आईआईएम कोलकाता और आईआईटी गुवाहाटी में इनक्यूबेट किए गए एसटी-लेड वेंचर्स को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला
नई दिल्ली : जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ में देश भर से 45 जनजातीय-नेतृत्व वाले स्टार्टअप को प्रदर्शित करके आदिवासी उद्यमिता को सशक्त बनाने में एक अहम पड़ाव हासिल किया। जनजातीय गौरव वर्ष के एक हिस्से के रूप में प्रमुख पहल, “धरतीआबाट्राइबप्रिन्योर्स 2025” के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में, डीप टेक से लेकर जैविक खेती और हरित ऊर्जा तक के क्षेत्रों में नवाचार देखने को मिले।
प्रमुख संस्थानों-आईआईएम कोलकाता और आईआईटी गुवाहाटी में इनक्यूबेट किए गए दो जनजातीय-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को माननीय केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल से प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मान्यता मिली, जिसने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में आदिवासी उद्यमियों की बढ़ती भूमिका को स्थापित किया।
इस मौके पर, माननीय केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम और जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव श्री विभु नायर ने विजेता स्टार्टअप को उनके अनुकरणीय नवाचार और समुदायिक-नेतृत्व वाले विकास के प्रति समर्पण के लिए बधाई दी। उन्होंने जनजातीय भारत की आकांक्षाओं और संभावनाओं का राष्ट्रीय मंच पर प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें भाग लेने वाले सभी उद्यमियों के प्रयासों की सराहना की।
सिक्किम के गंगटोक में स्थित, ऑवरगेस्ट ट्रेवल्स (www.ourguest.in ) को डी2सी (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पूर्वोत्तर भारत के पहले ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर (ओटीए) के रूप में, यह सिक्किम, उत्तर बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर में होमस्टे, फ़ार्मस्टे, रिसॉर्ट और गाइडेड अनुभवों का एक क्यूरेटेड संग्रह प्रदान करता है। 600 से अधिक होमस्टे और 50 से ज्यादा गाइड के साथ, इस प्लेटफ़ॉर्म ने 6,000 से अधिक यात्रियों की सेवा की है और ग्रामीण आजीविका और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने में मदद की है। उनकी यह उपलब्धि एक मजबूत आदिवासी स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए मंत्रालय के 100-दिवसीय एजेंडे के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
आदिवासी उद्यमियों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना
3 दिवसीय कार्यक्रम का समापन 45 आदिवासी स्टार्टअप संस्थापकों, 100 ईएमआरएस (एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय) छात्रों, उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति का लाभ उठाने वाले 150 आदिवासी छात्रों को भागीदारी प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ हुआ।प्रतिभागियों ने आईआईटी दिल्ली में बूटकैंप में भी हिस्सा लिया और स्टार्टअप महाकुंभ के दौरान स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक्सपोजर विज़िट में भाग लिया।
आत्मनिर्भर आदिवासी भारत की ओर
जनजातीय मामलों का मंत्रालय धरतीआबाट्राइबप्रिन्योर्स 2025 जैसी पहलों के ज़रिए आदिवासी नवोन्मेषकों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना जारी रखे हुए है – जिसमें मेंटरशिप, फंडिंग, क्षमता निर्माण और प्लेटफॉर्म एक्सपोजर का मिश्रण देखने को मिलता है। भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप कॉन्क्लेव में आदिवासी उद्यमियों की मौजूदगी और उन्हें मिली मान्यता, आदिवासी भारत को राष्ट्र की विकास कहानी में एक प्रमुख हितधारक बनाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।