Tuesday, January 28, 2025
Homeपर्यावरणजनप्रयास से लोककथाओं से निकल पुनर्जीवित हुई नीम नदी : पीएम के...

जनप्रयास से लोककथाओं से निकल पुनर्जीवित हुई नीम नदी : पीएम के मन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में नीम नदी को पुनर्जीवित करने में आम लोगों के प्रयासों की सरहाना की। पीएम मोदी ने देश में विलुप्त हो रही नदियों, नालों एवं तालाबों को अपने पुराने स्वरूप में लाने के लिए सभी की सहभागिता को जरूरी बताया।

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 102वें संस्करण में चार दशक से विलुप्त हो रही  नीम नदी के पुनर्जीवित करने के प्रयास की चर्चा की। उन्होंने कहा कि नीम नदी और गांव दत्तियाना के सरोवर महाभारत काल से प्रसिद्ध बताए जाते हैं लेकिन, समय के साथ यह अपने अस्तित्व और पुराने स्वरूप को खोते चले गए। धीरे-धीरे नदी क्षेत्र पर कब्जा शुरू हो गया और नीम नदी केवल लोककथाओं में ही रह गई| फिर धीरे सामूहिक प्रयासों ने रंग लाना शुरू किया|

दूसरी ओर लोकभारती नीम नदी की यात्रा प्रारंभ कर जिला प्रशासन का ध्यान जिला पर्यावरण समिति एवं जिला गंगा समिति की ओर से इस ओर आकृष्ट किया था। फिर लोगों के प्रयासों से गाँव-गांव के लोगों ने पेड़ लगाकर उनको गोद लेना शुरू किया। गांवों में नीम नदी संसद का गठन किया गया। पर्यावरणविद रमनकान्त त्यागी और भारत भूषण गर्ग के महत्वपूर्ण प्रयास रहे| नीर फाउंडेशन के रमनकांत त्यागी के अनुसार नीम नदी दतियाना गाँव से निकलकर बुलंदशहर और अलीगढ़ से होकर 188 किमी की दूरी तय करती है| फिर कासगंज में श्याम मंदिर के पास पूर्वी काली नदी में मिल जाती है| रमांकांत बताते हैं कि 12 जून 2022 को गांव दत्तियाना में नदियों पर काम करने वाली संस्था नीर फाउंडेशन के सहयोग से एक बड़ा कार्यक्रम नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू हुआ। जिसमे मंडलायुक्त  समेत जिला व स्थानीय स्तर के अधिकारियों के साथ नदी के मार्ग में आने वाले गांवों के जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने भाग लेकर नदी को पुनर्जीवित करने के लिए संकल्प लिया और साकार करने की तरफ कदम उठाया। हापुड़ जिले में नदी के करीब 15 किलोमीटर के सफर में गांव हिम्मतपुर, राजपुर, सिखैडा, खुडलिया, मुरादपुर, सैना, बंगौली और दरियापुर होते हुए नीम नदी गांव बाहपुर के पास बुलंदशहर जनपद में प्रवेश करती है। इस नदी के कारण गांवों का भूजल स्तर कभी कम नहीं होता है। यह गंगा की सहायक नदी के रूप में काम करती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments