Saturday, June 7, 2025
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युवा कलाकारों संग ईशा मीशा ने पेश किया सूफी कथक

अखिल भारतीय हैंडबॉल क्लस्टर के समापन पर सांस्कृतिक संध्या  

लखनऊ, 11 अप्रैल।  प्रथम अखिल भारतीय हैंडबॉल क्लस्टर के समापन अवसर पर 35वीं वाहिनी पीएसी महानगर मैदान में सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई। सांस्कृतिक संध्या में रतन बहनों ईशा-मीशा और साथियों रिद्धिमा श्रीवास्तव, अंशिका पाठक, शैलेन्द्र और मोहित सोनी ने सूफी कलाम- मेरा मुर्शीद खेले होली… पर भावपूर्ण सूफी कथक की समवेत प्रस्तुति दी।

इससे पहले गीत- होली आई रे…. पेश कर दर्शकों को होली के उल्लास से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम का प्रारम्भ विजय अग्निहोत्री और ज्योति मिश्रा के संचालन में संजोली पाण्डेय के लोक रंगों में रचे गीत व नृत्य से हुआ। इसके अलावा बारिश बैंड, आईपीएस हरीश कुमार, संदीप शर्मा, सेनानायक बबिता साहू, प्रमोद प्रभाकर टम्टा, मोनिका सिंह, संदीप कुमार, जाह्नवी, निताक्षी,  पुलिस माडर्न स्कूल के बच्चों और भातखंडे विश्वविद्यालय के मोहित कपूर के दल ने भी दर्शनीय प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर डीजीपी प्रशांत कुमार और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

भाजपा के वार्ड चलो अभियान में घर- घर पहुंचाया योगी सरकार का संदेश

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कानपुर : भाजपा संगठन का शहरी क्षेत्र में वार्ड चलो अभियान के अंतर्गत वार्ड 36 अजीतगंज मे  मंडल अध्यक्ष बबुपुरवा ओमप्रकाश आर्या, पार्षद अशोक पाल, बूथ अध्यक्ष रजनीश गुप्ता, अभिषेक भारती, कमल बाल्मिकी, अमित कोरी, रवी सोनकर, राकेश, संतोष वर्मा, सत्य देव सिंह सोनू वर्मा, शिवम् ठाकुर आदि ने घर घर सम्पर्क कर सरकार की जनता के लिये लाभकारी योजनाओं को बताया, लाभर्थियों से संपर्क किया गया|  वार्ड 36 के सभी वर्ग के लोगो ने बताया कि योगी सरकार और मोदी सरकार ज़ब से आयी है बिजली,पानी, गली, सड़क, चिकित्सा पहले की अपेक्षा आज बेहतर है| गुंडा राज समाप्त हो रहा है| गरीबों को राशन मुफ्त मिल रहा है| सरकार गरीबों का ख्याल रख रही है लाभार्थी श्रीमती वेद मती, श्रीमती सावित्री देवी, मधु राजपूत ने बताया कि उनका मकान टूटा हुआ था| भाजपा सरकार में टूटा मकान पुनः निर्मित किया गया| आँगन बाड़ी कार्यक्रतों से सम्पर्क किया गया|  अजीत गंज वार्ड 36 मे चौपाल मे सरकार की आठ वर्ष की जनहित मे किये गये कामों की चर्चा की गयी| क्षेत्र के सभी निवासियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों की प्रशंसा की| कार्यक्रम के प्रवासी विनोद शुक्ला पूर्व जिलाध्यक्ष एवं धमेन्द्र पाल ने सरकार के आठ वर्षों में किये गये कार्यों का सन्देश घर- घर पहुँचाया|  

अयोध्या प्राचीन भारत की सॉफ्ट पावर थी  

तीन दिवसीय सांस्कृतिक समारोह ‘अयोध्या पर्व’ आईजीएनसीए में भव्यता के साथ शुरू हुआ

नई दिल्ली : तीन दिवसीय सांस्कृतिक समारोह ‘अयोध्या पर्व’ का इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में भव्यता के साथ शुभारंभ हुआ। इसमें तीन उल्लेखनीय प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया गया – एक में ‘वाल्मीकि रामायण’ पर आधारित पद्मश्री वासुदेव कामथ की पहाड़ी लघु चित्रों की प्रदर्शनी-‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ (भगवान राम) की पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई और ‘बड़ी है अयोध्या’ नामक विषयगत प्रदर्शनी में चौरासी कोस अयोध्या के तीर्थ को दर्शाया गया।

इन प्रदर्शनियों का उद्घाटन अयोध्या के मणि रामदास छावनी के माननीय महंत पूज्य कमल नयन दास जी महाराज; गीता मनीषी महामंडलेश्वर पूज्य ज्ञानानंद जी महाराज; जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा; आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय और आईजीएनसीए के न्‍यासी और कलाकार श्री वासुदेव कामथ ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन के पश्‍चात, प्रत्येक गणमान्य ने भगवान राम और अयोध्या की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक श्रेष्ठता पर अपने विचार साझा किए। इस उद्घाटन सत्र के दौरान तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदर्शनियों का दौरा किया और उनका अवलोकन किया।

इस अवसर पर श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ‘अयोध्या पर्व’ के आयोजन के लिए आईजीएनसीए और अयोध्या न्यास को बधाई दी और आयोजन की सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि भगवान राम के चरित्र ने न केवल भारतीय चिंतन और विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों को प्रेरित किया है अपितु भारतीय संस्कृति के अविरल प्रवाह को बनाए रखने के लिए आवश्यक ऊर्जा और दिशा भी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं के सांस्कृतिक आक्रमण के सबसे कठिन दौर में गोस्वामी तुलसीदास ने आम लोगों की सामूहिक चेतना से जुड़ते हुए आम लोगों की भाषा में ‘रामचरितमानस’ की रचना की। उन्होंने कहा कि इसने सनातन संस्कृति के सार को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राम मंदिर की पुनः स्थापना और रामलला के अयोध्या धाम में वापस आने के बाद से ऐसा लग रहा है जैसे भारत के भाग्य का सूर्य एक बार पुन: उदय होने लगा है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत राजकुमार झा और उनके साथी कलाकार विनोद व्यास और श्री पंकज द्वारा मनमोहक मृदंग वादन से हुई। इसके बाद प्रज्ञा पाठक, विनोद व्यास, साकेत शरण मिश्र और उनके साथ आए गायकों ने भक्तिमय प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया।

22 जनवरी को नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन के बारे में बोलते हुए श्री मनोज सिन्हा ने कहा, “मैं 22 जनवरी को केवल एक तारीख के रूप में नहीं अपितु एक ऐसे सेतु के रूप में देखता हूं जो अतीत को वर्तमान से जोड़ता है।” उन्होंने आगे कहा, “यह केवल एक प्राचीन शहर और तीर्थ स्थल का पुनरुद्धार नहीं है  अपितु सदियों से भारत द्वारा अनुभव की गई आध्यात्मिक जागृति है। मेरा मानना ​​है कि अयोध्या का महत्व भूगोल से परे है – यह आनंद और जागृति की कुंजी है, हमारी सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है और एक मार्गदर्शक आध्यात्मिक शक्ति है। अयोध्या ने लंबे समय से हमारे राष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नींव के रूप में काम किया है।”

युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अयोध्या न केवल आध्यात्मिक शिखर प्रदान करती है अपितु यह व्यक्ति के मूल्यों और आकांक्षाओं का भी स्पष्ट रूप से प्रतीक है। राम राज्य के संदर्भ में भगवान राम को विकास, साहस, न्याय और जीवंत धर्म के अवतार के रूप में देखा जाता है। यद्यपि वे त्रेता युग में प्रकट हुए थे, फिर भी वे सुशासन के दूरदर्शी व्यक्ति बने हुए हैं।” श्री सिन्हा ने आगे कहा कि भारत आज विश्‍व का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम चला रहा है।

इससे पहले आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय ने अयोध्या पर्व की महत्‍ता को रेखांकित किया और कहा कि अयोध्या का संदेश पुस्तकों और पत्रिकाओं के माध्यम से तेजी से संरक्षित किया जा रहा है। विमोचित पुस्तक ‘चौरासी कोस का अयोध्या’ का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा, “भौतिक अयोध्या भले ही 84 कोस तक सीमित हो परंतु आध्यात्मिक अयोध्या आकाश की तरह अनंत है।” गीता मनीषी पूज्य ज्ञानानंद जी ने कहा कि भारत परंपराओं का देश है और इन परंपराओं में त्योहारों का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा, “भारत केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं है – यह एक दर्शन है, एक विचार है।” पूज्य महंत कमल नयन दास जी ने पूछा, “वेदों के किस श्लोक में छुआछूत या भेदभाव का उल्लेख है?” उन्होंने जोर दिया कि सामाजिक समरसता के बिना ज्ञान पूरा नहीं हो सकता। उद्घाटन सत्र का समापन फैजाबाद के पूर्व सांसद श्री लल्लू सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

