75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वीं बार लाल क़िला पर तिरंगा झंडा फहराया। इसके बाद पीएम मोदी ने लाल क़िला की प्राचीर से देश को संबोधित किया. कोरोना के मद्देनजर लाल क़िला पर आजादी के कार्यक्रम में इस बार 1,500 मेहमान शामिल हुए। इस बार कोरोना महामारी के बीच पीएम का संबोधन बहुत ही खास था, जिसमें उन्होंने 100 प्रतिशत भारत की वकालत की। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि अगर 21वीं सदी में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, तो देश की क्षमताओं को पूरी तरह से उपयोग करना होगा। इस मौके पीआर पीएम ने कविता पढ़ी तुम उठो तिरंगा लहरा दो।
उन्होने कहा कि हमारी ताकत हमारी जीवटता का। ये समय है सपनों को पूरा करने का। प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े बदलाव और सुधार के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. आज दुनिया देख रही है कि भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है. सुधार लाने के लिए गुड और स्मार्ट गवर्नेंस की जरूरत है. दुनिया देखेगी कि भारत एक नया अध्याय लिखेगा।
पीएम मोदी ने पहले मंत्र दिया था- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास जिसमें अब उन्होंने ‘सबका प्रयास’ जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि अब हमें शत-प्रतिशत प्रयास करने की ओर बढ़ना है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि 100 प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, 100 प्रतिशत घरों में बैंक खाता हो, 100 प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत कार्ड हों और 100 प्रतिशत पात्र लोगों के पास उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन हो। देश के सभी सैनिक स्कूल बेटियों के लिए खुलेंगे. हमारी बेटियां हर क्षेत्र में अद्भुत प्रदर्शन कर रही हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर समेत अन्य सभी को आज देश याद कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि जय-पराजय आते रहे, लेकिन मन में बसी हुई आजादी की आकांक्षा कभी खत्म नहीं होनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है. यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है. कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है. अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा.
‘पदकवीरों का सम्मान’
पीएम ने अपने भाषण में कहा कि ओलंपिक में जिन एथलीटों ने हमें गौरवान्वित किया है, वे आज यहां हमारे बीच हैं. मैं राष्ट्र से आज उनकी उपलब्धि की सराहना करने का आग्रह करता हूं. उन्होंने न केवल हमारा दिल जीता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित किया है.
‘कोरोना योद्धाओं का वंदन’
पीएम ने अपने भाषण में कोरोना वैश्विक महामारी का जिक्र करते हुए देश के फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका की तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘हमारे डॉक्टर, हमारे नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, वैक्सीन बनाने मे जुटे वैज्ञानिक हों, सेवा में जुटे नागरिक हों, वे सब भी वंदन के अधिकारी हैं।’