Monday, June 9, 2025
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राष्ट्रपति भवन में चला क्रिकेट के भगवान का बल्ला

‘राष्ट्रपति भवन विमर्श श्रंखला’ के तहत सचिन तेंदुलकर बातचीत के दौरान प्रेरक प्रसंग साझा किए

नई दिल्ली : क्रिकेट के महान बल्लेबाज श्री सचिन तेंदुलकर ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ आज (6 फरवरी, 2025) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। राष्ट्रपति और श्री तेंदुलकर ने अमृत उद्यान का भी दौरा किया।

राष्ट्रपति भवन की पहल ‘राष्ट्रपति भवन विमर्श कार्यक्रम’ के तहत बाद में, एक संवादात्मक सत्र में, श्री तेंदुलकर ने एक क्रिकेटर के रूप में अपनी यात्रा के किस्सों के माध्यम से प्रेरणा के सिद्धांतों को साझा किया। इस सत्र में महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों और विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने भाग लिया, उन्होंने टीम वर्क, दूसरों का ख्याल रखने, दूसरों की सफलता का जश्न मनाने, कड़ी मेहनत, मानसिक और शारीरिक मजबूती विकसित करने और जीवन निर्माण के कई अन्य पहलुओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भविष्य के खेल सितारे दूरदराज के इलाकों और आदिवासी समुदायों और उन इलाकों से आएंगे जिन्हें इतने विशेष अधिकार प्राप्त नहीं हैं।

संत बनकर सनातन की सेवा करेगी विश्व सुंदरी  

प्रयागराज: ग्लैमर पर इन दिनों अध्यात्म का तड़का लगता है तो दुनियाँ भर में चर्चा होती है| ग्लैमर वर्ल्ड का ऐसा ही एक चेहरा दिनों संत बनने के कारण चर्चा में है|  ये चर्चा महाकुंभ 2025 में एक हीरोइन के संत बनने के कारण है| लेकिन यहाँ हम बात ममता कुलकर्णी की नहीं कर रहे हैं| इंका नाम है इशिका तनेजा । दिल्ली की रहने वाली इशिका तनेजा ने लंदन से पढ़ाई की है। वह मिस वर्ल्ड टूरिज्म रह चुकी हैं। मिस इंडिया का खिताब जीत चुकी राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित एक्ट्रेस इशिका तनेजा ने ग्लैमर की दुनिया को अलविदा का। उन्होंने अध्यात्म की राह पकड़ ली। इशिका अब श्री लक्ष्मी बनकर सनातन के प्रचार-प्रसार में जुट गई हैं। इशिका तनेता ने द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती से गुरु दीक्षा ली है। इशिका का कहना है कि नाम और शोहरत के बाद भी उनका जीवन अधूरा सा लग रहा था। जीवन में सुख-शांत के साथ रियल लाइफ को भी सुंदर बनाना जरूरी है। वह कहती हैं कि हर बेटी को धर्म की रक्षा और इसे आगे बढ़ाने के लिए सामने आना चाहिए।

इशिका कहती हैं कि मेरे लिए सनातन रील नहीं, रियल है। अब मैं शांति और आत्मसंतुष्टि के लिए मानव सेवा करूंगी। वह महाकुंभ को लेकर कहती हैं कि यह विशेष आयोजन है। वैश्विक स्तर पर इसकी चर्चा हो रही है। जितना बड़ा आयोजन है, वैश्विक स्तर पर तो इसकी भूमिका की चर्चा होनी ही चाहिए। वह कहती हैं कि सनातन संकृति का विस्तार हो रहा है। इसकी चुनौतियों पर कुंभ में चर्चा होनी चाहिए। इशिका वेदों के अध्ययन को लेकर कहती हैं कि अभी तो हमने शुरुआत की है। ओशो, ब्रह्मकुमारी, गीता को पढ़ रही हूं। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं गीता का भावानुवाद करूं। शादी विवाह के मसले पर इशिका का कहना है कि कम इच्छाएं रखना और जो आपके पास है, उससे संतुष्ट रहने से जीवन सरल रहता है। इसी चाहत में हमने सनातन के प्रचार के लिए धर्म का रास्ता चुना है। सनातन की प्यार है। मुझे कोई और इच्छा नहीं है। फिल्म और धर्म का अंतर बताते हुए इशिका कहती हैं कि छोटे कपड़े पहनने से नहीं, सनातन अपनाने से इज्जत मिलती है। गौरतलब है कि मडलिंग के अलावा इशिका तनेजा ने एक्ट्रेस के तौर पर वॉलीवुड फिल्मों में काम किया। वे फिल्म इंदू सरकार, हद और दिल मंग दी में अभिनय करती दिख चुकी हैं।

