कभी सत्ता और विपक्ष के बीच चर्चा, विमर्श, वाद- प्रतिवाद का केंद्र रही भारतीय लोकतंत्र का मंदिर संसद पिछले आठ सत्रों से पूरी नहीं हो सकी है| ऐसे में राहुल गांधी और अडानी के मुद्दे पर आमने- सामने खड़ी भाजपा और कांग्रेस के रुख से बजट सत्र के दूसरे चरण के समय से पहले ख़त्म होने का खतरा मंडरा रहा है|
बजट का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक आयोजित होना है लेकिन पहले सप्ताह में संसद के दोनों सत्रों का न चलना भविष्य को लेकर आशंका जता रहा है|
बजट सत्र के इस चरण में 35 बिल पेंडिंग है, जिसे सरकार पास कराने की बात कह चुकी है| 26 बिल राज्यसभा में और 9 बिल लोकसभा में पेंडिंग है| कई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इसी सत्र में सरकार डेटा प्रोटेक्शन बिल को लोकसभा में पेश कर सकती है| इसके अलावा भी कुछ अन्य विधेयक अभी पेंडिंग है| वहीँ लोकसभा और राज्यसभा दोनों अब सोमवार यानी 20 मार्च के लिए स्थगित कर दी गई है| संसद ठप होने के बाद कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरना-प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए|
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार सदन नहीं चलने दे रही है और अडानी मामले से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है| बीजेपी सदन में राहुल गांधी से माफी मांगने पर जोर दे रही है|
2008 के बाद यह पहली बार है, जब सत्ताधारी दलों के हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही को स्थगित करनी पड़ रही है| तब अमेरिका से परमाणु समझौते को लेकर सत्ता में शामिल लेफ्ट पार्टियों ने जमकर हंगामा किया था| ऐसे मौजूदा दौर में सत्ता और विपक्ष के अड़ियल रुख से संसद में चर्चा की उम्मीद कम होती जा रही है|