Sunday, September 8, 2024
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विवादों का महाकुंभ टोक्यो ओलंपिक

ओलंपिक और विवादों का अक्सर चोली दामन का साथ रहा है। कभी खेलों की मेजबानी को लेकर दो देश आपस में भिड़ गए तो कभी सियासी कारणों से टीम और खिलाड़ियों का बहिष्कार किया गया। टोक्यो ओलंपिक भी विवादों से अछूता नहीं है। यहाँ तक कि जापान वासियों ने ही करोना को लेकर अपने ही देश के आयोजकों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जापान वासियों ने ओलंपिक खेलों को तत्काल रोकने की भी मांग है।

भारत की खिलाड़ी मैरी कॉम ने खेल के दौरान अंपायरिंग को लेकर निशाना साधा है तो कई अफ्रीकी देशों ने इज़राइल के साथ खेलने से ही इंकार कर दिया है। खासतौर पर ईरान-इजरायल के रिश्तों की तल्खी खेलों के महाकुंभ में भी नजर आ रही है। बीते दिनों इससे जुड़ी कई घटनाएं सामने आईं, जब इजरायल की मुखालफत करने वाले मिडिल ईस्ट और उत्तर अफ्रीकी देशों के खिलाड़ियों ने इजरायल के खिलाड़ी के खिलाफ खेलने से ही इनकार कर दिया. भले ही उन्हें इसके लिए सजा ही क्यों ने भुगतनी पड़ी।

इसकी शुरुआत बीते शनिवार को हुई। जब टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा ले रहे अल्जीरिया के एक जूडो खिलाड़ी फ़ेतही नूरीन को सस्पेंड कर दिया गया. दरअसल, अल्जीरियाई खिलाड़ी ने इजरायल के खिलाड़ी तोहार बुटबुल से लड़ने से मना कर दिया था. इसके बाद उन्हें और उनके कोच को सस्पेंड कर दिया गया और टोक्यो से लौटने का आदेश सुना दिया गया. नूरीन को 73 किलो भार वर्ग में इजरायली खिलाड़ी के खिलाफ उतरना था. लेकिन उन्होंने फिलिस्तीन के समर्थन में ऐसा करने से इनकार कर दिया।

अल्जीरियाई मीडिया में उन्हें ये कहते बताया गया कि हमने ओलंपिक के लिए बहुत तैयारी की. मगर फिलस्तीनियों का मुद्दा इससे बड़ा है. इससे पहले नूरीन 2019 में जापान में वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेलने पहुंचे थे. मगर वहां भी पहला राउंड जीतने के बाद भी उन्होंने इजराइली खिलाड़ी से लड़ने से इनकार कर दिया था और प्रतियोगिता छोड़ दी थी।

सूडान ने भी इजरायली खिलाड़ी का बहिष्कार किया

सूडान के एक जूडो खिलाड़ी ने भी यही रुख अपनाया और इजरायली खिलाड़ी से लड़ने से इनकार कर दिया और ओलंपिक से खुद ही बाहर हो गया। मोहम्मद अब्दुलरसूल  को भी इजराइल के तोहार बुटबुल का ही सामना करना था. मगर उन्होंने भी इस मुकाबले में उतरने से इनकार कर दिया. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने सूडान के जूडो खिलाड़ी को बैन कर वापस भेज दिया. सूडान के अब्दुलरसूल का ओलंपिक मैच छोड़ने का कारण भी राजनीतिक और मजहबी बताया जा रहा है।

उत्तर और दक्षिण कोरिया का भी विवाद

ईरान और इजरायल की तरह ही उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच भी सालों पुराना विवाद है. इसका असर ओलंपिक औऱ दूसरे खेल आयोजनों पर भी पड़ता है। हालांकि, टोक्यो गेम्स में ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि उत्तर कोरिया कोरोना महामारी के कारण इन खेलों में हिस्सा ही नहीं ले रहा. पहले कई मौकों पर इन दोनों देशों के बीच खराब रिश्तों की कीमत खेल को चुकानी पड़ी है।

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