तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी केंद्र कि राजनीति में उड़ान भरने की तैयारी कर रही हैं। उनकी इच्छा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की है। विपक्ष मोदी के मुक़ाबले दीदी को प्रोजेक्ट कर सकता है। पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह पहला दिल्ली दौरा है। संसद के मानसून सत्र के दौरान दिल्ली दौरे पर पहुंचीं ममता बनर्जी अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं। साथ ही वह किसान आंदोलन को भी हवा देने के लिए धरना स्थल जा सकती हैं।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि 30 जुलाई तक दौरे के दौरान ममता बनर्जी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगी जबकि वो संसद भी जा सकती हैं, जहां मॉनसून सत्र चल रहा है। हालांकि, उनका यह दौरा कोरोना नियमों पर ही निर्भर रहेगा।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, ममता बनर्जी मंगलवार को शाम चार बजे प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगी। हालांकि, ममता की पहली मुलाकात आज दोपहर 2 बजे कांग्रेस नेता कमलनाथ से हैं। 3 बजे वह आनंद शर्मा से मिलेंगी और इसके बाद शाम साढ़े 6 बजे वह फिर से कांग्रेसी नेता अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात करेंगी। बनर्जी के दिल्ली दौरे पर निशाना साधते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फर्जी टीकाकरण शिविर मामला, चुनाव बाद हिंसा और अन्य मुद्दों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही हैं और इससे बचने के लिए वह कुछ दिन के लिए राज्य से बाहर रहना चाहती हैं। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों को एकजुट करने का बनर्जी का प्रयास सफल नहीं होगा।