परमाणु ऊर्जा को ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में उभारेगा भारत

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छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों  में आर एंड डी के लिए ₹20,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिसका लक्ष्य 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किए गए, चालू एसएमआर स्थापित करना: डॉ. सिंह

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां एक खास मीडिया साक्षात्कार में कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित “परमाणु मिशन” भारत के ऊर्जा परिदृश्य में एक परिवर्तनकारी बदलाव लाएगा और परमाणु ऊर्जा को भारत में ऊर्जा के एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभरने में सक्षम बनाएगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में परमाणु ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिए सरकार के भविष्यवादी रोडमैप पर जोर दिया, जो ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने ₹12 लाख तक की आय पर कर राहत प्रदान करने के क्रांतिकारी निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इस पहल से बड़ी आबादी को संतुष्टि मिलेगी और अर्थव्यवस्था पर इसका कई गुना प्रभाव पड़ेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस घोषणा की सराहना की कि एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत का परमाणु ऊर्जा क्षेत्र निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए खोल दिया गया है। इस कदम को “क्रांतिकारी” बताते हुए उन्होंने कहा कि 60-70 वर्षों से यह क्षेत्र गोपनीयता के तहत काम कर रहा था। अब, अधिक खुलेपन और सहयोग के साथ, भारत आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप परमाणु ऊर्जा में विकास और नवाचार को गति दे सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि कैसे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलने के फैसले ने उद्योग को बदल दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि परमाणु क्षेत्र इसी तरह के विकास और नवाचार का अनुभव करेगा, जिससे ऊर्जा सुरक्षा में एक बड़ा बदलाव आएगा।

पेट्रोलियम आयात पर भारत की निर्भरता पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। और स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि परमाणु ऊर्जा भारत की ऊर्जा सुरक्षा का एक प्रमुख स्रोत होगी।

ऊर्जा सुरक्षा के लिए परमाणु ऊर्जा को एक आधारशिला के रूप में मानते  हुए, सरकार ने विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू किया है, जिसका उद्देश्य घरेलू परमाणु क्षमताओं को बढ़ाना, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना और उन्नत परमाणु प्रौद्योगिकियों को तैनात करना है।

बजट 2025-26 ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों  में आर एंड डी के लिए ₹20,000 करोड़ आवंटित किए हैं, जिसका लक्ष्य 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किए गए, चालू एसआरएम स्थापित करना है। यह 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा क्षमता के भारत के लक्ष्य के अनुरूप है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा सस्टेनिबिलिटी  सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता, जो वर्तमान में 8,180 मेगावाट है, को 2031-32 तक 22,480 मेगावाट तक विस्तारित करने की योजना है, जिसमें गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में दस रिएक्टर निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, दस और रिएक्टरों की योजना प्रगति पर है, जिसमें कोव्वाडा, आंध्र प्रदेश में संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग से एक प्रमुख 6 x 1208 मेगावाट का परमाणु ऊर्जा संयंत्र शामिल है।

पीएम ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

 प्रयागराज : दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान और उत्तर प्रदेश के मिल्किपुर पुर में उप्च्नव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज पहुंचे| महाकुंभ  यहाँ पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई| इस मौके पर पीएम की एक झलक देखने के लिए लोगों में जबर्दस्त क्रेज रहा|

इस यात्रा में पीएम के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई साधु-संत भी मौजूद रहे| संगम स्नान के बाद पीएम मोदी विशेष पूजा-अर्चना में शामिल हुए|  इस दौरान कुंभ नगरी में भक्तों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी जो इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनी| प्रधानमंत्री लगभग ढाई घंटे प्रयागराज में रहेंगे और इस दौरान आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे|

आपराधिक रिकॉर्ड  बच्चों की मानसिकता समझनी जरूरी

किशोर न्याय देखभाल के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों से वैधानिक कानूनों में सुधार, नियमों में बदलाव या एसओपी द्वारा अपने सुझावों को वर्गीकृत करने  की सलाह  

नई दिल्ली : भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री वी रामासुब्रमण्यन ने आज कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों की समस्याओं की स्पष्ट समझ रखने और उनका हल निकालने के लिए सुझाव देने हेतु प्रामाणिक व सत्यापित डेटा का उपलब्ध होना आवश्यक है। वह आयोग की सदस्य श्रीमती विजया भारती सयानी, महासचिव श्री भरत लाल, वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञ वक्ताओं की उपस्थिति में आज आयोग के नई दिल्ली स्थित परिसर में ‘कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों के मानवाधिकार’ विषय पर केन्द्रित बच्चों से संबंधित आयोग के कोर ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ शामिल हुए। 

न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यम ने कहा कि इस विषय पर चर्चा के अनुसार, दो प्रमुख चिंताएं उभरकर सामने आई हैं, जिनमें डेटा कैसे एकत्र किया जाए और कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों से संबंधित पहले से उपलब्ध डेटा को कैसे प्रमाणित किया जाए। इसलिए, उन्होंने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी), राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) और विभिन्न उच्च न्यायालयों के साथ समन्वय एवं परामर्श से कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों, विशेष रूप से उनकी उम्र एवं संख्या और जरूरी नहीं कि उनकी पहचान से संबंधित उपलब्ध डेटा की जांच और प्रमाणित करने हेतु विशेषज्ञों का एक कार्यसमूह गठित करने के सुझाव पर सहमति व्यक्त की। 

एनएचआरसी, भारत के अध्यक्ष ने किशोर न्याय देखभाल के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों से किशोर न्याय प्रणाली के क्षेत्र में सुधार लाने के दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपायों के हिस्से के रूप में कानूनों में संशोधन, नियमों में बदलाव या एसओपी द्वारा सुधार लाने से संबंधित अपने सुझावों को वर्गीकृत करने को भी कहा। उन्होंने किशोर न्याय बोर्डों, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और एनएचआरसी की राज्य-वार बैठकें आयोजित करने के सुझाव पर भी सहमति व्यक्त की ताकि उनकी काउंसलिंग, पुनर्वास और परिवारों में पुन: एकीकरण के संदर्भ में आगे बढ़ने का रास्ता खोजा जा सके। 

यूनिसेफ के तत्वावधान में ‘वैकल्पिक उपायों के अनुप्रयोग से संबंधित आयोग’ नामक एक कार्यसमूह की ‘कानून 2007 के प्रतिकूल बच्चों के अधिकार’  शीर्षक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए, एनएचआरसी अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि डायवर्सन कार्यक्रम विकसित करने संबंधी सिफारिशों के अनुरूप एनएचआरसी का कोर समूह किशोर न्याय देखभाल के लिए समाधान विकसित करेगा। उन सिफारिशों में निम्नलिखित बातें शामिल थीं;

किशोर अपराधियों को अपराध स्वीकार करना होगा;

किशोर अपराधियों को डायवर्सन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए हिरासत में नहीं रखा जाना चाहिए;

किशोर अपराधी अदालती प्रक्रिया के हकदार हैं, यदि वे या उनके अभिभावक डायवर्सन उपायों से असहमत हों;

किशोर अपराधी किसी भी समय डायवर्सन प्रक्रिया से हट सकते हैं और औपचारिक अदालती प्रक्रिया का विकल्प चुन सकते हैं।

डायवर्सन कार्यक्रम में सात घटक शामिल हैं: पीड़ित-अपराधी मध्यस्थता, चेतावनी, स्थानीय समुदाय सुधार परिषद, संयुक्त परिवार बैठकें, सर्किल स्तर पर सुनवाई, किशोर अदालतें और सामुदायिक सेवा।

रिपोर्ट का तर्क है कि अपराधों को जहां अक्सर राज्य के खिलाफ अपराध के रूप में देखा जाता है, वहीं उन्हें पीड़ित के दृष्टिकोण से भी देखा जाना चाहिए, जो सुलह चाहता है। रिपोर्ट सुझाव देता है कि किशोरों को सुधरने की अनुमति देने से समाज उन्हें आपराधिक रिकॉर्ड के बिना तेजी से पुन: संगठित होने में मदद कर सकता है, जिससे उन्हें भविष्य में रोजगार या सामाजिक बहिष्कार की समस्याओं से बचने में मदद मिलेगी।

