Saturday, June 7, 2025
Home Blog Page 7

विपक्षी दल वक्फ अधिनियम को मुस्लिम विरोधी रूप में प्रचारित कर रहे

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी की वक्फ सुधार जन-जागरण अभियान के तहत अवध क्षेत्र की कार्यशाला में उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती रेखा वर्मा ने प्रशिक्षण दिया। इसके साथ ही प्रदेश महामंत्री श्री संजय राय, क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री कमलेश मिश्रा, प्रदेश मंत्री श्री शिव भूषण सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष श्री कुंवर वासित अली तथा अल्पसंख्यक मोर्चे क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री नईम खान ने भी कार्यशाला को सम्बोधित किया। कार्यशाला में अवध क्षेत्र के जिलाध्यक्ष, विधायक, अभियान के जिला संयोजक व सहसंयोजक सम्मिलित रहे।

उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के संसद में पास होने के बाद देश में बिल के समर्थन व विरोध में बहस चल रही है। कांग्रेस, सपा सहित तमाम वह दल जो तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति करते हैं वह वक्फ सुधार के विरोध में देश में भ्रम फैलाने का काम कर रहे है। कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी सहित विपक्षी दल वक्फ संशोधन अधिनियम को देश में मुस्लिम विरोधी बिल के रूप में प्रचारित कर रहे है।

श्री मौर्य ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम देश के 90 फीसदी मुसलमानों के जीवन को खुशहाली से भर देने वाला साबित होगा। मुसलमान बेरोजगारी के संकट से बाहर निकलेगें। मुसलमानों के शैक्षिक स्तर में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि वक्फ सुधार से गरीबों का हक सिर्फ गरीबों को मिलेगा, यह सत्य लेकर हमें मुसलमानों के बीच पहुंचना है। भाजपा मुसलमानों के बीच में जाने की योजना बना रही हैं और यह सुनकर ही विपक्ष में खलबली मची हुई है। भाजपा विरोधी दल देश में दीवार खड़ी करना चाहते हैं, जिसमें हिन्दु और मुसलमानों को विभाजित करना चाहते हैं। विपक्षी दल पहले हिन्दु और मुसलमान को आपस में बांटते हैं और फिर हिन्दुओं को जातियों में बांटने का काम करते है। जबकि वास्तविकता यह है कि कांग्रेस व सपा ना तो मुसलमान के हितैषी है, ना अगडों, ना पिछड़ों और ना ही दलितों की हितैषी है। यह सिर्फ अपने और अपने परिवार की उन्नति के लिए राजनीति करने वाले दल है। लेकिन प्रदेश में 2027 में 300 के पार, भाजपा की तीसरी बार सरकार बनने वाली है। 2027 में समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी बनाने का अवसर है। देश का वातावरण खराब करके कांग्रेस राजनैतिक लाभ पाना चाहती है लेकिन अब यह संभव नहीं है। सपा के गुब्बारे की हवा निकल चुकी है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यशाला में प्रशिक्षण लेकर हम सभी को जनसंवाद के लिए निकलना है। मुसलमानों के बीच विपक्षी दलों द्वारा फैलाए गए भ्रम को दूर करना है और वक्फ सुधार से मुसलमानों के आर्थिक, शैक्षिक व सामाजिक सुधार के रोड मैप को उनके सामने रखना है। हम पूरी तैयारी के साथ जाएंगे और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से संपर्क व संवाद करते हुए सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास का मंत्र लेकर पहुंचेगे। केन्द्र सरकार की प्रत्येक योजना में यही मंत्र समाहित है। जिसमें प्रत्येक गरीब को बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ मिल रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति विश्वास के साथ पूरा देश खड़ा है।

‘आई एम सर्कुलर’ कॉफी टेबल बुक लॉन्च

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने इंटरनेशनल काउंसिल फॉर सर्कुलर इकोनॉमी (आईसीसीई) संपादित ‘आई एम सर्कुलर’ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। यह पुस्तक सर्कुलर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में भारत की अभिनव भावना का जीवंत उत्सव है।

तकनीक-संचालित समावेशी विकास

इस अवसर पर अपने मुख्य भाषण में, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अपर सचिव और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के महानिदेशक श्री अभिषेक सिंह ने स्थायित्व के लिए नवाचार को बढ़ावा देने वाली प्रणाली को सक्षम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह पहल जिम्मेदार विकास और समावेशी विकास के लिए प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दृष्टिकोण के अनुरूप है। ‘आई एम सर्कुलर’ पुस्तक सर्कुलर अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत की नवाचार क्षमता का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है।”

उन्होंने कहा कि एमईआईटीवाई इस पहल के सफल क्रियान्वयन में सहयोग के लिए इंटरनेशनल काउंसिल फॉर सर्कुलर इकोनॉमी की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि ‘आई एम सर्कुलर’ कॉफी टेबल बुक महज एक प्रकाशन नहीं है, बल्कि यह भारत की रचनात्मक क्षमता का प्रमाण है, जिम्मेदार नवाचार का एक स्तुतिगान है और एक टिकाऊ, सर्कुलर भविष्य के निर्माण के लिए हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

इस कार्यक्रम में एसईआरआई के सलाहकार डॉ. संदीप चटर्जी, एमईआईटीवाई के वैज्ञानिक श्री सुरेंद्र गोथरवाल, आईसीसीई के सलाहकार श्री पूरन चंद्र पांडे, आईसीसीई के निदेशक श्री रविंदर दहिया, और आईसीसीई की प्रबंध निदेशक सुश्री शालिनी गोयल भल्ला भी उपस्थित थीं।

कॉफ़ी टेबल बुक के बारे में

‘ आई एम सर्कुलर’ कॉफी टेबल बुक में भारत के 30 सबसे आशाजनक नवाचारों को शामिल किया गया है, जिन्हें राष्ट्रव्यापी ‘आई एम सर्कुलर’ चैलेंज के माध्यम से पहचाना गया है। यह सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों में निहित सफल समाधानों की खोज और विस्तार करने के लिए डिज़ाइन की गई पहल है। चयनित नवाचार तीन प्रमुख विषयों डिज़ाइन टू लास्ट, वर्क विद नेचर, और यूज एक्जिस्टिंग रिसोर्सेस पर आधारित हैं:

इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट पुनर्चक्रण और आईओटी आधारित परिपत्र समाधानों से लेकर हरित सामग्रियों और डिजिटल मरम्मत प्लेटफार्मों तक, प्रदर्शित नवाचार एक ऐसे भविष्य को दर्शाते हैं जहां संसाधनों का जिम्मेदारी से उपयोग किया जाता है, अपशिष्ट को कम से कम किया जाता है, और प्रौद्योगिकी और स्थायित्व एक साथ आती है।ण और आईओटी आधारित परिपत्र समाधानों से लेकर हरित सामग्रियों और डिजिटल मरम्मत प्लेटफार्मों तक, प्रदर्शित नवाचार एक ऐसे भविष्य को दर्शाते हैं जहां संसाधनों का जिम्मेदारी से उपयोग किया जाता है, अपशिष्ट को कम से कम किया जाता है, और प्रौद्योगिकी और स्थायित्व एक साथ आती है।

पहलगाम में कायराना आतंकियों को करारा जवाब मिलेगा : रक्षा मंत्री

0

 “हर भारतीय एकजुट है, हम ऐसी आतंकी गतिविधियों से कभी नहीं भयभीत नहीं हो सकते”

  • राजनाथ सिंह ने कहा-  सरकार अस्थिर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों को और भी सुसज्जित कर रही है

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने यह आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द ही भारतीय धरती पर उनके नापाक कृत्यों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में 23 अप्रैल, 2025 को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के मार्शल अर्जन सिंह पर एक स्मारक व्याख्यान देते हुए यह बात कही। उन्होंने आतंकवाद कतई बर्दाश्त न करने के भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर आवश्यक तथा उचित कदम उठाएगी।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001A4JZ.jpg

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक पुरानी सभ्यता है और इतना बड़ा देश कभी भी किसी भी आतंकी गतिविधि से घबरा नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि इस कायराना हरकत के खिलाफ हर भारतीय एकजुट है। श्री सिंह ने कहा कि न केवल हमला करने वालों को, बल्कि भारतीय धरती पर ऐसे नापाक कृत्य करने के लिए पर्दे के पीछे से साजिश रचने वालों को भी जल्द ही उचित जवाब दिया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने सीमा पार से सहायता प्राप्त आतंकवादी घटनाओं के संदर्भ में कहा, “इतिहास साक्षी रहा है कि देशों का पतन दुश्मन की हरकतों के कारण नहीं, बल्कि उनके अपने कुकर्मों के कारण हुआ है। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि सीमा पार के लोग इतिहास के सबक को और करीब से देखेंगे।”

श्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा धर्म को निशाना बनाकर किए गए कायराना हमले में हमारे देश ने कई निर्दोष नागरिकों को खो दिया है। इस अत्यंत अमानवीय कृत्य ने हमें बहुत पीड़ा पहुंचाई है। रक्षा मंत्री ने दुःख की इस घड़ी में दिवंगत जनों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

बाद में रक्षा मंत्री ने भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके नेतृत्व, दूरदर्शिता एवं समर्पण को अविश्वसनीय बताया। उन्होंने कहा कि वे एक दूरदर्शी सैन्य अधिकारी थे, जो आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। यदि आज भारतीय वायु सेना दुनिया की सबसे मजबूत वायु सेनाओं में से एक है, तो यह भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह जैसे सैन्य अधिकारियों के दूरगामी दृष्टि कोण और मूल्यों की वजह से है।”

श्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना की शुरू से अब तक की यात्रा को एक महत्वाकांक्षी, प्रेरणादायक और परिवर्तनकारी बताया, जो न केवल आसमान छूने के बारे में है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने के बारे में भी है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद, भारतीय वायुसेना स्वतंत्रता के बाद और अधिक मजबूत हुई है। श्री सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना आज एक सशक्त स्तंभ के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का ध्यान सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के आधार पर रूपान्तरित करने में है। उन्होंने भारतीय वायुसेना को क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता दोहराई। श्री सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता की ओर यात्रा एक साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रतिबद्धता, सहयोग और एकीकृत दृष्टिकोण समय की मांग है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि वर्तमान में भारतीय वायुसेना अच्छी तरह से सुसज्जित व अत्यधिक प्रौद्योगिकी-उन्मुख है, तो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और भी मजबूत होगी।

गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल

समूचे विश्‍व में प्रत्‍येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किए जाने की प्रशंसा करते हुए आज इसे हमारे शाश्वत ज्ञान और समृद्ध संस्कृति को वैश्विक मान्यता प्रदान किया जाना बताया।

केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से एक्‍स पर किए गए एक पोस्ट का जवाब देते हुए श्री मोदी ने कहा:

“समूचे विश्‍व में प्रत्‍येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण!

गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया जाना हमारे शाश्वत ज्ञान और समृद्ध संस्कृति को वैश्विक मान्यता प्रदान किया जाना है।

गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है। उनकी अंतर्दृष्टि दुनिया को प्रेरित करना जारी रखे हुए है।

वक्फ बिल पर जनता के बीच करेंगे विपक्ष के झूठ का पर्दाफाश

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी 20 अप्रैल से पूरे प्रदेश में वक्फ सुधार जन जागरण अभियान प्रारम्भ करेगी। गुरूवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी व प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री धर्मपाल सिंह ने वर्चुअल माध्यम से बैठक कर अभियान के संदर्भ में पार्टी पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। बैठक में सभी प्रदेश पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, सांसद, विधायक, अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश पदाधिकारियों सहित अन्य प्रमुख नेता सम्मिलित हुए।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी  ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2024 न किसी कानून को खत्म करता है और न ही किसी के अधिकारों को छीनता है यह मात्र एक संशोधन है जो वक्फ बोर्ड की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी एवं न्याय संगत बनाएगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने गरीब मुसलमानों, मुस्लिम महिलाओं और अन्य धर्म के लोगों के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है। लेकिन विपक्षी दल वोट बैंक की राजनीति के चलते लगातार झूठ और भ्रम का वातावरण बना रहे हैं हमें जनता के बीच जाकर वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर विपक्ष द्वारा फैलाये जा रहे झूठ का पर्दाफाश करना है।

पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री धर्मपाल सिंह ने बैठक में 20 अप्रैल से पार्टी द्वारा शुरू किये जा रहे वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के संदर्भ में पार्टी संगठन द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में शनिवार 19 अप्रैल को राजधानी लखनऊ में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि 20, 21 व 22 अप्रैल को प्रदेश के सभी 6 संगठनात्मक क्षेत्रों और 23 व 24 अप्रैल को जिला/महानगर स्तर पर जन जागरण अभियान को लेकर कार्यशालाएं आयोजित की जाएगीं। श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 से विपक्षी दलों को समस्या हो रही है। क्योंकि इस संशोधन से पूरी व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी। वक्फ के पैसे का लाभ आम गरीब मुसलमान को मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता अब मुसलमानों को गुमराह करने का लगातार काम कर रहे है, हमें विपक्ष की साजिश को सफल नहीं होने देना है।

प्रदेश महामंत्री (संगठन) ने बैठक में बताया कि वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के तहत हमें टाउन हॉल, नागरिक संवाद, मुस्लिम स्कालर के साथ संवाद सहित महिलाओं, युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जाकर इस अधिनियम के संदर्भ में विस्तारपूर्वक बताना है।

38 वर्षों के बाद मिला लखनऊ कैट को अपना भवन

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण भवन का उद्घाटन

लखनऊ : लखनऊ कैट (केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण) पीठ की स्थापना 1987 में हुई थी लेकिन इसे अपना कार्यालय भवन 38 वर्षों के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मिला है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी, जो कैट के प्रशासनिक मंत्रालय डीओपीटी (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) के प्रभारी मंत्री भी हैं।

भारतीय संविधान के निर्माता अंबेडकर की जयंती के अवसर पर एक सुविचारित कदम के तहत, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शहर के गोमती नगर क्षेत्र में लखनऊ कैट (केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण) भवन का उद्घाटन किया।

लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की केंद्रीय निधि से पूरा किया गया, जिसके प्रभारी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह हैं। राजधानी लखनऊ में नया कैट परिसर, प्रशासनिक न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि  है।

इस अवसर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकरण 1987 में अपनी स्थापना के बाद से ही किराए के परिसर में काम कर रहा था और यह नई सुविधा केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार के मॉडल के तहत हासिल की गई तीव्र प्रगति को दर्शाती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह उद्घाटन इस बात के कई उदाहरणों में से एक है कि हम इस सहयोगी शासन दृष्टिकोण के तहत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”

सस्ता, सुलभ और कुशल न्याय सुनिश्चित करने के कैट के मिशन पर प्रकाश डालते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकरण ने 1985 में अपनी स्थापना के बाद से दायर लगभग 9.6 लाख मामलों में से 8.88 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया है और लगभग 93 प्रतिशत की निपटान दर हासिल की।

मंत्री महोदय ने जोर दिया कि मात्र 50 रुपये की फाइलिंग फीस और वादियों को बिना वकील के उपस्थित होने की अनुमति देने वाले प्रावधानों के साथ, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण लोगों तक  न्याय की पहुंच के सिद्धांत को मूर्त रूप देता है। केंद्रीय मंत्री ने अधिकरण के न्यायिक उत्कृष्टता के सुसंगत ट्रैक रिकॉर्ड को भी रेखांकित किया, जिसमें इसके कई निर्णयों को उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखा गया है। नए भवन को केवल एक संरचना से कहीं अधिक बताते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह अधिकरण की सुधार, न्याय और पारदर्शिता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस भवन को न्यायिक कार्य के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है, जो देश की प्रशासनिक न्याय प्रणाली में एक चुनौतीपूर्ण प्रारंभिक चरण से एक सम्मानित संस्थान के रूप में कैट के विकास को दर्शाता है। चूंकि न्यायिक कार्य इस नए भवन से शुरू हो रहा है, यह विकास उत्तर प्रदेश में केंद्र-राज्य के तालमेल और देश भर में संस्थागत बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के निरंतर प्रयासों का एक और प्रमाण है।

ब्रिक्स देश न्यायसंगत व्यापार से समावेशी कृषि को बढ़ाएंगे

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ब्राजील में ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की 15वीं बैठक में भाग लेंगे

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 17 अप्रैल, 2025 को ब्राजील के ब्रासीलिया में आयोजित होने वाली ब्रिक्स कृषि मंत्रियों की 15वीं बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस बैठक का विषय है- ‘ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग, नवाचार और न्यायसंगत व्यापार के माध्यम से समावेशी और सतत कृषि को बढ़ावा देना’। बैठक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान सहित ब्रिक्स सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है।

श्री चौहान अपनी इस यात्रा के दौरान ब्राजील के कृषि एवं पशुधन मंत्री श्री कार्लोस हेनरिक बैकेटा फेवरो और कृषि विकास एवं पारिवारिक खेती मंत्री श्री लुईज पाउलो टेक्सेरा के साथ बैठक करेंगे। ये बैठकें कृषि, कृषि-प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास और खाद्य सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में भारत और ब्राजील के बीच सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित होंगी।

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान साओ पाउलो में प्रमुख ब्राज़ीलियाई कृषि व्यवसाय कंपनियों के प्रमुख और ब्राज़ीलियाई वनस्पति तेल उद्योग संघ के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे तथा कृषि मूल्य श्रृंखला में भागीदारी व निवेश के अवसरों की तलाश करेंगे। पर्यावरण संरक्षण के संबंध में जागरूकता बढ़ाने और मातृत्व को सम्मानित करने के उद्देश्य से वह ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत ब्रासीलिया में भारतीय दूतावास में वृक्षारोपण अभियान में भी भाग लेंगे। इसके अलावा वह साओ पाउलो में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों में सांस्कृतिक राजदूत और योगदानकर्ता के रूप में उनकी भूमिका को मान्‍यता देंगे। यह यात्रा ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने और कृषि नवाचार और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

ऑल इंडिया फोरेंसिक साइंस समिट, चंपारण के अंकित देव अर्पण पुरस्कृत

केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विजेताओं को सम्मानित किया

नई दिल्ली : नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी गांधीनगर द्वारा दिल्ली के विज्ञान भवन में 14-15 अप्रैल को ऑल इंडिया फोरेंसिक साइंस समिट का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पुरस्कृत किया। इस समिट में भारत के अतिरिक्त 30 से अधिक देशों के फोरेंसिक साइंस के विशेषज्ञों एवं एजेंसियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के एक दिन पूर्व 13 अप्रैल को हैकथन एवं फिल्म फोरेंसिक सिंपोजियम का भी आयोजन किया गया था। उद्घाटन सत्र में हैकथन के विजेताओं तथा नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के अंतर्परिसरीय हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेता के रूप में बगहा, पश्चिमी चंपारण के अंकित देव अर्पण को दो पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

अंकित देव अर्पण वर्तमान में नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी गांधीनगर से साइबर लॉ में LLM कर रहे हैं एवं साइबर लॉयर के रूप में कार्यरत हैं। इसके पूर्व उन्होंने हिंदी भाषा के संवर्धन एवं प्रसार हेतु राइटर्स कम्युनिटी की स्थापना की एवं विगत 5 वर्षों से हिंदी के लिए कार्य कर रहे हैं। हिंदी प्रतियोगिताओं के अन्य विजेताओं में भोपाल परिसर से मनीषा रावत एवं दिल्ली परिसर से शशांक अर्जुना शामिल रहे। पुरस्कार मिलने पर अंकित देव अर्पण ने हर्ष जताया एवं कहा कि माननीय गृह मंत्री द्वारा निरंतर कानूनी व्यवस्था एवं फोरेंसिक विज्ञान को सुदृढ़ करने का प्रयास किया ही जा रहा है, साथ ही हिंदी के सतत विकास एवं इसके पूर्ण प्रसार पर भी उनका विशेष ध्यान है। यह वास्तव में हर्ष का विषय है कि देश के इतने बड़े मंच पर हिंदी को इस प्रकार से सम्मानित किया गया। उन्होंने इस पुरस्कार हेतु NFSU के कुलपति प्रो० डॉ जे एम व्यास, परिसर निदेशक प्रो० डॉ एस ओ जुनारे, हिंदी राजभाषा अधिकारी विनोद कुमार पांडेय, लॉ स्कूल की डीन प्रो० डॉ पूर्वी पोखरियाल, असिस्टेंट प्रो० डॉ बिस्वा कल्याण दास एवं असिस्टेंट प्रो० डॉ दीपक मशरू समेत अपने माता पिता को धन्यवाद दिया।

