मीडिया में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों पर समुद्र मंथन यहाँ चल रहा है! यह अवश्य ही अमृतकाल में भारत अभ्युदय को लेकर हमें संकल्पित करेगा। मीडिया चौपाल 2022 में देश भर से आए मीडिया कर्मियों ने यह चिंतन किया!
एनआईटीटीटीआर-चंडीगढ़ में आयोजित तीन दिवसीय मीडिया चौपाल के मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि “सेल्फ, सेल्फी और सेल्फिश पत्रकारिता के दौर में जो प्रयास मीडिया चौपाल ने किया है, वह महत्वपूर्ण है। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों पर जो समुद्र मंथन यहाँ चल रहा है, वह अवश्य ही अमृतकाल में भारत अभ्युदय को लेकर हमें संकल्पित करेगा।“उन्होंने कहा कि “यह भारत के अभ्युदय का अमृतकाल है। यह तकनीक का दशक भी है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए हमें गौरव के साथ अपनी संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।“ मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि “हमें सोचना होगा कि असत्य और भ्रम विज्ञान नहीं है। वैश्विक सत्य ज्ञान, विज्ञान के चरित्र के रूप में नज़र आता है। ईश्वर सपनों में प्रतिदिन हमें ‘नॉक’ करता है और हमें बताता है कि तुम हिन्दुस्तानी थे, हो और आगे भी रहोगे।“उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “अगर देश के सभी हिस्सों के लोगों का एक ग्रुप फोटो प्रदर्शित किया जाये तो उनकी पहचान किसी जाति, धर्म, गरीब, अमीर के तौर पर नहीं की जा सकेगी। सभी को एक हिन्दुस्तानी के तौर पर ही पहचाना जाएगा। हमें ईष्या और नफरत की जगह मुस्कराहट को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
शामिल हुए। सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के अध्यक्षले.जे.(सेवानिवृत्त) राजनंदनसिंह ने की। सत्र का विषय प्रवर्तन प्रोफेसर रामेश्वर मिश्र पंकज ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के उपाध्यक्षले.जे.केजे सिंह और प्रोफेसर केजी सुरेश विशेष अतिथियों के रूप में उपस्थित रहे। वरिष्ठ पत्रकार व् लेखक मनीष शुक्ल ने केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को अपनी उपन्यास स्वयंसेवक एक महागाथा भेंट की!
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय सचिव राजकिशोर प्रजापति ने स्वागत भाषण दिया और एनआईटीटीटीआर के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर बीएस पाबला नेआयोजन में संस्थान की भूमिका बताते हुए सबका धन्यवाद ज्ञापित किया। चौपाल में परिचर्चा का संयोजन हर्षवर्धन त्रिपाठी ने किया। डॉ. आनंद पाटील ने इस चौपाल के स्वरूप एवं विस्तार को लद्दाख से लक्षद्वीप तक वाला बताया। ध्यातव्य है कि इस चौपाल में लगभग सभी राज्यों के 500 शिक्षाविद, संचारविद, मीडियाकर्मी, संचारक, शोधार्थी इत्यादि शामिल हैं। सह आयोजक डॉ अनिल सौमित्र ने सभी का आभार जताया!