Sunday, September 8, 2024
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यूपी में दो बच्चे वालों की होगी मौज, नसबंदी पर प्रमोशन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या विधेयक 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। विधेयक के दो या कम बच्चे वाले माता पिता को तमाम सुविधा मिलेगी लेकिन दो से अधिक बच्चे वालों को 77 सरकारी योजनाओं व अनुदान से भी वंचित रखने का प्रावधान है। अगर विधेयक लागू हुआ तो एक वर्ष के भीतर सभी सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे।

इसको वेबसाइट पर अपलोड कर जनता से 19 जुलाई तक राय मांगी गई है। उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग जनता की राय पर विचार करने के बाद राज्य सरकार को सौंप देगा। इस ड्राफ्ट में उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपायों के रास्ते सुझाए गए हैं। दो या कम बच्चे वाले अभिभावकों को तमाम सुविधा दी जा रही है जबकि अधिक बच्चे वाले अभिभावकों को कई सुविधाओं से वंचित करने का प्रावधान है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्व जनसंख्या दिवस यानी 11 जुलाई को अपनी नई जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करने की तैयारी भी कर ली है। सरकार इसको विश्व जनसंख्या दिवस पर जारी करेगी। विधि आयोग ने बकायदा इसका ड्राफ्ट सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किया है। यह ड्राफ्ट ऐसे समय में पेश किया गया है जब 11 जुलाई को योगी आदित्यनाथ सरकार नई जनसंख्या नीति जारी करने जा रही है। आयोग के मुताबिक इस ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए कोई सरकारी आदेश नहीं है। आयोग ने खुद की प्रेरणा से ड्राफ्ट तैयार किया है।

ऐसे में अगर यह एक्ट लागू हुआ तो दो से अधिक बच्चे पैदा करने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन और प्रमोशन का मौका नहीं मिलेगा। इसके साथ ही दो से अधिक बच्चे वालों को 77 सरकारी योजनाओं व अनुदान से भी वंचित रखने का प्रावधान है। अगर यह लागू हुआ तो एक वर्ष के भीतर सभी सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे। कानून लागू होते समय उनके दो ही बच्चे हैं और शपथ पत्र देने के बाद अगर वह तीसरी संतान पैदा करते हैं तो प्रतिनिधि का निर्वाचन रद करने व चुनाव ना लडऩे देने का प्रस्ताव होगा। इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन तथा बर्खास्त करने तक की सिफारिश है।

नई जनसंख्या नीति में घर का मालिक अगर सरकारी नौकरी में हैं और नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें अतिरिक्त इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ाने जैसी कई सुविधाएं देने की सिफारिश की गई है और दो बच्चों वाले दंपत्ति अगर सरकारी नौकरी में नहीं हैं तो उन्हेंं पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है. एक संतान पर खुद से नसबंदी कराने वाले हर अभिभावकों को संतान के 20 वर्ष तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश है और इसके अंतर्गत सरकारी नौकरी वाले दंपती को चार अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने का सुझाव भी है.अगर दंपती गरीबी रेखा के नीचे हैं और एक संतान के बाद ही स्वैच्छिक नसबंदी करवाते हैं तो उनके बेटे के लिए उसे 80 हजार और बेटी के लिए एक लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने की भी सिफारिश की गई है.

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