उल्लेखनीय है कि अयोध्या पर्व, जो अयोध्या के आस-पास केंद्रित भारतीय संस्कृति, कला और भक्ति की भव्यता को समर्पित है। यह पर्व दो दिन तक जारी रहेगा। इसमें विभिन्न संवाद और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। इस तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव को श्रद्धा, परम्‍परा और प्रवचन के संगम के रूप में देखा जा रहा है जिसमें देश भर के संत, सांस्कृतिक विचारक, राजनीतिक नेता, विद्वान और कलाकार एक साथ आएंगे।

दूसरे दिन 12 अप्रैल को प्रात: 11 बजे ‘भारतीय समाज में मंदिर प्रबंधन’ विषय पर संगोष्ठी होगी जिसमें अयोध्या के प्रमुख संत, प्रशासनिक और सांस्कृतिक विशेषज्ञ भाग लेंगे। उसी दिन एक अन्य सत्र में ‘गोस्वामी तुलसीदास जी का भारतीय संस्कृति में नवाचारों में योगदान’ पर चर्चा होगी। दोनों सत्रों में भारत भर से आए विद्वान अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकल तबला वादन और ऋचा त्रिपाठी तथा उनके साथ आए कलाकारों द्वारा कथक और भरतनाट्यम की प्रस्तुति होगी।

अंतिम दिन 13 अप्रैल को प्रात: 11 बजे ‘कुबेरनाथ राय के निबंधों में श्री राम’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा जिसमें हिंदी के जाने-माने विद्वान भाग लेंगे। समापन समारोह में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्‍यास के कोषाध्यक्ष पूज्य गोविंद देव गिरि जी महाराज; मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर; आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय; आईजीएनसीए के डीन (प्रशासन) और कला निधि प्रभाग के प्रमुख प्रो. रमेश चंद्र गौड़; और प्रख्यात कलाकार श्री सुनील विश्वकर्मा उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का समापन फौजदार सिंह और उनके साथियों द्वारा आल्हा गायन और प्रसिद्ध गायिका विजया भारती द्वारा लोकगीतों के साथ होगा।

‘अयोध्या पर्व 2025’ भारतीय कला, आध्यात्मिकता और मूल्यों को पुनर्जीवित करने का एक अनूठा प्रयास है जिसे आईजीएनसीए और श्री अयोध्या न्यास के सहयोग से राजधानी में साकार किया जा रहा है। यह उत्सव ‘रामायण’ और तुलसीदास के छंदों के माध्यम से भारतीय लोकाचार की जड़ों को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।