नए भारत का दस्तावेज़ मैं स्वयंसेवक

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–           डॉ मनीष शुक्ल की किताब मैं स्वयंसेवक का विमोचन  

नई दिल्ली : विश्व पुस्तक मेले में वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार डॉ मनीष शुक्ल की किताब मैं स्व्यसेवक का विमोचन किया गया| लेखक मंच पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि आईआईएमसी के पूर्व महनिदेशक और पूर्व कुलपति प्रो (डॉ) के जी सुरेश ने कहा मैं स्वयंसेवक पुस्तक देश को सामाजिक, सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोती है| यह राष्ट्रीय एकता की कहानी है| समारोह की अध्यक्षता करते हुए आध्यात्मिक गुरू साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि नए भारत का दस्तावेज़ है मैं स्वयंसेवक! डॉ शुक्ल ने कहा स्वयंसेवक एक व्यक्ति की राष्ट्रप्रेम की कहानी है| जिसके लिए हजारों लाखों स्वयंसेवक अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं|  पुस्तक विमोचन के अवसर पर आध्यात्मिक गुरु साध्वी प्रज्ञा भारतीय ने कहा कि मैं स्वयं सेवक एक ऐसी पुस्तक है जो समाज के प्रत्येक वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है| यह जाति- धर्म के बंधनों को तोड़कर मानवता का पाठ पढ़ाती है| जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कि एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अर्चना कुमारी ने कहा कि यदि आप कल्पना के साथ यथार्थ के रंगभर कर राष्ट्रप्रेम का खांचा खींचते हैं तो विरासत और विकास साथ- साथ होते हैं| इस किताब में यही बताया गया है|

वरिष्ठ पत्रकार तस्लीम अहमद ने कहा कि इस कहानी के नायक सूर्य प्रकाश और रहीस हमारी सांझी सांस्कृतिक विरासत को सँजोते हैं| समाज को जाति- धर्म में बांटने वाली ताकतों को लड़कर हराते हैं| वरिष्ठ पत्रकार सबला माथुर ने कहा कि एक स्वयंसेवक के संघर्ष से लेकर राष्ट्र के नेतृत्वकर्ता बनने की कहानी है| शिल्पायन प्रकाशन के उमेश शर्मा ने आभार जताया| इस अवसर पर पूर्व आईईइस अधिकारी पी सी बोध की काव्य संग्रह उल्टी गंगा बहाना छोड़ो का भी विमोचन हुआ। संचालन अंकित कुमार ने किया| इस अवसर पर कमला सिंह जीनत, प्रतिभा, पीयूष दीक्षित आदि उपस्थित रहे|

दिल्ली चुनाव में मतदान की पूरी तैयारी

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नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए चुनाव प्रचार थमने के बाद मतदान की तैयारी पूरी हो गई है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होगी जबकि 8 फरवरी को नतीजे आएंगे।  इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटी है। वहीं, बीजेपी और कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी के लिए जोर लगा रही है। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं। वहीं बीजेपी को महज 8 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस का लगातार दूसरी बार दिल्ली से सफाया हो गया था। इस बार चुनाव से कुछ समय पहले अरविंद केजरीवाल ने अपने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद आतिशी मार्लेना राज्य की सीएम बनी थीं।

9वें एशियाई शीतकालीन खेलों 2025 में भारतीय दल  हरी झंडी

नई दिल्ली : भारत में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, भारत सरकार ने 7 से 14 फरवरी तक चीन के हार्बिन में आयोजित होने वाले 9वें एशियाई शीतकालीन खेलों (एडब्लूजी) 2025 में भारतीय दल की भागीदारी को मंजूरी दे दी है। सरकार ने 88 सदस्यीय भारतीय दल की भागीदारी के लिए मंजूरी दे दी है, जिसमें 59 एथलीट और 29 टीम अधिकारी शामिल हैं।

पहली बार, अल्पाइन स्कीइंग, क्रॉस-कंट्री स्कीइंग, फिगर स्केटिंग, शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग और स्पीड स्केटिंग (लॉन्ग ट्रैक) में प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीटों को राष्ट्रीय खेल महासंघों को सहायता (एएनएसएफ) योजना के तहत पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

यह महत्वपूर्ण निर्णय शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने और एशियाई स्तर पर सर्वोच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारतीय एथलीटों को अवसर प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