संविधान निर्माता डॉ अंबेडकर को कृतज्ञ राष्ट का नमन

0

लखनऊ : नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब के सिद्धांत और आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को शक्ति और गति प्रदान करेंगे। एक्स पर पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा:

“सभी देशवासियों की ओर से भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। यह उन्हीं की प्रेरणा है कि देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भाव से जुटा हुआ है। उनके सिद्धांत एवं आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को मजबूती और गति देने वाले हैं।”

उधर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री धर्मपाल सिंह ने राजधानी लखनऊ के अवध चौराहा एवं आजाद नगर में स्थित भारत रत्न डॉ भीमराव राम जी आंबेडकर की प्रतिमा पर दीप जलाकर कृतज्ञ नमन किया।

काशी : प्राचीन पवित्र शहर, स्मार्ट भविष्य

0

भारत विकास- विरासत को साथ आगे बढ़ा रहा है,काशी इसका सर्वोत्तम मॉडल है: पीएम मोदी

वाराणसी : काशी सिर्फ़ एक नगर नहीं है – यह एक जीवंत आत्मा है। यह गंगा की लहरों और अपने लोगों की शांत शक्ति के माध्यम सांस लेती है। यहां, प्राचीन पत्थर अतीत की कहानियां सुनाते हैं जबकि कांच के सामने वाली इमारतें कल के वादे को दर्शाती हैं। वह शहर जहां मणिकर्णिका घाट पर जीवन और मृत्यु का मिलन होता है, अब चौड़ी सड़कों, स्मार्ट लाइटिंग और आधुनिक गलियारों का स्वागत करता है। यह काशी की यात्रा है – जहां पवित्र और स्मार्ट एक साथ मौजूद हैं, संघर्ष में नहीं, बल्कि सद्भाव में। एक ऐसी जगह जहां हर गली एक कहानी रखती है और हर कदम आत्मा और संरचना के मिश्रण की ओर ले जाता है।

11 अप्रैल को, प्राचीन शहर काशी विकास के एक पल का गवाह बना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की लोकार्पण और शिलान्यास किया। यह विकास का उत्सव था – जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने सच्चा “विकास का उत्सव” कहा।

दस वर्ष पहले, वाराणसी से होकर यात्रा करने का मतलब था अंतहीन यातायात और धूल भरे चक्कर। आज, यह नगर उस कहानी को फिर से लिख रहा है। फुलवरिया फ़्लाईओवर और रिंग रोड जैसी परियोजनाएँ यातायात की समस्याओं को कम कर रही हैं, जिससे दैनिक यात्रियों और लाखों तीर्थयात्रियों का बहुमूल्य समय बच रहा है। जौनपुर, गाजीपुर, बलिया और मऊ जैसे जिलों के बीच यात्रा पहले से कहीं अधिक तेज़ और कनेक्टेड हो गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी रिंग रोड और सारनाथ को जोड़ने वाले एक सड़क पुल, भिखारीपुर और मंडुआडीह में लंबे समय से प्रतीक्षित फ्लाईओवर और वाराणसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -31 पर 980 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली एक राजमार्ग अंडरपास सड़क सुरंग का भी शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं केवल कंक्रीट और स्टील की नहीं हैं; बल्कि ये दुनिया के लिए खुलते एक बढ़ते नगर की रीढ़ हैं।

