Tuesday, April 15, 2025
Homeराजनीतिराज्य38 वर्षों के बाद मिला लखनऊ कैट को अपना भवन

38 वर्षों के बाद मिला लखनऊ कैट को अपना भवन

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण भवन का उद्घाटन

लखनऊ : लखनऊ कैट (केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण) पीठ की स्थापना 1987 में हुई थी लेकिन इसे अपना कार्यालय भवन 38 वर्षों के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मिला है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी, जो कैट के प्रशासनिक मंत्रालय डीओपीटी (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) के प्रभारी मंत्री भी हैं।

भारतीय संविधान के निर्माता अंबेडकर की जयंती के अवसर पर एक सुविचारित कदम के तहत, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शहर के गोमती नगर क्षेत्र में लखनऊ कैट (केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण) भवन का उद्घाटन किया।

लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की केंद्रीय निधि से पूरा किया गया, जिसके प्रभारी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह हैं। राजधानी लखनऊ में नया कैट परिसर, प्रशासनिक न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि  है।

इस अवसर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकरण 1987 में अपनी स्थापना के बाद से ही किराए के परिसर में काम कर रहा था और यह नई सुविधा केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार के मॉडल के तहत हासिल की गई तीव्र प्रगति को दर्शाती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह उद्घाटन इस बात के कई उदाहरणों में से एक है कि हम इस सहयोगी शासन दृष्टिकोण के तहत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”

सस्ता, सुलभ और कुशल न्याय सुनिश्चित करने के कैट के मिशन पर प्रकाश डालते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकरण ने 1985 में अपनी स्थापना के बाद से दायर लगभग 9.6 लाख मामलों में से 8.88 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया है और लगभग 93 प्रतिशत की निपटान दर हासिल की।

मंत्री महोदय ने जोर दिया कि मात्र 50 रुपये की फाइलिंग फीस और वादियों को बिना वकील के उपस्थित होने की अनुमति देने वाले प्रावधानों के साथ, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण लोगों तक  न्याय की पहुंच के सिद्धांत को मूर्त रूप देता है। केंद्रीय मंत्री ने अधिकरण के न्यायिक उत्कृष्टता के सुसंगत ट्रैक रिकॉर्ड को भी रेखांकित किया, जिसमें इसके कई निर्णयों को उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखा गया है। नए भवन को केवल एक संरचना से कहीं अधिक बताते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह अधिकरण की सुधार, न्याय और पारदर्शिता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस भवन को न्यायिक कार्य के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है, जो देश की प्रशासनिक न्याय प्रणाली में एक चुनौतीपूर्ण प्रारंभिक चरण से एक सम्मानित संस्थान के रूप में कैट के विकास को दर्शाता है। चूंकि न्यायिक कार्य इस नए भवन से शुरू हो रहा है, यह विकास उत्तर प्रदेश में केंद्र-राज्य के तालमेल और देश भर में संस्थागत बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के निरंतर प्रयासों का एक और प्रमाण है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments