लेखक : अभिषेक सिन्हा
भारतीय जनसंचार संसथान के पूर्व छात्र और ओयो होटल और होम्स के कम्युनिकेशन विभाग में वरिष्ठ निदेशक हैं।
महिलाएं हर पूर्वाग्रह को पैरों से रौंदकर पर्यटन के सफर पर आगे बढ़ रहीं हैं| फिरभी पर्यटन के क्षेत्र में वीमेन ओनली ट्रेवल के चलन के रास्ते में चुनौतियाँ भी हैं| हम आपको उन्हीं चुनौतियों से रू- ब- रू कराएंगे जिससे एक महिला का सफ़र सेफ और आनंद से भरा यादगार साबित हो|
राह में चुनौतियाँ भी हैं…
पिछले कुछ सालों में महिलाओं ने अपनी काबिलियत के बलबूते खुद केलिए घूमने फिरने का रास्ता आसान तो किया है लेकिन तमाम सकारात्मक बदलावों के बावजूद आज भी उनके लिए कई मुश्किलें सिर उठाये खड़ी दिखती हैं। सबसे बड़ा मुद्दा सुरक्षा को लेकर है क्योंकि सफर के दौरान महिलाओं के साथ घटी एक छोटी सी अप्रिय घटना भी उस जैसा ही सपना देखने वाली कई अन्य महिलाओं का हौसला तोड़ देती है।
अकेली लड़की होने से जुड़े कई पूर्वाग्रह लड़कियों के घूमने फिरने के सपने को तोड़ देते हैं। उन्हें कई ऐसे प्रश्नो को सामना करना पड़ता है जो उन्हें असहज कर देते हैं और यात्रा एक बुरा अनुभव बनकर रह जाती है। कई बार उन्हें होटल और टैक्सी बुकिंग से लेकर खाने पीने के मामलों में भी बेहद सावधानी से काम करना पड़ता है| इसकी वजह से वो यात्रा का खुलकर आनंद नहीं ले पाती हैं| उनका अधिकतर समय खुद को किसी भी मुसीबत से बचाने की कोशिशों में ही निकल जाता है।
समाज में जागरूकता महिलाओं का स्वावलंबन और यात्रा के दौरान नयी तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग ही इन दिक्कतों से निपटने का रास्ता दिखाएंगे| और आने वाले समय में हर महिला अधिक आत्मविश्वास के साथ अपनी मित्र से कह सकेगी… आओ सखी घूम आएं|
महिलाओं के लिए उपयोगी एप
- सिटाता : सेफ ट्रेवल टिप्स एंड इमरजेंसी एलर्ट
- एक्यूवेदर : मौसम की जानकारी
- गूगल ट्रांसलेट : भाषा अनुवाद में सहायता
- पैकप्वाइंट : यात्रा के लिए पैकिंग में सहायता
- टुअरलिना : महिला सहयात्रियों से संपर्क
- त्रिप्व्हिस्तल : इमरजेंसी एलर्ट और लोकेशन की जानकारी
- नूनलाइट : इमरजेंसी एलर्ट