक्षण विरोधी नियत देश के सामने उस समय उजागर हो गयी थी जब 1955 के काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को पं0 जवाहरलाल नेहरू ने लागू नहीं होने दिया और 1980 में बी.पी. मण्डल आयोग की रिपोर्ट का तो खुलकर संसद एवं सड़क पर गांधी परिवार ने विरोध किया और सच तो यह भी है कि यदि 1990 में भाजपा के समर्थन से बी.पी. सिंह की सरकार नहीं बनी होती तो देश को कभी ओबीसी के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण भी नहीं मिला होता। कांग्रेस पार्टी की नियत यदि ओबीसी समाज के लिए ठीक होती तो इस समाज को आरक्षण का लाभ आजादी के तुरन्त बाद ही मिल जाता। आज ओबीसी समाज भारत की मुख्यधारा से जुड़ा होता तथा बराबरी का स्थान व सम्मान पा चुका होता।
श्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सही मायनों में देश की 140 करोड़ जनता को अपना मानते है, जिन्होंने ‘‘सबका साथ सबका विकास‘‘ की अवधारणा पर सबको आगे बढ़ाने का काम किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ओबीसी समाज के दर्द व मर्म को समझा। आज भारत के अन्दर ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा मिला। ओबीसी के चेयरमैन को कैबनेट मंत्री का दर्जा मिलना, नीट परीक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना, केन्द्रीय एवं सैनिक विद्यालयों में 27 प्रतिशत रिजर्वेशन मिलना, क्रीमिलेयर आय सीमा को 8 लाख तक बढ़ाना तथा केन्द्रीय कैबनेट में 27 प्रतिशत पिछड़े सांसदों को मंत्री बनाना जैसे महत्वपूर्ण निर्णय हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में जातिगत जनगणना कराए जाने को लेकर घोषणा की थी, जिसको लेकर अब भारतीय जनता पार्टी एक अभियान के रूप में शुरू कर चुकी है। श्री कश्यप ने कहा कि ओबीसी मोर्चा, उ0प्र0 जहॉ एक तरफ जातीय जनगणना का फैसला लेने वाले देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करेगा वहीं कांग्रेस, सपा एवं गैर भाजपाई दलों जिनकी सोच, मानसिकता एवं एजेण्डा पिछड़ा विरोधी रहा है, उसका पर्दाफाश भी करेगा।
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री संगम लाल गुप्ता ने जातिगत जनगणना कराने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ओबीसी मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी देश भर में स्वागत समारोह जनसभा तथा अन्य समारोह व रैली करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जातिगत जनगणना कराने के फैसले के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेताओं को बेचैन कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने ऐसा फैसला लिया है कि विपक्ष देखता रह गया और उसके पास इसका स्वागत करने और समर्थन देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
ओबीसी मोर्चा के प्रदेश महामंत्री एमएलसी रामचंद्र प्रधान ने कहा है कि जातिगत जनगणना होने से भारत और उत्तर प्रदेश के अलावा देश के कोने कोने में रहने वाले पिछड़ों को बहुत लाभ मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक राज्य सरकार के पास पिछड़ों का स्पष्ट आंकड़ा होगा ,तो उनके लिए तमाम तरीके की नौकरी, रोजगार, शिक्षा ,व्यवसाय और निजी क्षेत्र में भी विकल्प खोजे जाएंगे। साथ ही उनके उत्थान ,विकास और शिक्षा पर भी जोर दिया जाएगा।
कार्यक्रम में भाजपा विधायक रामरतन कुशवाहा, लखनऊ भाजपा जिलाध्यक्ष विजय मौर्या, प्रदेश महामंत्री ओबीसी मोर्चा संजय भाई पटेल, ऋषि चौरसिया, नीरज गुप्ता, विजय गुप्ता सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे।