- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मिशन मौसम” के अंतर्गत भारत की मौसम पूर्वानुमान प्रणाली
- मौसम की भविष्यवाणी को बढ़ावा देने के लिए पूरे क्षेत्र में स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) और डॉपलर रडार जोड़े जा रहे हैं: पृथ्वी विज्ञान मंत्री
नई दिल्ली : मौसम विज्ञान विभाग के केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देशभर में पिछले दो दिनों में खराब मौसम की घटनाओं के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पुष्टि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मिशन मौसम” के अंतर्गत भारत की मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को वैश्विक सर्वश्रेष्ठ मानकों के अनुरूप बनाने के लिए पर्याप्त रूप से संवर्धित किया जा रहा है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने कहा कि भारत के सबसे पुराने आईएमडी पूर्वानुमान केंद्रों में से एक शिमला में है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि वास्तविक समय के मौसम पूर्वानुमान को बढ़ावा देने के लिए पूरे क्षेत्र में स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) और डॉपलर रडार जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बादल फटने की घटनाएं अचानक होती हैं और उनकी प्रकृति के कारण उनका पूर्वानुमान लगाना मुश्किल होता है, हमारी प्रणाली लॉन्ग रेंज (30 दिन), शॉर्ट रेंज (3 दिन) और नाउकास्ट (3 घंटे) जैसे लक्षित पूर्वानुमानों के साथ बेहतर हो रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारी पूर्वानुमान प्रणाली इतनी सटीक है कि मुंबई जैसे भारी मानसून वाले स्थानों पर लोग अपने घर से बाहर निकलते समय छाता ले जाने या न ले जाने का फैसला करने से पहले मोबाइल फोन पर आईएमडी का व्हाट्सएप देखते हैं। उन्होंने किसानों और कृषिविदों के लिए समर्पित मौसम पूर्वानुमान ऐप के बारे में भी जानकारी दी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब मौसम का पूर्वानुमान सटीक होता है, तब भी तेज़ वर्षा या अचानक बाढ़ के बाद होने वाली क्षति कभी-कभी प्रभावित स्थान या आवास की अतिसंवेदनशीलता को निर्धारित करने वाले स्थानीय कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे मौसम पूर्वानुमान का लाभ पड़ोसी देशों को भी मिल रहा है, जो इसकी विश्वसनीयता की पुष्टि करता है।