Sunday, September 8, 2024
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करोना काल के बाद क्या काल बन गया है कार्डिएक अरेस्ट !!

करोना ने केवल फेफड़े ही नहीं दिल पर भी अटैक किया है! कोविद 19 का खौफनाक दौर बीतने के बाद अब हार्ट अटैक के सामने आ रहे हैं! जिन लोगों को कोरोना हो चुका है उन लोगों को डॉक्टर विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। लेकिन कोरोना को हार्ट अटैक का साइड इफेक्ट की अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। हालाँकि लंदन में हुए एक शोध के अनुसार कोविड के शिकार लोगों में स्ट्रोक आने कि संभावना 17 गुना होती है! अभी हाल ही में एक के बाद जानी मानी हस्तियों के हार्ट अटैक से निधन के बाद इस खतरे पर बहस हो रही है!

24 साल में बंगाली एक्ट्रेस एंड्रिला शर्मा की मौत हार्ट अटैक से होने से सभी स्तब्ध हैं! इससे पहले बीते दिन 78 साल की मशहूर अभिनेत्री तबस्सुम का निधन भी हार्ट अटैक के कारण ही हुआ!  टीवी एक्टर सिद्धांत वीर और कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav) ने जिम करते वक्त अपनी जान गंवाई थी! चाहें सेलिब्रिटी हों या आम आदमी कोविड दौर के बाद हर दिन हार्ट की बीमारी की चपेट में आकर जिंदगी से हाथ धो रहे हैं, जो आने से पहले कोई दस्तक भी नहीं दे रही है। कार्डियक अरेस्ट काल बनकर लोगों को लील रहा है! आमतौर पर हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के पीछे कई कारण हुआ करते हैं, मगर पिछले डेढ़ सालों में हार्ट अटैक से ऐसे लोगों की मौत हुई है, जो शारीरिक तौर पर पूरी तरह फिट थे। जिन लोगों को कोरोना हो चुका है उन लोगों को डॉक्टर विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। ऐसे में हार्ट अटैक के पीछे की असली वजह कोरोना को ही समझा जा रहा है। हालांकि अब तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। एक नई स्टडी से पता चला है कि कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों में कई जानलेवा बीमारियों का खतरा तुलनात्मक रूप से अधिक है। इस अध्ययन के आधार पर करोड़ों लोग खतरे के दायरे में आते हैं। द सन की खबर के अनुसार, रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों में, अंसक्रमित लोगों की तुलना में, वीनस थ्रोम्बोम्बोलिज़्म (VTE) विकसित होने की संभावना 27 गुना अधिक है। जिन लोगों को इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ा उनमें VTE विकसित होने की संभावना अंसक्रमितों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। वीटीई एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें नसों में खून का थक्का बन जाता है। अगर यह थक्का बड़ा हो जाए या इसका इलाज न किया जाए तो यह मौत का कारण भी बन सकता है।

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