अवध लेडीज क्लब ने किया महिला शक्ति को सम्मानित

लखनऊ। अवध लेडिज क्लब द्वारा आयोजित 2025 के सम्मान समारोह में लखनऊ  की तीन वरिष्ठ महिला शक्तियों को सम्मानित किया। लोक गीत संगीत मे उत्तर प्रदेश उत्तराखंड असम सहित  सभी हिन्दी भाषी राज्यो मे लोक संगीत को विसतार देने वाली आकाशवाणी और दूरदर्शन की वरिष्ठ ए ग्रेड  कलाकार कुमायूँ कोकिला श्रीमती विमल पंत, नाटक , नौटंकी  नृत्य से रंगमंच पर पाच दसक से भी अधिक सक्रिय अनुभवी कलाकार श्रीमती रेखा मित्तल दूरदर्शन से अवकाश प्राप्त  जल संरक्षण मे चार सौ से भी अधिक जागरूकता के कार्यक्रम कराने वाली कार्यक्रम अधिकारी डा मीनू खरे को  अवध शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया ।मुख्य अतिथि लखनऊ की पूर्व एम एल सी डा मंजू गुप्ता  एवम विशिष्ट अतिथि  कथक कलाकार डा कुमकुम धर ने महिला शक्ति को सम्मानित किया। सभी सदस्य समय से अवध अध्यक्ष ज्योति कौल ने सभी का परिचय कराकर कलब के उद्देश्य बताये।उपाध्यक्ष उमा त्रिगुणायक को गहमर मे मिले साहित्य सरोज सम्मान को ज्योति किरन रतन भेट किया। सचिव मनोरमा मिश्रा ने बताया की संस्था प्रत्येक वर्ष  विभिन्न क्षेत्र मे अग्रणी महिलाओ को जो अवध के दायरे मे सक्रिय भूमिका निभा रही है सम्मानित किया जाता है। अर्चना गुप्ता ने संचालन करते हुए अवध लेडिज कलब के 1936  मे बने स्थापना   उद्देश्यो को संक्षिप्त रूप से  कहा की महिलाओ का सबसे पुराना एकमात्र कलब सदा आपदाओ मे आज़ादी से लेकर सुनामी, कोरोना बाढ़ग्रस्त, सूखाग्रस्त  हर समय सक्रिय कार्य करता है।  कुमाऊँ कोकिला विमल पंत ने स्वरचित राम ,लक्ष्मण भरत, शत्रुघ्न जन्म का सोहर गाया , तो पद्मा गिडवानी ने दमादम मस्त कलंदर पर सभी को नृत्य कराया । इंदु सारस्वत ने स्वागत संग धन्यवाद गीत की प्रस्तुती । कांती गुप्ता, सुधा द्विवेदी,  सरिता अग्रवाल,  अपर्णा सिह,  रीता श्रीवास्तव,  अंजली सिह, गजाला सहित  तमाम सदस्य उपस्थित हुए।

भारत- ब्रिटेन मिलकर मजबूत करेंगे डिजिटल अर्थव्यवस्था

13वीं ईएफडी का समापन भारत की वित्त मंत्री और यूनाइटेड किंगडम के चांसलर ऑफ एक्सचेकर का साझा बयान

लंदन : भारत-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता (13वीं ईएफडी) की 13वीं मंत्रिस्तरीय बैठक आज लंदन में आयोजित की गई। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटेन की वित्त मंत्री माननीय रेचल रीव्स के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल के साथ उच्च स्तरीय चर्चा की।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में वित्त सचिव, आईएफएससीए के अध्यक्ष, सेबी के पूर्णकालिक सदस्य और वित्त मंत्रालय तथा लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। आरबीआई के गवर्नर भी वर्चुअल मोड में इस बैठक में शामिल हुए। ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल में बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर, एफसीए के सीईओ, ट्रेजरी के आर्थिक सचिव और एचएम ट्रेजरी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

दोनों पक्षों ने वित्तीय सेवा क्षेत्र, फिनटेक और डिजिटल अर्थव्यवस्था में तथा संबंधित विनियामक निकायों के बीच सहयोग जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। साथ ही आर्थिक विकास के लिए निम्न कार्बन उत्सर्जन को ध्यान में रखते हुए किफायती वित्त और निवेश जुटाने, कराधान मामलों और अवैध वित्तीय प्रवाह सहित पारस्परिक और वैश्विक आर्थिक मुद्दों के समाधान के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग की बात कही।

दोनों पक्षों ने हाल ही में भारत में ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों द्वारा परिसर स्थापित करने की घोषणा, आईएफएससी गिफ्ट सिटी में प्रत्यक्ष लिस्टिंग पर भारत-ब्रिटेन वित्तीय भागीदारी (आईयूकेएफपी) की रिपोर्ट जारी करने, आईयूकेएफपी के तत्वावधान में हरित वित्त पर निजी क्षेत्र की नई कार्यधारा शुरू करने और फोकस के अन्य नए क्षेत्रों का स्वागत किया। 13वीं ईएफडी का समापन भारत की वित्त मंत्री और यूनाइटेड किंगडम की चांसलर ऑफ एक्सचेकर द्वारा संयुक्त वक्तव्य को अपनाने के साथ हुआ।

अयोध्या पर्व 2025 : आस्था, संस्कृति और संवाद का उत्सव

नई दिल्ली : अयोध्या की महिमा को समर्पित – भारतीय संस्कृति, कला और भक्ति का श्रद्धेय केंद्र – और भारत के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सवों में शुमार किया जाने वाला ‘अयोध्या पर्व 2025’ 11 से 13 अप्रैल तक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), जनपथ, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव भक्ति, शास्त्रीय परंपराओं और संवाद का संगम होगा, जिसमें देश भर के संत, सांस्कृतिक विचारक, नीति निर्माता, विद्वान और कलाकार एक साथ भाग लेंगे।