जीवन को रोशन करने और नगर को रोशन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने काशी के विद्युत नेटवर्क को एक बड़ा प्रोत्साहन दिया। उन्होंने 400 केवी के दो और 220 केवी का एक उपकेंद्र का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं की लागत 1,045 करोड़ रुपये से अधिक की है। इसके अलावा चौकाघाट और गाजीपुर में 775 करोड़ रुपये की लागत से नए उपकेंद्रों का निर्माण हुआ है।

लेकिन असली शक्ति सिर्फ़ तारों में नहीं, बल्कि बुद्धि में निहित है। प्रधानमंत्री ने “सभी के लिए शिक्षा” के अपने दृष्टिकोण पर कायम रहते हुए, सीखने के नए दरवाज़े खोले। 356 पुस्तकालयों और 100 आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ ग्रामीण शिक्षा को प्रोत्साहन मिला। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 77 प्राथमिक विद्यालयों के पुनरुद्धार की नींव भी रखी।

पूर्वांचल में सबसे अधिक दिल को छू लेने वाले बदलावों में से एक बदलाव बनास डेयरी के माध्यम से आया है। इसने हज़ारों छोटे डेयरी किसानों को आत्मविश्वास से भरे उद्यमी बनने में सहायता की है। पशुपालक परिवारों को 105 करोड़ रुपये से अधिक बोनस वितरित किए गए – जिनमें से अधिकांश महिलाएँ थीं। ये महिलाएँ, जिन्हें अब गर्व से “लखपति दीदी” के नाम से जाना जाता है, वास्तविक सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किसान क्रेडिट कार्ड, पशुओं के लिए नि:शुल्क टीकाकरण और राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएं किस तरह किसानों की सहायता कर रही हैं। वे स्वस्थ पशुओं का पालन-पोषण कर रहे हैं और अपनी उपज के लिए बेहतर बाजार प्राप्त कर रहे हैं।

एक समय था जब पूर्वांचल के लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा के लिए दूर-दूर तक यात्रा करनी पड़ती थी। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के लाखों परिवारों को नि:शुल्क उपचार मिला है और उनकी जान बच रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से बुज़ुर्ग नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड प्रदान किए- जिससे 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिल रही है।

काशी में विकास सिर्फ़ सड़कों और अस्पतालों तक सीमित नहीं है – यह सपनों के बारे में भी है। नए स्टेडियम और विश्व स्तरीय खेल परिसर के साथ, वाराणसी के युवा एथलीटों को अब वह मंच मिल रहा है जिसकी उन्हें चमकने के लिए आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को याद दिलाया कि अगर भारत 2036 ओलंपिक की मेज़बानी करना चाहता है, तो हमारे युवाओं को अपनी यात्रा अभी से शुरू करनी होगी – और काशी सुनिश्चित कर रही है कि वे इसके लिए तैयार हों।

तबले की लयबद्ध थाप से लेकर जरदोजी की जटिल डिजाइन तक, वाराणसी की समृद्ध संस्कृति अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर रही है। वाराणसी और आस-पास के जिलों के 30 से अधिक स्थानीय उत्पादों को अब प्रतिष्ठित जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग प्राप्त है, जिसमें प्रसिद्ध ठंडाई, लाल भरवां मिर्च, तिरंगा बर्फी और यहां तक ​​कि जौनपुर की इमरती और पीलीभीत की बांसुरी भी शामिल है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एकता मॉल के निर्माण की भी घोषणा की, जहां पूरे भारत के विविध शिल्प और उत्पादों को एक ही छत के नीचे -यहीं काशी में प्रदर्शित किया जाएगा। वाराणसी परंपरा और परिवर्तन के चौराहे पर खड़ा है, यह शहर एक सरल सत्य साबित करता है: विकास तब सबसे सार्थक होता है जब यह जीवन को छूता है और किसी स्थान की आत्मा को संरक्षित करता है। हाथ जोड़कर और दृढ़ संकल्प के साथ, काशी आगे बढ़ती है – अपने अतीत पर गर्व करती है, और अपने भविष्य के लिए तैयार होती है।