विवादों के बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का मणिपुर दौरा जारी है| दो दिवसीय दौरे के पहले दिन जहाँ जब राहुल मणिपुर पहुंचे तो बिष्णुपुर में उनका काफिला रोक दिया गया। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की हरी झंडी के बाद अब राहुल गाँधी प्रभावित लोगों से मिलने के लिए मोइरांग पहुंचे| यहाँ पर लोगों से बातचीत की|
उधर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर कहा कि राज्य में स्थिति करुणा के जरिए मतभेदों को दूर करने की मांग करती है, न कि किसी नेता के दौरे से मतभेद बढ़ाने की। हिमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि गांधी के मणिपुर दौरे को मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है और इस वक्त किसी को पूर्वोत्तर राज्य की दुखद स्थिति से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। गौरतलब है कि राहुल गांधी का मणिपुर दौरा गुरुवार को विवादों में घिर गया। दो दिन के दौरे पर जब राहुल मणिपुर की राजधानी इम्फाल पहुंचे तो उनके काफिल को 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर में पुलिस ने रोक दिया। राहुल जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलने चुराचांदपुर के शरणार्थी शिविर जा रहे थे। स्थानीय पुलिस ने बताया कि रास्ते में जोखिम है। उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। कई जगहों पर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। राहुल को रोके जाने को कांग्रेस ने मुद्दा बनाया। बीजेपी ने भी पलटवार किया। बाद में राहुल को सरकारी हेलिकॉप्टर से चुराचांदपुर भेजा गया। जहां राहत शिविर में वह लोगों से मिले। इसके बाद उन्हें मोइरांग जाना था, लेकिन प्रशासन ने इजाजत नहीं दी। राहुल को चुराचांदपुर से ही इम्फाल लौटना पड़ा। सूत्रों का कहना था कि राहुल गांधी के दफ्तर को पहले ही सूचित कर दिया गया था कि सड़क मार्ग से चुराचांदपुर जाना ठीक नहीं है। मणिपुर के पुलिस स्टेशनों और सुरक्षा बलों के कैंपों से लूटे गए लगभग 4000 हथियार, अभी वापस जमा नहीं हुए हैं। ऐसे में राहुल गांधी की सुरक्षा को जोखिम हो सकता है। वहीँ अब उनको अनुमति दे दी गई गई|