इस उत्सव की शुरुआत 11 अप्रैल को दोपहर 3:00 बजे एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ होगी। इस अवसर पर, प्रसिद्ध चित्रकार पद्मश्री वासुदेव कामथ द्वारा ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ (भगवान राम) पर आधारित कलाकृतियों की प्रदर्शनी का अनावरण किया जाएगा। इसके साथ ही, दो विशेष प्रदर्शनियाँ भी लगाई जाएँगी – ‘सुंदरकांड’, जो ‘वाल्मीकि रामायण’ पर आधारित पहाड़ी लघु चित्रों का संग्रह है, और ‘बड़ी है अयोध्या’, जो अयोध्या के चारों ओर चौरासी कोस परिक्रमा (84 कोस सर्किट) की तीर्थ परंपरा का सचित्र प्रतिनिधित्व है।

प्रदर्शनी के बाद, एक विशेष चर्चा सत्र होगा, जिसमें मणिरामदास छावनी के महंत श्री कमल नयन दास, गीता मनीषी महामंडलेश्वर पूज्य ज्ञानानंद जी महाराज, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय और कलाकार श्री वासुदेव कामथ शामिल होंगे। शाम 6:00 बजे शुरू होने वाले ‘मृदंग वादन’ (तालवाद्य प्रस्‍तुति) और भक्ति गायन सहित सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ शाम का समापन होगा।

दूसरे दिन, 12 अप्रैल को पूर्वाह्न 11:00 बजे ‘भारतीय समाज में मंदिर प्रबंधन’ विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, जिसमें अयोध्या के प्रमुख संत प्रशासनिक और सांस्कृतिक विशेषज्ञों के साथ संवाद करेंगे। अपराह्न 3:00 बजे, एक और संगोष्ठी ‘भारतीय संस्कृति के नवप्रवर्तन में गोस्वामी तुलसीदास का योगदान’ पर केंद्रित होगी, जिसमें भारत भर के विद्वान अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। सांस्कृतिक संध्या में एकल तबला वादन शामिल होगा,जिसके बाद ऋचा त्रिपाठी और उनकी टीम द्वारा कथक और भरतनाट्यम की प्रस्‍तुति दी जाएगी।

उत्सव के अंतिम दिन 13 अप्रैल को भी समृद्ध बौद्धिक और कलात्मक कार्यक्रम होंगे। पूर्वाह्न 11:00 बजे ‘कुबेर नाथ राय के निबंधों में श्री राम’ विषय पर संगोष्ठी होगी, जिसमें हिंदी के प्रमुख विद्वान भाग लेंगे। समापन समारोह में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पूज्य गोविंद देव गिरि जी महाराज; मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर; आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय; आईजीएनसीए के डीन (प्रशासन) और कला निधि प्रभाग के प्रमुख प्रो. रमेश चंद्र गौड़; और प्रख्यात कलाकार श्री सुनील विश्वकर्मा की उपस्थिति रहेगी। अंतिम प्रस्तुतियों में फौजदार सिंह और उनकी मंडली द्वारा ‘आल्हा’ गायन और लोक गायिका विजया भारती द्वारा पारंपरिक लोकगीत शामिल होंगे। आईजीएनसीए और श्री अयोध्या न्यास की पहल-अयोध्या पर्व 2025 एक अनूठा प्रयास है, जो राजधानी के केंद्र में भारतीय कला, आध्यात्मिकता और कालातीत मूल्यों को नए सिरे से लोगों के ध्यान में लाता है। यह उत्सव रामायण और तुलसीदास की चिरस्थायी वाणी के माध्यम से पोषित सांस्कृतिक भावना को जागृत करता है।

ब्रह्मवादिनी टोली का 51 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ

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लखनऊ। शांतिकुंज की ब्रह्मवादिनी टोली की अगुआई में यहां एमबी गार्डेन इंदौराबाग बक्शी का तालाब में पांच अप्रैल से चल रहा 51 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ नेत्र जांच शिविर, विद्यारंभ, मुण्डन व दीक्षा आदि विभिन्न संस्कारों के साथ संपन्न हो गया।

