हाल ही में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय की गुरुग्राम क्षेत्रीय इकाई ने 461 मुखौटा/फर्जी कंपनियों से जुड़े एक बड़े फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें फर्जी तरीके से 863 करोड़ रुपये के आईटीसी को एक-दूसरे को दिया गया था। इस मामले में अब तक दो मुख्य गुर्गों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फर्जी मुखौटा कंपनियों के माध्यम से फर्जी आईटीसी को एक-दूसरे को देने के इस रैकेट का पता तब चला, जब खुफिया जानकारी के आधार पर इस मकसद से चलाए जा रहे एक गुप्त कार्यालय की तलाशी ली गई। इस दौरान बड़ी संख्या में रेंट एग्रीमेंट, बिजली बिल, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आदि जैसे दस्तावेजों की जाली/ नकली /फर्जी सॉफ्ट कॉपी इस गुप्त कार्यालय में जब्त किए गए लैपटॉप में पाई गई थीं, जिनका इस्तेमाल फर्जी मुखौटा कंपनियों को बनाने और संचालित करने के लिए किया गया था। इस कार्यालय से जब्त किए गए लैपटॉप, उपकरणों की फॉरेंसिक जांच से अंतत: 461 फर्जी कंपनियों से जुड़ी 863 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी का पता चला, और दो प्रमुख गुर्गों को गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच से संकेत मिला है कि फर्जी आईटीसी क्रेडिट अंततः अत्यधिक टैक्स चोरी वाले धातु/लौह और इस्पात क्षेत्र में पहुंच गया है।