Tuesday, April 15, 2025
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अयोध्या पर्व 2025 : आस्था, संस्कृति और संवाद का उत्सव

नई दिल्ली : अयोध्या की महिमा को समर्पित – भारतीय संस्कृति, कला और भक्ति का श्रद्धेय केंद्र – और भारत के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सवों में शुमार किया जाने वाला ‘अयोध्या पर्व 2025’ 11 से 13 अप्रैल तक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), जनपथ, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव भक्ति, शास्त्रीय परंपराओं और संवाद का संगम होगा, जिसमें देश भर के संत, सांस्कृतिक विचारक, नीति निर्माता, विद्वान और कलाकार एक साथ भाग लेंगे।

इस उत्सव की शुरुआत 11 अप्रैल को दोपहर 3:00 बजे एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ होगी। इस अवसर पर, प्रसिद्ध चित्रकार पद्मश्री वासुदेव कामथ द्वारा ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ (भगवान राम) पर आधारित कलाकृतियों की प्रदर्शनी का अनावरण किया जाएगा। इसके साथ ही, दो विशेष प्रदर्शनियाँ भी लगाई जाएँगी – ‘सुंदरकांड’, जो ‘वाल्मीकि रामायण’ पर आधारित पहाड़ी लघु चित्रों का संग्रह है, और ‘बड़ी है अयोध्या’, जो अयोध्या के चारों ओर चौरासी कोस परिक्रमा (84 कोस सर्किट) की तीर्थ परंपरा का सचित्र प्रतिनिधित्व है।

प्रदर्शनी के बाद, एक विशेष चर्चा सत्र होगा, जिसमें मणिरामदास छावनी के महंत श्री कमल नयन दास, गीता मनीषी महामंडलेश्वर पूज्य ज्ञानानंद जी महाराज, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय और कलाकार श्री वासुदेव कामथ शामिल होंगे। शाम 6:00 बजे शुरू होने वाले ‘मृदंग वादन’ (तालवाद्य प्रस्‍तुति) और भक्ति गायन सहित सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ शाम का समापन होगा।

दूसरे दिन, 12 अप्रैल को पूर्वाह्न 11:00 बजे ‘भारतीय समाज में मंदिर प्रबंधन’ विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, जिसमें अयोध्या के प्रमुख संत प्रशासनिक और सांस्कृतिक विशेषज्ञों के साथ संवाद करेंगे। अपराह्न 3:00 बजे, एक और संगोष्ठी ‘भारतीय संस्कृति के नवप्रवर्तन में गोस्वामी तुलसीदास का योगदान’ पर केंद्रित होगी, जिसमें भारत भर के विद्वान अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। सांस्कृतिक संध्या में एकल तबला वादन शामिल होगा,जिसके बाद ऋचा त्रिपाठी और उनकी टीम द्वारा कथक और भरतनाट्यम की प्रस्‍तुति दी जाएगी।

उत्सव के अंतिम दिन 13 अप्रैल को भी समृद्ध बौद्धिक और कलात्मक कार्यक्रम होंगे। पूर्वाह्न 11:00 बजे ‘कुबेर नाथ राय के निबंधों में श्री राम’ विषय पर संगोष्ठी होगी, जिसमें हिंदी के प्रमुख विद्वान भाग लेंगे। समापन समारोह में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पूज्य गोविंद देव गिरि जी महाराज; मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर; आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय; आईजीएनसीए के डीन (प्रशासन) और कला निधि प्रभाग के प्रमुख प्रो. रमेश चंद्र गौड़; और प्रख्यात कलाकार श्री सुनील विश्वकर्मा की उपस्थिति रहेगी। अंतिम प्रस्तुतियों में फौजदार सिंह और उनकी मंडली द्वारा ‘आल्हा’ गायन और लोक गायिका विजया भारती द्वारा पारंपरिक लोकगीत शामिल होंगे। आईजीएनसीए और श्री अयोध्या न्यास की पहल-अयोध्या पर्व 2025 एक अनूठा प्रयास है, जो राजधानी के केंद्र में भारतीय कला, आध्यात्मिकता और कालातीत मूल्यों को नए सिरे से लोगों के ध्यान में लाता है। यह उत्सव रामायण और तुलसीदास की चिरस्थायी वाणी के माध्यम से पोषित सांस्कृतिक भावना को जागृत करता है।

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