भारत के पहले स्वाधीनता संग्राम का बिगुल मंगल पाण्डेय ने ही सबसे पहले बजाया था। जिसके बाद समूचे उत्तर भारत में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ क्रांति हुई। अंग्रेजों ने स्वाधीनता संग्राम के पहले आंदोलन को म्यूटिनी या विद्रोह का नाम दिया लेकिन देश मंगल पांडे की अगुवाई में अंग्रेजों के खिलाफ पहली बार खड़ा हुआ था। जिसने देश में आजादी के आंदोलन की अलख जगाई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की जयंती के मौके पर उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि दी। इस क्रांति का बिगुल फूंकने वाले मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश में बलिया के निकट नगवा गांव में सरयुपारी ब्राह्मण के घर हुआ था। पिता का नाम दिवाकर पांडेय और मां का नाम अभय रानी पांडेय था।
मंगल पांडे 22 वर्ष की आयु में 1849 में ईस्ट इंडिया कंपनी बंगाल की सेना में शामिल हुए थे। मंगल पांडे के बगावती तेवर की वजह थी अंग्रेज़ सेना में इनफ़ील्ड पी – 53 रायफ़लों में इस्तेमाल की जाने वाली गोलियाँ। इन गोलियों को फौज को देने सा पहले 1856 तक भारतीय सिपाही ब्राउन बीज़ नाम की बंदूक का इस्तेमाल करते थे। फिर एक नई बंदूक लाई गई लेकिन इस बंदूक को लोड करने से पहले कारतूस को दाँत से काटना पड़ता था। भारतीय सिपाहियों के बीच ये अफवाह फैल गई कि इन राइफ़लों में इस्तेमाल किए जाने वाले कारतूसों में गाय और सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। यह बात सिपाहियों की धार्मिक आस्था को आहत करने वाली थीं। जिसके खिलाफ सेना में बगावत की आग सुलग गई। 29 मार्च 1857 को शाम 5 बज कर 10 मिनट पर कारतूस के इस्तेमाल का विरोध कर मंगल पांडे ने हंगामा शुरू कर दिया। तभी परेड ग्राउंड पर लेफ़्टिनेंट बी एच बो पहुंच गए। मंगल पांडे ने देखते ही उन पर गोली चलाई जो उनके घोड़े के पैर पर लगी. घोड़ा गिर गया और धराशाई बो ने खड़े होते हुए मंगल पांडे पर गोली चलाई जो उन्हें नहीं लगी। बो के पीछे सार्जेंट मेजर हिउसन भी आ गए। इसके बाद उनका विद्रोह दबा दिया गया। लेकिन मंगल पांडे की पहल से पूरे उत्तर भारत में आंदोलन शुरू हो गया।
श्रद्धांजली
मंगल पांडे ने अपने शौर्य और साहस से 1857 में क्रांति का बिगुल फूंककर देशवासियों में विदेशी शासन के विरुद्ध लड़ने का विश्वास जगाया। उनके सर्वोच्च बलिदान ने पूरे देश को झंकझोर दिया और आजादी की एक मजबूत नींव पड़ी। स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे अद्वितीय अग्रदूत की जयंती पर उन्हें नमन।
अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री
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भारत माता के वीर सपूत मंगल पांडे जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन। सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी वीरता ने ही अंग्रेज़ी शासन की नींव हिला दी थी।
अरविंद केजरीवाल
सीएम दिल्ली