– अव्यवस्थाओं का शिकार केडी सिंह बाबू का स्वीमिंग पूल
लखनऊ। एक ओर जहां प्रदेश सरकार खेल प्रतिभाओं के प्रोत्साहन के लिए नित नई योजनाएं संचालित कर रही है। वहीं प्रदेश के खेल अधिकारी योजनाओं को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे। प्रदेश का महत्वपूर्ण केडी सिंह बाबू स्टेडियम का स्विमिंग पूल पिछले 15 दिनों से बंद है। लगभग एक माह पहले करोड़ों की लागत से रेनोवेट हुए पूल को प्रमुख सचिव खेल डॉ नवनीत सहगल ने प्रदेश के तैराकों को सौंपा था। लेकिन महज 32 दिन में ही पूल को लीकेज की समस्या के चलते बंद कर दिया गया। आलम यह है कि पूरे पूल में तैरती काई उतरा रही है। भीषण दुर्गन्ध फैली है। ऐसे में केडी सिंह स्टेडियम के तैराकी के खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर है।
कोरोना काल वर्ष 2020 से तीन वर्ष बाद तक बंद पूल का रेनोवेशन कार्य 16 करोड़ की लागत से वर्ष 2021 में शुरू हुआ था। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के समय भी पूल के तैयार न होने और रेनोवेशन की धीमी गति पर डीएम और अपर खेल प्रमुख सचिव ने निर्माण इकाई को फटकार लगाई थी। जिसके चलते पूल को आनन-फानन में जुलाई महीने में शुरू कर दिया गया था। पूल के शेड और ऑल वेदर का निर्माण कार्य अभी चल रहा है।
हास्टल में प्रयागराज, गोरखपुर, मिर्जापुर अन्य जिलों के तैराक पूल के निर्माण कार्य के पूरा होने की बाट जोह रहे हैं। मौजूदा समय में हॉस्टल के तैराक-पूल में प्रेक्टिस के बजाय मैदान में शारीरिक अभ्यास करने को विवश हैं।
नाम ना छापने की शर्त पर हॉस्टल के खिलाड़ियों ने बताया कि पिछले तीन सत्रों से पूल में अभ्यास न कर पाने से हमारा प्रदर्शन प्रभावित हुआ है। आगे भी जल्दी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। न ही इस बारे में स्टेडियम प्रशासन कोई ठोस जवाब दे रहा है।
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बनेगा आल वेदर पूल : सेठी
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अजय कुमार सेठी ने बताया कि ऑल वेदर पूल के लिहाज से पूल के शेड का निर्माण होना है। इसलिये पूल को बंद कर दिया गया है।
काई पैदा होना अववस्था का कारण : प्रशांत
स्विमिंग पूल संचालन एक्सपर्ट प्रशांत कुमार ने बताया कि मानसून के मौसम में पूल का पानी अक्सर हरा हो जाता है। लेकिन पूल में काई पैदा होना व दुर्गन्ध आना अव्यवस्था है।