इस शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ और जनस्वास्थ्य जागरूकता अभियान ने ग्रामीण लखनऊ में स्वास्थ्य, सेवा और धर्म को एक साझा मंच पर लाकर अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। ग्राम समुदायों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने और युवाओं को सेवा के लिए प्रेरित करने के मकसद से धर्मप्रेरित संस्थाओं के इस साझा प्रयास में विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में नेत्र जांच शिविर लगाया गया। नेत्र जांच, आयुष परामर्श और टेलीमेडिसिन शिविरों में  चार सौ से ज्यादा ग्रामीण लाभान्वित हुए।साथ ही नेत्र परीक्षण मोबाइल वैन भी दूरस्थ गांवों में भेजी गयीं। युवा स्वयंसेवकों द्वारा स्वच्छता, नेत्र दान जागरूकता और योग प्रदर्शन किया गया। विवेकानंद पालीक्लीनिक नेत्र विभाग के डॉ.जिमी मित्तल ने धर्मप्रेरित संस्थाओं की भूमिका पर कहा कि ऐसी संस्थाओं के सेवा कार्य स्वास्थ्य और शिक्षा के लोकतंत्रीकरण की भी रीढ़ हैं। इनकी गहराई से जुड़ी जन-संवेदना, निःस्वार्थ सेवा और युवा सहभागिता, उन्हें जनस्वास्थ्य सुधार में प्रभावशाली बना देती है। रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद महाराज ने कहा कि सेवा तभी सार्थक होती है जब वह श्रद्धा, समरसता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से युक्त हो। गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना  सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया कदम है। अध्यक्षीय वक्तव्य में वरिष्ठ गायत्री साधक मेजर वीके खरे ने दोनों संगठनों की आध्यात्मिक एकरूपता पर चर्चा करते हुए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी साथ-साथ सहयोग और कार्य करने का आश्वासन दिया। नेत्र शिविर संयोजक संयोजक ऋषभ रस्तोगी ने बताया कि गायत्री परिवार, श्रीराम आयुष केंद्र, अरुणोदय नेत्र केंद्र और रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के संयुक्त प्रयास से आगे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी टेलीमेडिसिन केंद्रों की स्थापना की जायेगी।यहां उपस्थित जनसमूह को ब्रह्मवादिनी टोली ने वंदनीया माताजी तथा अखंड दीप की जन्म शताब्दी पर सेवा कार्य में जुट पड़ने का संकल्प दिलाया। गायत्री महायज्ञ में सैकड़ों स्थानीय श्रद्धालुओं और युवाओं ने भाग लिया।

प्रो. (डा.) रामजीलाल जांगिड को पद्म भूषण डा. राम वंजी सुतार शताब्दी सम्मान

नई दिल्ली : भारत में पत्रकारिता शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए हाल में अन्तर राष्ट्रीय मीडिया शिक्षिका संघ के संस्थापक प्रोफेसर(डा०) रामजीलाल जांगिड को पद्‌मभूषण डा. राम वंजी सुतार द्वारा सौ वर्ष पूरा करने पर आयोजित अभिनंदन समारोह में सम्मानित किया गया। यह समारोह दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध दौलतराम महिला कालेज में हुआ था। समारोह में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र आदि राज्यों के शिक्षाविद पत्रकार, अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता, कलाकार आदि मौजूद थे। महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।


डा-जांगिड को दिए गए प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि उन्होंने महिला सशक्तिकरण और कमजोर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए बहुत काम किया है। वह विश्व भर में ऐसे पहले और अकेले भारतीय भाषा पत्रकारिता के शिक्षक हैं जिन्होंने छह भाषाओं- हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, ओडिया और उर्दू – में पत्रकारों को तैयार किया। उनके लगभग दो हजार शिष्य देश के सभी राज्यों और संघ क्षेत्रों के दैनिक समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन और आभासी मंचों में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं। कई छात्र विदेशी मीडिया संस्थानों, फिल्म, पत्रकारिता, शिक्षा, विज्ञापन तथा जन सम्पर्क के क्षेत्रों में भी डंका बजा रहे हैं।
प्रोफेसर जांगिड ने भारत में सबसे ज्यादा महिला संचार कर्मियों और मीडिया शिक्षिकाओं, अनुसूचित जातियों तथा जन जातियों के सबसे ज्यादा मीडिया कर्मियों,सबसे ज्यादा अन्य पिछड़े वर्गों के पत्रकारों एवं बड़ी संख्या में मुसलमान संचारकर्मियों को आगे बढ़ाया है, जिससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।
डा. जांगिड एशिया के ऐसे पहले और अकेले शिक्षक हैं जिनके दो छात्रों – अंशु गुप्ता और रवीश कुमार को एशिया का सबसे बड़ा पुरस्कार- (मैगसेसे अवार्ड) मिला है। यह फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर दिया जाता है।

