ऐसा लग रहा है कि संसद का बजद सत्र भी हंगामें की भेंट चढ़ने जा रहा है| विपक्ष एकबार फिर लामबंद हो गया है| इस बार मुद्दा अदानी ग्रुप को लेकर ई हिडेनबर्ग की रिपोर्ट है| बजट पेश होने के दुसरे ही दिन संयुक्त विपक्ष विजय चौक पहुँच कर विरोध जता रहा है|
इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे थे। जिसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही भी दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दरअसल, आज कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ बॉर्डर के हालात पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। यही नहीं, अडानी एंटरप्राइजेज के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भी विपक्षी सांसद चर्चा करना चाहते थे और दो सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। CPI(M) राज्यसभा सांसद डॉ. वी शिवदासन ने भी रूल 267 के तहत हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। लेकिन दोनों ही सदनों में सभापति ने इसे स्वीकार नहीं किया। इससे पहले सदन में आने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टॉप मंत्रियों के साथ बैठक की थी। समझा जाता है कि विपक्ष के हमले रोकने के लिए रणनीति बनाई गई। उधर, विपक्षी दलों के नेताओं ने भी आज के लिए रणनीति बनाई थी। विपक्ष की बैठक में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता और सांसद संजय राउत भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां संसद के दोनों सदनों में हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अडानी का मुद्दा उठाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूरी मामले की जाँच के लिए संयुक्त पार्लियामेंट कमेटी गठित करने की मांग की|