भारत की महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार खेल का प्रदर्शन किया लेकिन टीम ब्रॉन्ज मेडल से महरूम रह गयी । भारतीय टीम को ब्रिटेन की ओर से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। ब्रिटेन ने कड़े मुक़ाबले में 3-4 से भारत को मात दी। भारतीय टीम इस ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही। भारत बड़े मौके से चूक गया। नवजोत ने भरपूर कोशिश की थी। वह ब्रिटेन के गोल पोस्ट तक पहुंच गई थीं. वहां कोई नहीं था। भारतीय टीम टोक्यो ओलंपिक के 15वें दिन भले ही पदक न जीत पाई हो लेकिन देश की बेटियों ने सबका दिल जीत लिया। उधर भारतीय हॉकी के इतिहास में गुरूवार का दिन सबसे यादगार दिनों में से एक साबित हुआ। मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह 1980 के मास्को ओलिम्पिक के बाद ओलिम्पिक में भारत का पहला और खेलों के महाकुंभ कहे जाने वाले इस इवेंट में कुल मिलाकर 12वां पदक है। इससे पहले भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया को पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के जायूर उगयेव के हाथों 4-7 से हार का सामना कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।