Saturday, November 23, 2024
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मोदी के सत्ता में 20 साल: ऐतिहासिक बेमिसाल

गुजरात के मेहसाणा के छोटी सी जगह वडनगर में 17 सितंबर 1950 को जन्में बालक नरेंद्र मोदी ने आज देश की सत्ता में 20 साल का सफर तय कर लिया है। पहले 11 वर्षों तक उन्होने मुख्यमंत्री के तौर पर गुजरात की सेवा की। उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई। और तब से अब तक वे भारत जैसे विशाल लोकतन्त्र के प्रधानमंत्री हैं। चाय वाले से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर तय करने में उन्होने हर चुनौती का मजबूती से सामना किया और विजेता बनकर उभरे। मोदी जी ने करोना काल में विश्व को नई दिशा दी और आज दुनियाँ के सभी बड़े देश उनको विश्व नायक के तौर पर देखते हैं। मोदी जी सत्ता के 20 वर्षों के पूरा होने के अवसर पर देवभूमि उत्तराखंड में हैं। यहाँ पर राजनीतिक और आध्यात्मिक चिंतन करके देश को नई ऊर्जा देने की तैयारी कर रहे हैं। आइये डालते हैं उनकी यात्रा पर एक नजर।

मोदी जी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था और उन्होंने 22 मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने 26 मई 2014 को देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला था और तब से वे देश के सियासी पटल पर छाए हुए हैं।

मोदी को 2001 में केशुभाई पटेल के जगह गुजरात के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री के रूप में करीब साढ़े चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके थे मगर राज्य में बढ़ते असंतोष के कारण पार्टी हाईकमान ने नेतृत्व परिवर्तन का फैसला किया था। मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 2002 के चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की थी। मोदी की अगुवाई में भाजपा 127 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। वे राज्य के करिश्माई नेता साबित हुए और 2007 के चुनाव में भी उन्होंने अपने दम पर भाजपा को जीत दिलाई। कांग्रेस 2012 के चुनाव में भी मोदी की किलेबंदी को नहीं भेद पाई और इस बार फिर मोदी भाजपा को जीत दिलाने में कामयाब रहे। 2012 के चुनाव में मोदी लगातार तीसरी बार जीते और इस बार भी भाजपा ने 115 सीटें जीतकर कांग्रेस को सत्ता से दूर कर दिया।

मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में विकास का ऐसा मॉडल सबके सामने पेश किया जिसे गुजरात मॉडल के नाम से जाना जाने लगा।

यह मोदी की लोकप्रियता का ही असर था कि उन्हें 2013 में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया गया। उस समय पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मोदीजी के नाम पर सहमत नहीं थे मगर उनकी लोकप्रियता के कारण ही भाजपा को यह बड़ा फैसला लेना पड़ा। इसके बाद उनकी अगुवाई में भाजपा 282 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही और मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 1989 के बाद पहली बार किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला और मोदी ऐसे पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की। इस बार भाजपा मोदी की अगुवाई में 330 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही और मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। मोदी जी ने संवैधानिक पद पर रहते हुए अपने 20 साल के कार्यकाल में कौन से 20 बड़े फैसले लिए।

नोटबंदी

प्रधानमंत्री पद के दावेदार रहते हुए 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने कालेधन का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे अचानक 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का एलान कर दिया। प्रधानमंत्री के इस फैसले की चर्चा पूरी दुनिया में हुई।

सर्जिकल स्ट्राइक

18 सितंबर 2016 को आर्मी के मुख्यालय पर सुबह करीब साढ़े पांच बजे आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इसमें 19 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 30 से ज्यादा जवान घायल हुए। इसके बाद 28 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया। आतंकी हमले का इस तरह से जवाब देने पर पीएम मोदी की चर्चा पूरी दुनिया में हुई।

बालाकोट स्ट्राइक

आतंकवादियों ने 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया। इसमें 40 जवान शहीद हो गए। हमले के बाद पूरे देश में गम और गुस्सा देखने को मिला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को जवाब देने का फैसला लिया। इसके बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया। इसमें 300-400 आतंकवादी मारे गए थे। भारत के इस कदम को दुनिया के कई देशों ने अपना समर्थन दिया।

धारा 370 हटाना

प्रधानमंत्री का चौंकाने वाला चौथा फैसला कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का रहा। 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया है। इसी दौरान जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्य के गठन का भी एलान किया।

ट्रिपल तलाक पर कानून

22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी घोषित कर दिया। 2019 में दूसरी बार अध्यादेश लाया गया। इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने एक बार फिर से लोकसभा और राज्यसभा में बिल को पेश किया। दोनों जगह से मंजूरी मिलते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नया कानून लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से छुटकारा दिलाने के इस फैसले पर बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिला तो कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया।

नागरिकता संशोधन कानून

2019 में दोबारा सरकार बनने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से सबको चौंका दिया। इस दौरान उन्होंने देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को संसद में पेश किया। नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता का अधिकार मिल गया।

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