नई दिल्ली : भारत में पत्रकारिता शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए हाल में अन्तर राष्ट्रीय मीडिया शिक्षिका संघ के संस्थापक प्रोफेसर(डा०) रामजीलाल जांगिड को पद्मभूषण डा. राम वंजी सुतार द्वारा सौ वर्ष पूरा करने पर आयोजित अभिनंदन समारोह में सम्मानित किया गया। यह समारोह दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध दौलतराम महिला कालेज में हुआ था। समारोह में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र आदि राज्यों के शिक्षाविद पत्रकार, अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता, कलाकार आदि मौजूद थे। महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।

डा-जांगिड को दिए गए प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि उन्होंने महिला सशक्तिकरण और कमजोर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए बहुत काम किया है। वह विश्व भर में ऐसे पहले और अकेले भारतीय भाषा पत्रकारिता के शिक्षक हैं जिन्होंने छह भाषाओं- हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, ओडिया और उर्दू – में पत्रकारों को तैयार किया। उनके लगभग दो हजार शिष्य देश के सभी राज्यों और संघ क्षेत्रों के दैनिक समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन और आभासी मंचों में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं। कई छात्र विदेशी मीडिया संस्थानों, फिल्म, पत्रकारिता, शिक्षा, विज्ञापन तथा जन सम्पर्क के क्षेत्रों में भी डंका बजा रहे हैं।
प्रोफेसर जांगिड ने भारत में सबसे ज्यादा महिला संचार कर्मियों और मीडिया शिक्षिकाओं, अनुसूचित जातियों तथा जन जातियों के सबसे ज्यादा मीडिया कर्मियों,सबसे ज्यादा अन्य पिछड़े वर्गों के पत्रकारों एवं बड़ी संख्या में मुसलमान संचारकर्मियों को आगे बढ़ाया है, जिससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।
डा. जांगिड एशिया के ऐसे पहले और अकेले शिक्षक हैं जिनके दो छात्रों – अंशु गुप्ता और रवीश कुमार को एशिया का सबसे बड़ा पुरस्कार- (मैगसेसे अवार्ड) मिला है। यह फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर दिया जाता है।