यह पहला मौका  है जब भारत सरकार ने एशियाई शीतकालीन खेलों में देश की भागीदारी के लिए औपचारिक रूप से वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह निर्णय खेल प्रशासन में पारदर्शिता और योग्यता-आधारित चयन पर सरकार के ध्यान को रेखांकित करता है।

एशियाई शीतकालीन खेल भारतीय एथलीटों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने और दुनिया के कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं, जो भविष्य की वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए मंच तैयार करते हैं। सरकार का सुनियोजित दृष्टिकोण न केवल टीम चयन में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है बल्कि शीतकालीन खेलों में एक दुर्जेय दावेदार बनने के भारत के संकल्प को भी मजबूत करता है। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय सभी भाग लेने वाले एथलीटों को शुभकामनाएं देता है और भारत में शीतकालीन खेलों के विकास का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

महाकुम्भ 2025 : तृतीय अमृत स्नान में 360 बेड वाले 23 अस्पताल, मेडिकल फोर्स तैनात

प्रयागराज : महाकुम्भ मेले में आगामी 3 फरवरी को तृतीय अमृत स्नान  बसंत पंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं हेतु महाकुंभनगर में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है, जिसके तहत  गुरुवार से मेडिकल फोर्स सक्रिय हो गई है। श्रद्धालुओं की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए 360 बेड की क्षमता वाले 23 अस्पताल पूरी तरह तैयार किए गए हैं, जहां आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। संपूर्ण मेला क्षेत्र में इन व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता जांचने के लिए स्पेशल मेडिकल टीम ने दौरा किया और स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और सुचारु चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं, जिसे सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्वास्थ्य इंतजाम और पर्याप्त मेडिकल फोर्स पूरी तरह तैयार है। स्नान पर्व के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया गया है, जिसमें 100 बेड की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक सेंट्रल हॉस्पिटल प्रमुख रूप से स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, मेला क्षेत्र में 25 बेड की क्षमता वाले दो सब-सेंट्रल हॉस्पिटल, 20 बेड के आठ सेक्टर हॉस्पिटल और 20 बेड के ही दो संक्रामक रोग हॉस्पिटल की भी व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या का त्वरित समाधान हो सके। प्राथमिक उपचार की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक बेड की सुविधा वाले 10 फर्स्ट  ऐड पोस्ट भी सक्रिय किए गए हैं, जहां प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों की टीम हर समय तैनात रहेगी। आपातकालीन सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एंबुलेंस और चिकित्सकीय दलों की  तैनाती की गई है, जिससे जरूरत पड़ने पर मरीजों को तुरंत अस्पतालों तक पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही, विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में मेला क्षेत्र में नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वच्छता संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है.स्वास्थ्य सेवाओं की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की टीम लगातार मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर रही है और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम भी उठाए जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवाओं, जीवनरक्षक उपकरणों और चिकित्सीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, ताकि किसी भी स्थिति में श्रद्धालुओं को समय पर चिकित्सा सुविधा दी जा सके। महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हेल्पडेस्क और सूचना केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जहां स्वास्थ्य संबंधी किसी भी जानकारी और सहायता के लिए चिकित्सा कर्मी तैनात रहेंगे। इस पूरी व्यवस्था का उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का  अनुभव प्रदान करना है।

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया और एंबुलेंस तथा आपातकालीन सुविधाओं की समीक्षा कर उनकी तैनाती को सुनिश्चित किया। इस दौरान चिकित्सा व्यवस्था के नोडल उमाकांत सान्याल, केंद्रीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक, सह नोडल चिकित्सा व्यवस्था डॉ. राम सिंह और महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने संपूर्ण मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मील का पत्थर : इसरो का 100वां प्रक्षेपण

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक 100वें प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी। उन्होंने इसेअविश्वसनीय मील का पत्थर बताया जो हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की दूरदर्शिता, समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा में निजी क्षेत्र की बढ़ती भूमिका पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि देश अंतरिक्ष अन्वेषण में नई ऊंचाइयां हासिल करना जारी रखेगा।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;

“ऐतिहासिक 100वें लॉन्च पर @isroको बधाई!

यह अविश्वसनीय मील का पत्थर हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की दूरदर्शिता, समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। निजी क्षेत्र के साथ हाथ मिलाने से भारत की अंतरिक्ष यात्रा नई ऊंचाइयां प्राप्त करती रहेगी।”