भारत और उज्बेकिस्तान के बीच इतिहास और विरासत के गहरे संबंध

भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘सर्वजन हिताय’ के सार्वभौमिक मूल्यों में विश्वास करता  है: लोक सभा अध्यक्ष

  • लोक सभा अध्यक्ष ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ वार्ता की

ताशकंद : लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं और दोनों देश एससीओ, संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स जैसे विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर एक दूसरे के सहयोगी रहे हैं । उन्होंने पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

श्री बिरला ने आज अंतर-संसदीय संघ की 150वीं सभा के अवसर पर ताशकंद में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति, महामहिम श्री शवकत मिर्जीयोये के साथ हुई बैठक में ये टिप्पणियां कीं।

भारत की प्राचीन लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि संविधान के मार्गदर्शन में भारत ने निरंतर अपने लोकतांत्रिक मूल्यों का विस्तार किया है और सामाजिक समावेशन को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी ग्राम परिषदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कर जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया है।

श्री बिरला ने यह भी कहा कि भारत “वसुधैव कुटुम्बकम” (विश्व एक परिवार है) और “सर्वजन हिताय” (सभी का कल्याण) के मूल्यों में विश्वास करता है और ये मूल्य भारतीय परंपरा का अटूट हिस्सा रहे हैं । भारत का संविधान भी इन्हीं मूल्यों से प्रेरित है। इस बात का उल्लेख करते हुए कि पिछले वर्ष भारत में  संविधान के 75 वर्ष पूरे हुए हैं, श्री बिरला ने कहा कि भारत की संसद द्वारा पारित कई परिवर्तनकारी क़ानूनों ने सामाजिक-आर्थिक बदलावों को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इस संबंध में, श्री बिरला ने बताया कि नए संसद भवन में पहले कानून के रूप में “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” लाकर भारत ने न केवल अपनी प्रतिबद्धता दोहराई बल्कि विधानमंडलों में महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया।

भारत-उज्बेकिस्तान संबंधों का उन्नयन कर इसे रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिए जाने  और बीते कुछ वर्षों में इसमें नए आयाम जोड़े जाने के बारे में बात करते हुए श्री बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों में अर्थव्यवस्था, रक्षा, शिक्षा तथा व्यापार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत अब उज्बेकिस्तान के 10 सबसे बड़े व्यापार सहयोगियों में से एक है। श्री बिरला ने साझा हितों पर विचारों के आदान-प्रदान तथा दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों संसदों के बीच संसदीय सहयोग बढ़ाने के महत्व पर भी बात की। उन्होंने दोनों देशों के संसदीय अधिकारियों को एक-दूसरे की प्रणालियों तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए संसदीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा।

इसके अलावा, श्री बिरला ने उज्बेकिस्तान में भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से संगीत, नृत्य तथा योग में बढ़ती रुचि तथा उज्बेक शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या की बात भी  की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बैठक से  भारत तथा उज्बेकिस्तान के बीच राजनयिक तथा संसदीय संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा और दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग का नया अध्याय लिखा जाएगा ।

श्री बिरला और भारतीय शिष्टमंडल के सदस्यों ने ताशकंद में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

लोक सभा अध्यक्ष ने अंतर संसदीय संघ की 150वीं सभा की सफल मेजबानी के लिए उज्बेकिस्तान को बधाई दी

लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने अंतर संसदीय संघ की 150वीं सभा के अवसर पर ताशकंद में उज्बेकिस्तान की ओली मजलिस की चेयरपर्सन महामहिम सुश्री तंजिला नोरबायेवा से भी मुलाकात की। उन्होंने चेयरपर्सन को सभा की सफल मेजबानी के लिए बधाई देते हुए भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के आदर-सत्कार  के लिए आभार व्यक्त किया । विभिन्न क्षेत्रों में उज्बेकिस्तान द्वारा की जा रही प्रगति का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने भारत और उज्बेकिस्तान के मजबूत हो रहे  राजनयिक संबंधों के बारे में बात की । श्री बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं तथा एससीओ, यूएन और ब्रिक्स जैसे विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों एक दूसरे के साथ सहयोग करते आए हैं । श्री बिरला ने पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स, नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया।

