ब्रिटेन की उपनिवेशवादी नियत का शिकार भारत जैसा विशाल देश हुआ तो छोटे- छोटे देशों पर भी बरतनिया ने गलत निगाहें रखी। कैरेबियन सागर में स्थित छोटा से देश बारबाडोस चार शताब्दी तक ब्रिटेन का गुलाम रहा। ब्रिटेन के 1625 ईस्वी में बारबाडोस पर कब्जा कर लिया था लेकिन अब जाकर हाल ही बरबाडोस ने ब्रिटेन की महारानी से खुद को आजाद कर एक गणतंत्र होने का ऐलान किया।
भारत से 14 हज़ार किलोमीटर दूर कैरेबियन सागर के किनारे स्थित इस यह देश महज 439 वर्ग किलोमीटर का है। यहाँ की आबादी चंद लाख है लेकिन क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक प्रसिद्ध जगह है। जहां से वेस्टेंडीज के सुनहरे दौर के कई खिलाड़ी आते हैं। मशहूर पॉप सिंगर रियाना यहीं की हैं। रियाना का जन्म बरबाडोस में ही हुआ था। वो वर्ष 2005 में अमेरिका चली गईं थी। आज उनके पूरी दुनिया में करोड़ों चाहने वाले हैं।
इस छोटे से देश पर 396 वर्ष पहले यानी सन 1625 में ब्रिटेन के कब्ज़ा कर लिया था। अगर इसके क्षेत्रफल पर गौर किया जाए तो यह देश अपने भारत की राजधानी दिल्ली से भी छोटा है। इस देश ने हाल ही में अपनी मानसिक गुलामी की बेड़ियों को तोड़ते हुए ये ऐलान किया था कि अब वो ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को अपना राष्ट्राध्यक्ष नहीं मानेगा बल्कि उनकी जगह देश के नए राष्ट्रपति को राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा दिया जाएगा। गौतलब है कि बरबाडोस 341 वर्षों तक पूरी तरह से ब्रिटेन का गुलाम बना रहा। वर्ष 1966 में इस देश को ब्रिटेन से आज़ादी मिली लेकिन इसे गणतंत्र का दर्जा नहीं मिला। आज़ादी के बाद भी ब्रिटेन की महारानी ही यहाँ कि राष्ट्राध्यक्ष मानी जाती रहीं। हालांकि अब बारबाडोस पूर्ण रूप से गणतन्त्र बन गया है।