श्री बिरला ने विशेष रूप से उज़्बेकिस्तान की संसद में महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए  लोकतंत्र और सामाजिक समावेशन के क्षेत्र में उज्बेकिस्तान की उपलब्धियों की सराहना की । उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग बढ़ाने से सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जा सकता है। श्री बिरला ने भारत की फिनटेक और रियल टाइम पेमेंट सिस्टम्स का उपयोग करते हुए पर्यटन के क्षेत्र में आपसी संबंधों को मजबूत बनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने उज्बेकिस्तान में भारतीय संस्कृति की बढ़ती लोकप्रियता और विशेषकर शैक्षिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के लोगों के बीच सुदृढ़ हो रहे संबंधों के बारे में भी बात  की ।

लोक सभा अध्यक्ष ने भारत और इजराइल की संसदों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया

कल ताशकंद में,  लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने इजराइल की नेसेट (संसद) के स्पीकर, महामहिम श्री अमीर ओहाना के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस अवसर पर, श्री बिरला ने अप्रैल 2023 में नई दिल्ली में अपनी पिछली बैठक की सुखद स्मृतियों का उल्लेख करते हुए  इजराइल के विकास में श्री ओहाना के असाधारण योगदान की सराहना की । उन्होंने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और आकांक्षाओं पर आधारित भारत और इजराइल की दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों ने नेताओं की उच्च स्तरीय बैठकों तथा प्रौद्योगिकी, कृषि और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से अपने संबंधों को मजबूत किया है। उन्होंने भारत और इजराइल के संसदीय मैत्री समूह की स्थापना की सराहना की और इसे संसदीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

भारत की  संसद के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि इस संस्थान के विश्वस्तरीय कार्यक्रमों से पूरी दुनिया के सांसद और अधिकारी लाभान्वित हुए हैं । श्री बिरला ने इजराइल को PRIDE द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इजराइल में भारतीय प्रवासियों के सहयोग से  दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार संबंधों, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के बारे में भी बात की । श्री बिरला ने श्री ओहाना और इजराइल के सभी लोगों  को पासओवर उत्सव के लिए शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे  और परस्पर सहयोग निरंतर बढ़ता रहेगा ।

लोक सभा अध्यक्ष ने भारत और कजाकिस्तान की संसदों के बीच नियमित संवाद और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का आह्वान किया

रविवार को 150वीं आईपीयू सभा के दौरान लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कजाकिस्तान की मजलिस के चेयरपर्सन, महामहिम श्री येरलान कोशानोव के साथ द्विपक्षीय बैठक की। श्री बिरला ने कजाकिस्तान के संविधान की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि भारत ने भी पिछले वर्ष अपने संविधान को अंगीकार किए जाने  के 75 वर्ष पूरे किए हैं और दोनों देशों की लोकतांत्रिक यात्रा में यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले 75 वर्षों में भारत कल्याणकारी राज्य के निर्माण के उद्देश्य से संवैधानिक मूल्यों के मार्गदर्शन में  प्रगति कर  रहा है।

श्री बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत और कजाकिस्तान के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध हैं, जो बीते वर्षों में और मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच फिल्म, संगीत, योग और शिक्षा में आदान-प्रदान बढ़ा है, जिससे दोनों देशों के युवाओं को लाभ हुआ है। श्री बिरला ने प्रस्ताव किया कि भारत और कजाकिस्तान की संसदें सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और सहयोग बढ़ाने के लिए नियमित संवाद करें। उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष रूप से रक्षा, सुरक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और अंतरिक्ष के क्षेत्रों  में बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक सहयोग की सराहना की । श्री बिरला ने शैक्षिक आदान-प्रदान से लाभान्वित हो रहे दोनों देशों के छात्रों और प्रोफेशनल्स की बढ़ती संख्या के बारे में भी बात की । बैठक के अंत में, श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि परस्पर चर्चाओं से भारत-कजाकिस्तान संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा ।