Sunday, June 8, 2025
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तटरक्षक बल ने मालदीव जा रहे जहाज से जब्त किया 30 किलोग्राम चरस का तेल  

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नई दिल्ली : राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ एक संयुक्त अभियान में 7 मार्च 2025 को मालदीव की ओर जाने वाले एक टग-बार्ज जहाज से 33 करोड़ रुपये मूल्य का 29.954 किलोग्राम चरस का तेल जब्त किया ।

डीआरआई अधिकारियों ने विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर तूतीकोरिन के पुराने बंदरगाह से रवाना हुए एक जहाज को पत्थरों से लदे एक जहाज को खींचते हुए देखा। पता चला कि तूतीकोरिन में स्थित एक गिरोह ने जहाज के चालक दल के एक सदस्य की सहायता से मालदीव की यात्रा के दौरान बीच समुद्र में ही भारी मात्रा में चरस के तेल को जहाज पर लाद दिया था।

डीआरआई के आदेश पर, भारतीय तटरक्षक बल ने 5 मार्च, 2025 को कन्याकुमारी तट के पास समुद्र में जहाज को रोक लिया और 7 मार्च, 2025 तक उसे तूतीकोरिन न्यू पोर्ट पर वापस ले आया।

इस बीच, जहाज पर मादक पदार्थ रखने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा, गिरोह के साथ जहाज के स्थान के बारे में जानकारी साझा करने में शामिल चालक दल के सदस्य को भी जहाज के बंदरगाह पर आने के बाद आगे की जांच के लिए गिरफ्तार कर लिया गया।

जहाज की तलाशी लेने पर दो बैग बरामद हुए जिनमें 29 प्लास्टिक के पैकेट थे जिन पर खाद्य पदार्थों का विवरण छपा हुआ था। पैकेटों की जांच की गई और पाया गया कि उनमें ‘काले रंग का तरल पेस्ट जैसा पदार्थ’ था जिसे फील्ड टेस्ट किट से जांचने पर ‘चरस का तेल’ पाया गया। कुल मिलाकर 29 पैकेट में 29.954 किलोग्राम चरस का तेल बरामद किया गया जिसकी कीमत अवैध अंतरराष्ट्रीय बाजार में 32.94 करोड़ रुपये है इसे एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया गया। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और 08.03.2025 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

किताबों में ’धर्म के नाम पर शोषण का धंधा’ और ’बुद्धिजीवियों का षड्यंत्र’ भी

रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला : छठा दिन

  • शार्ट फिल्म वर्कशाप के  संग भारतवर्ष नाम पर परिचर्चा

लखनऊ । ’धर्मों के ठेकेदार अपने धर्मों के बहाने स्वर्ग का लालच और नरक का भय दिखाकर कमेरे मानव समाज का धन हड़प रहे हैं और बिना परिश्रम किए सुख भोग रहे हैं।’ दलित समाज को लेकर बड़ेलाल मौर्य की किताब में दर्ज ऐसे नजरिए के अलावा डा.अम्बेडकर और अन्य विद्वानों की दृष्टि पुस्तक मेले की किताबों में सामने आती है। यह मेला रवीन्द्रालय चारबाग में रोज सुबह 11 से रात नौ बजे तक नो मार्च तक चलेगा। पुस्तक प्रेमियों को किताबों पर छूट भी मिल रही है।

मेले में कल की तरह आज सुबह भी स्कूली बच्चों की धमाचौकड़ी मची रही। बहुजन साहित्य के स्टाल पर बड़ेलाल मौर्य प्रोफेसर की धर्म के नाम पर शोषण का धंधा किताब के अलावा अन्य किताबें भी हैं। यहां राजीव पटेल व संजय की लिखी बुद्धिजीवियों का षड्यंत्र, वैदिक युग का घालमेल व भ्रम का पुलिंदा, डा.राजेन्द्र प्रसाद सिंह की बौद्ध सभ्यता की खोज, सम्राट अशोक का सही इतिहास व भाषा साहित्य और इतिहास का पुनर्पाठ जैसी विचारोत्तेजक पुस्तकें हैं। स्टाल पर पं.रामेश्वर भट्टकृतया मनुस्मृतिः है तो भारत का संविधान भी। बौद्ध साहित्य तो मेले के अन्य स्टालों पर भी उपलब्ध है। साहित्यिक मंच पर आज गहमर गाजीपुर की पत्रिका साहित्य सरोज के संयोजन में अखण्ड प्रताप सिंह ने मोबाइल शार्ट फिल्म कार्यशाला में प्रतिभागियों को कम खर्च और सीमित संसाधनों में ढंग से मोबाइल फोन से छोटी फिल्में तैयार करने की तकनीक बतायी। इससे पहले पद्मश्री योगेश प्रवीन को समर्पित फगुआ धमाल में बीएसएनवी इंटर कॉलेज, सीएमएस इंदिरानगर व राजाजीपुरम के बच्चों ने श्लोकवाचन, हनुमान चालीसा, शिव रुद्राष्टकं संग होली गीत सुनाये। राजीव कुमार सक्सेना ने कविता पाठ किया। ओमजी मिश्रा ने इंद्रधनुष पर काव्यपाठ किया। नम्रता मिश्रा ने गीत-गजल पेश किये तो शिक्षक अरुण कुमार निषाद ने संस्कृत काव्य वाचन में बच्चों की पाठशाला के क्रियाकलाप प्रस्तुत किये। शुभम ने भरतनाट्यम व शिव स्तुति की प्रस्तुति दी। पृथ्वी इनोवेशन के द्वारा बच्चों की कबाड़ से जुगाड, चित्र कला, पेपर क्राफ्ट के जरिए बच्चों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।कबीर ज्ञान प्रकाशन गिरिडीह एवं नमन प्रकाशन से प्रतिष्ठा शुक्ला ने बच्चों को पुस्तकें भेंट कीं। पद्मश्री डा.विद्याविंदु सिंह की अध्यक्षता में डा.सुरभि सिंह की पुस्तक उस पार किनारा है पर श्वेता शुक्ला के वाणी वंदना प्रस्तुत करने के उपरांत चर्चा चली। अतिथियों के तौर पर उपस्थित दयानंद पांडेय व महेंद्र भीष्म के साथ पवन कुमार तिवारी, मोनिका पाठक, बलवंत सिंह और संचालन कर रही रश्मि श्रीवास्तव शफक ने विचार रखे। भारतनामा किताब पर देश का नाम भारत वर्ष पर तथ्यां और साक्ष्यों के आधार पर परिचर्चा चली। अलका प्रमोद के संचालन में इन्दु प्रकाश पाण्डेय, रवीन्द्र, रिजवाना जमाल, नवलकांत सिन्हा और डा.रवि भट्ट ने मुख्य रूप से ऋषभदेव के पुत्र का उल्लेख भारतवर्ष नाम के सम्बन्ध में किया। लेखिका डा.प्रभाकिरण जैन ने कहा कि हमारे ऊपर कई तरह के चश्मे चढ़े हुए हैं, जिन्हें उतारकर देखने की जरूरत है। अंत में आज शाम कविता लोक के समारोह में मुक्तक भारती और दोहा भारती का विमोचन हुआ। डा.योगेश की अध्यक्षता में चली कविगोष्ठी में डा.गंगाप्रसाद शर्मा, डा.वेदप्रकाश अग्निहोत्री, महेशप्रकाश, निर्भय गुप्ता और ओम नीरव आदि ने रचनाएं पढ़ीं।

                          मेले में 7 मार्च को

पूर्वाह्न 11ः00 बजे     रेकी हीलिंग पद्धति पर कार्यक्रम

दोपहर 12ः30 बजे   बच्चों और युवाओं के कार्यक्रम

अपराह्न 2ः00 बजे    विविधा

अपराह्न 3ः30 बजे    पुस्तक लोकार्पण : कमलेश त्रिपाठी

शाम 5ः00 बजे      साहित्यकार संसद का समारोह

शाम 7ः 00 बजे     रेवांत की ओर काव्यगोष्ठी

एशिया और प्रशांत देशों ने की जयपुर घोषणा, एक पृथ्वी- एक परिवार   

फोरम में 24 एशिया प्रशांत सदस्य देशों के 200 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी  

एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12वां क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम आज सदस्य देशों द्वारा ‘जयपुर घोषणा’ को सर्वसम्मति से अपनाने के साथ संपन्न हो गया।राष्ट्रीय नीतियों, परिस्थितियों और क्षमताओं के अनुसार देशों को सांकेतिक रणनीतियाँ सुझाने के लिए एक मार्गदर्शन दस्तावेज़ तैयार किया गया है। जयपुर घोषणा के हिस्से के रूप में, वैश्विक गठबंधन सी-3 (पुनः उपयोग के लिए शहरी गठबंधन) के रूप में एक सहयोगी ज्ञान मंच पर भी सहमति व्यक्त की गई है।

जयपुर घोषणापत्र उनमें से प्रत्येक के लिए अलग-अलग अपशिष्ट धाराओं और पुनः उपयोग की अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों के बारे में बात करता है। यह संसाधन दक्षता और टिकाऊ सामग्री खपत के बारे में बात करता है। घोषणा में अनौपचारिक क्षेत्रों, लैंगिक और श्रम मुद्दों को भी शामिल किया गया है।

यह कार्यान्वयन, साझेदारी, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, वित्त पोषण व्यवस्था और अनुसंधान तथा विकास के साधन भी प्रदान करता है। केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने अपने समापन भाषण में कहा कि आज अपनाया गया जयपुर घोषणापत्र इस साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि यह दशकीय घोषणा ‘जयपुर’ के नाम से जुड़ी होगी और भले ही यह गैर-बाध्यकारी है, यह हमारे देश और एशिया प्रशांत के सभी सदस्य देशों को एक पुनः उपयोग वाले परिवर्तन की दिशा में मार्गदर्शन करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के हमारे सिद्धांत के आधार पर, भारत सिटीज कोएलिशन फॉर सर्कुलरिटी (सी-3) के गठन का नेतृत्व करेगा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को इस गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि एशिया और प्रशांत के लिए 12वां क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम एक ऐतिहासिक क्षण रहा है।

उन्होंने कहा, “पिछले दिनों में, हम बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए पर्यावरण संरक्षण, टिकाऊ संसाधन उपयोग और अपशिष्ट प्रबंधन पर महत्वपूर्ण चर्चा और विचार-विमर्श में लगे हुए हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि आज के युग में 3 आर (रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल) और सर्कुलर इकोनॉमी की अवधारणा सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है।

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर अमित कपूर ने भारत के प्रयागराज में महाकुंभ में सबसे बड़े मानव मण्डली के लिए ठोस और तरल कचरे की चक्रीयता को लागू करने पर एक विशेष भाषण दिया। उन्होंने एक गहन अध्ययन के प्रमुख प्रारंभिक निष्कर्षों को साझा किया जो आयोजन के लिए टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन समाधानों की खोज करता है, जिसमें लाखों तीर्थयात्रियों के प्रबंधन के दौरान पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए नवीन दृष्टिकोण, स्केलेबिलिटी और सर्वोत्तम प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

निष्कर्षों के लिए यहाँ पर क्लिक कीजिए

आयोजन के बारे में

एशिया और प्रशांत में 12वां क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम 3 से 5 मार्च 2025 तक राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, जयपुर में आयोजित किया गया था। फोरम का विषय “एशिया-प्रशांत में सतत विकास लक्ष्य और कार्बन तटस्थता प्राप्त करने के लिए सर्कुलर सोसायटी को साकार करना” है।

आयोजन में भागीदारी

एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम में उच्च स्तरीय भागीदारी देखी गई, जिसमें माननीय केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के मंत्रियों के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

फोरम में 24 एशिया-प्रशांत सदस्य देशों की भौतिक भागीदारी देखी गई, जिसमें जापान, सोलोमन द्वीप, तुवालु और मालदीव के मंत्री व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए। सरकारी अधिकारियों, विशेषज्ञों और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित लगभग 200 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि चर्चा में शामिल हुए। भारत से, 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों, 15-लाइन मंत्रालयों, निजी क्षेत्र और तकनीकी संस्थानों के 800 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस आयोजन में 75 शहरों (9 अंतर्राष्ट्रीय और 66 भारतीय शहर) का प्रतिनिधित्व था।

फोरम में 120 वक्ताओं ने 29 पूर्ण सत्र, 10 विषयगत सत्र, 6 देश ब्रेकआउट सत्र और 7 साइड इवेंट में योगदान दिया। व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, पूरे भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हितधारकों के लिए एक आभासी मंच भी बनाया गया था।

उद्घाटन दिवस पर एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12वें क्षेत्रीय 3आर तथा सर्कुलर इकोनॉमी फोरम में स्थिरता और सर्कुलर अर्थव्यवस्था सिद्धांतों के लिए भारत की प्रतिबद्धता से जुड़ी प्रमुख घोषणाएं और पहल शामिल थीं।

उद्घाटन सत्र के दौरान प्रस्तुत माननीय प्रधानमंत्री के संदेश में भारत के प्रो प्लैनेट पीपल (पी-3) दृष्टिकोण पर बल दिया गया। इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए, डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ज्ञान साझा करने, शहर-दर-शहर सहयोग और निजी क्षेत्र की भागीदारी की सुविधा के लिए भारतीय नेतृत्व वाले बहु-हितधारक, बहु-राष्ट्र गठबंधन के रूप में सिटीज कोएलिशन फॉर सर्कुलरिटी (सी-3) का प्रस्ताव किया गया था।

एक प्रमुख उपलब्धि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम सीआईटीआईआईएस 2.0 का की शुरूआत था, जिसके तहत 14 राज्यों के 18 शहरों में एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु कार्रवाई के लिए 1,800 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे।

फोरम ने ‘भारत मंडप’ और ‘3आर व्यापार और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी’ का भी उद्घाटन किया, जो 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है। प्रदर्शनी ने 40 से अधिक भारतीय और जापानी व्यवसायों और स्टार्टअप्स को नवीन समाधान प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

‘मेयर डायलॉग’ और ‘केस क्लिनिक’ जैसे आकर्षक सत्रों ने गहन सहयोग को बढ़ावा दिया, जबकि गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों ने स्थिरता-संचालित उद्यमिता और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देते हुए अपशिष्ट से धन बनाने की पहल का प्रदर्शन किया।

एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के दूसरे दिन एक महत्वपूर्ण घोषणा हुई, जिसमें भारत ने वर्ष 2025 में ब्राजील के साओ पाउलो के बाद वर्ल्ड सर्कुलर इकोनॉमी फोरम (डब्ल्यूसीईएफ) 2026 की मेजबानी के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। यह घोषणा एक विशेष सत्र के दौरान की गई, जिसमें माननीय केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेन्द्र यादव और आंध्र प्रदेश के माननीय मंत्री शामिल हुए। फोरम ने पूर्ण सत्र, देश ब्रेकआउट सत्र और साइड इवेंट की भी मेजबानी की, जिसमें भारत के पुनः उपयोग की अर्थव्यवस्था के रास्ते पर चर्चा, अपशिष्ट प्रबंधन और स्थिरता में प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।

मुख्य परिणामों में एसबीएम वेस्ट टू वेल्थ पीएमएस पोर्टल, आईएफसी दस्तावेज़ संदर्भ गाइड और भारत का सर्कुलर सूत्र, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) द्वारा संकलित 126 सर्वोत्तम प्रथाओं का एक संग्रह जैसी कई पहलों का शुभारंभ शामिल है। इसके अतिरिक्त, सीईईडब्ल्यू द्वारा तैयार दस लाख से अधिक शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक अध्ययन जारी किया गया था। सर्कुलर इकोनॉमी समाधानों में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए सीएसआईआर और एमओएचयूए के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। प्रतिनिधियों ने जयपुर में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं और प्रमुख विरासत स्थलों के तकनीकी क्षेत्र के दौरे में भी भाग लिया, और स्थायी शहरी प्रथाओं में प्रत्यक्ष अंतर्दृष्टि प्राप्त की।

हर जिले में आदर्श महिला-हितैषी ग्राम पंचायत  

महिला-हितैषी पंचायतों की प्रगति की निगरानी के लिए तत्क्षण डैशबोर्ड लॉन्च किया गया

  • गांवों में स्वास्थ्य पहलों की सफलता के लिए पंचायत सहयोग महत्वपूर्ण: राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल

नई दिल्ली : आदर्श महिला-हितैषी ग्राम पंचायतों पर राष्ट्रीय सम्मेलन 5 मार्च, 2025 को पंचायती राज मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक आदर्श ग्राम पंचायत स्थापित करना है, जो महिलाओं और लड़कियों दोनों के लिए अनुकूल हो। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के चयनित ग्राम पंचायतों के 1500 से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने फिजिकल और वर्चुअल मोड में भाग लिया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल उपस्थित थे। सचिव श्री विवेक भारद्वाज और अपर सचिव श्री सुशील कुमार लोहानी, सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थानों (एसआईआरडी एंड पीआरएस), और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। राष्ट्रीय सम्मेलन में आदर्श महिला-हितैषी ग्राम पंचायतों के लिए वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम और भारत में इन महिला-हितैषी ग्राम पंचायतों की प्रगति का आकलन करने के लिए एक व्यापक तत्क्षण निगरानी डैशबोर्ड सहित पहलों का अनावरण किया गया। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म जमीनी स्तर पर महिलाओं की भागीदारी और कल्याण को मापने, विश्लेषण करने और सुधारने के लिए एक तकनीकी क्रियाकलाप है। डैशबोर्ड देश में महिला नेताओं का समर्थन करने के लिए तत्क्षण अंतर्दृष्टि और डेटा-संचालित गतिविधि का वादा करता है।

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अपने संबोधन में, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने महिलाओं और बच्चों की सहायता के लिए केंद्र सरकार की कई स्वास्थ्य पहलों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को सबसे कमजोर लोगों तक पहुंचाने में महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण समिति मौजूद है, जो सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए एक मजबूत ढांचा बनाती है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर 12 प्रकार की चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें वृद्धावस्था देखभाल, दंत चिकित्सा, कैंसर सहित विभिन्न बीमारियों की जांच, टेलीमेडिसिन आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि महिला प्रधानों को सरकार की इन पहलों के बारे में अपनी पंचायतों को सक्रिय रूप से शिक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि अधिकतम लोग लाभान्वित हो सकें। श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने जननी सुरक्षा योजना और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम जैसे कार्यक्रमों पर भी जोर दिया, जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और सुरक्षित मातृत्व की संस्कृति स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी पहलों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पंचायत स्तर का सहयोग महत्वपूर्ण है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सशक्त महिला, सशक्त पंचायत से सशक्त भारत” के दृष्टिकोण को सुदृढ़ करता है।

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने नेतृत्व कौशल के विकास के लिए विशेष प्रशिक्षण के लिए 770 आदर्श महिला-हितैषी ग्राम पंचायतों यानी प्रत्येक जिले में एक आदर्श ग्राम पंचायत के चयन की घोषणा की। प्रो. बघेल ने महिला ग्राम प्रधानों से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए पेंशन योजना, आयुष्मान भारत और अंगदान जैसी पहलों जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया।

पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने इस बात पर जोर दिया कि आदर्श महिला-हितैषी ग्राम पंचायत पहल जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक गहन, परिणाम-उन्मुख क्रियाकलाप का प्रतिनिधित्व करती है। श्री भारद्वाज ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं नेतृत्व की भूमिकाएं निभाने और अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने में स्वाभाविक रूप से सक्षम हैं, उन्होंने समाज और पंचायतों से ऐसे समर्थक इको-सिस्टम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का आह्वान किया जो महिलाओं को राष्ट्रीय विकास के लिए अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करने में सक्षम बनाते हैं। केरल, ओडिशा और राजस्थान में सफल क्षेत्रीय ग्राम पंचायत मॉडल से प्रेरणा लेते हुए, यूएनएफपीए की कार्यक्रम प्रमुख डॉ. दीपा प्रसाद ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में स्थानीय शासन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने केरल की जागृति समिति, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए समर्पित एक सतर्कता समिति, बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को रोकने के उद्देश्य से ओडिशा की पहल और महिला-हितैषी और बाल-हितैषी ग्राम पंचायतों को विकसित करने के लिए राजस्थान पंचायती राज विभाग के साथ यूएनएफपीए के सहयोग पर प्रकाश डाला। यह राष्ट्रीय सम्मेलन महिला-केंद्रित से महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पिछले ग्यारह वर्षों में हुई प्रगति को दर्शाता है। इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) का अधिनियमन रहा है, जो एक ऐतिहासिक कानून है जो नीति-निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करता है, साथ ही शौचालय, स्वच्छ ईंधन, मासिक धर्म स्वच्छता, शिक्षा, पोषण आदि जैसी बुनियादी पहल करता है जो महिलाओं की बुनियादी जरूरतों को व्यापक रूप से संबोधित करता है। 8 मार्च 2025 को देश भर की सभी ग्राम पंचायतों में एक राष्ट्रव्यापी महिला ग्राम सभा आयोजित की जानी है। यह जमीनी स्तर पर आदर्श महिला-हितैषी ग्राम पंचायत पहल के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, जिससे लैंगिक समानता और सतत ग्रामीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

खेलो इंडिया पैरा गेम्स में भाग लेंगे शीर्ष 1230 पैरालंपियन

पेरिस 2024 के स्वर्ण पदक विजेता हरविंदर सिंह (तीरंदाजी) और धरमबीर (क्लब थ्रोअर) एथलीटों में शामिल होंगे

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मांडविया ने पैरा गेम्स 2025 की घोषणा की

नई दिल्ली : केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि आगामी 20-27 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले खेलो इंडिया पैरा गेम्स में कई अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट एक्शन में नजर आएंगे। यह खेलो इंडिया पैरा गेम्स का दूसरा संस्करण होगा। पहला संस्करण भी दिसंबर 2023 में दिल्ली में आयोजित किया गया था। आगामी केआईपीजी 2025 में करीब 1230 पैरा एथलीट छह श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिनमें से कई 2024 पेरिस पैरालंपिक और चीन के हांग्जो में 2022 एशियाई पैरा खेलों के पदक विजेता हैं। केआईपीजी 2025 में पैरा तीरंदाजी, पैरा एथलेटिक्स, पैरा बैडमिंटन, पैरा पावरलिफ्टिंग, पैरा शूटिंग और पैरा टेबल टेनिस में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। पहले संस्करण में फुटबॉल (सेरेब्रल पाल्सी) भी खेला गया था।

21 से 26 मार्च तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पैरा एथलेटिक्स, पैरा तीरंदाजी, पैरा पावरलिफ्टिंग स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा, जबकि आईजी स्टेडियम परिसर 20 से 27 मार्च तक पैरा बैडमिंटन और पैरा टेबल टेनिस स्पर्धाओं के खेल आयोजित होंगे। डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज 21 से 25 मार्च तक पैरा शूटिंग स्पर्धाओं की मेजबानी करेगा।

इनमें स्वर्ण पदक विजेता हरविंदर सिंह (तीरंदाजी), धर्मबीर (क्लब थ्रो) और प्रवीण कुमार (ऊंची कूद) प्रमुख होंगे। भारत ने पेरिस 2024 में रिकॉर्ड 29 पदक जीते थे। इनमें से सात स्वर्ण पदक थे। पेरिस पैरालंपिक में 84 सदस्यीय भारतीय दल में, 25 खेलो इंडिया एथलीट शामिल थे। उनमें से पांच पेरिस से पदक लेकर लौटे।

पैरा खेल, भारत सरकार के लिए प्राथमिकता का क्षेत्र है। 2028 एलए ओलंपिक के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम कोर ग्रुप में कम से कम 52 पैरा एथलीट है। डॉ. मांडविया ने कहा, “हमारे पैरा एथलीटों की अभूतपूर्व सफलता बड़े पैमाने पर खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है। उनकी ‘हम कर सकते हैं’ की सोच, वास्तव में प्रेरक है और मुझे यकीन है कि हम आगामी खेलो इंडिया पैरा गेम्स में कुछ बेहतरीन प्रदर्शन देखेंगे।”

साल 2025 में खेलो इंडिया पैरा गेम्स, खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित दूसरा राष्ट्रीय आयोजन होगा, जिसका पहला भाग जनवरी में लद्दाख में आयोजित किया गया था और समापन भाग 9-12 मार्च तक गुलमर्ग, जम्मू और कश्मीर में निर्धारित है।

खेलो इंडिया पैरा गेम्स के बारे में

खेलो इंडिया पैरा गेम्स, खेलो इंडिया मिशन का हिस्सा है, जिसका मकसद प्रतिभाशाली एथलीटों को अपने खेल और प्रतिस्पर्धी कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। दिसंबर 2023 में आयोजित खेलो इंडिया पैरा गेम्स का पहला संस्करण, पैरा एथलीटों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने में सक्षम बनाने के लिए आयोजित किया गया था। ये खेल नई दिल्ली में तीन स्थानों पर सात खेल श्रेणियों में खेले गए। मार्च 2025 में राजधानी में आयोजित होने वाले केआईपीजी का दूसरा संस्करण भी छह श्रेणियों में आयोजित किया जाएगा।

सुंदरम साहित्य संस्थान एवं चारु काव्यांगन ने आयोजित किया कवि सम्मेलन  

लखनऊ :  साहित्यिक अनुष्ठान!सुंदरम साहित्य संस्थान एवं *चारु काव्यांगन*के संयुक्त तत्वावधान में काव्य समारोह पुस्तक मेला, रवींद्रालय चारबाग,लखनऊ  में  विधिवत सम्पन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ ग़ज़लकार आदरणीय  नरेंद्र भूषण  ने की।  मुख्य अतिथि साहित्य भूषण आशु कवि  कमलेश मौर्य “मृदु” जी एवं  विशिष्ट अतिथि  वरिष्ठ ग़ज़लकार डॉ सुनील कुमार शुक्ला  , अति विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार रविन्द्र नाथ तिवारी जी , राष्ट्रीय शायर श्री हरिमोहन वाजपेयी “माधव” एवं  मुनेंद्र शुक्ल जी रहे। कार्यक्रम का संचालन रेनू द्विवेदी( चारु काव्यांगन संस्थाध्यक्ष)  द्वारा किया गया।

 काव्य समारोह का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन के बाद  राजीव वर्मा वत्सल  की सुमधुर वाणी वन्दना से हुआ। उसके पश्चात बांसुरी वादन राजीव वत्सल  द्वारा  किया गया जिसे सुनकर सभी लोग मंत्र मुग्ध हो गए। काव्य समारोह में उपस्थित सभी काव्य मनीषियों का स्वागत विनोद कुमार द्विवेदी  ने किया।

अपनी गरिमामई उपस्थिति व काव्यात्मक प्रस्तुति से जिन जिन विद्वतजनों,काव्य मनीषियों ने काव्य समारोह को ऊंचाइयां प्रदान की उनमें  नरेंद्र भूषण , साहित्य भूषण  कमलेश मौर्य “मृदु, डॉ सुनील कुमार शुक्ला , रविन्द्र नाथ तिवारी हरिमोहन वाजपेयी “माधव”,डॉ निर्भय नारायण गुप्त,राजीव वर्मा वत्सल ,विजय तन्हा , मृगांक श्रीवास्तव , संजय हमनवा ,हरगोविंद यादव ,नीतू सिंह चौहान ,नीतू गुप्ता ,गायत्री जोशी ,अलका अस्थाना जी,उमा लखनवी ,स्वाति मिश्रा ,अतुल वाजपेयी ,कीर्ति बानी, विनोद कुमार द्विवेदी   आदि। आभार व्यक्त स्वाति मिश्रा ने किया।

पुस्तक मेला : सब गोलमाल है ने किया लोटपोट,  लगा स्वास्थ्य शिविर

लखनऊ। नये दौर की मोटीवेशनल किताबें अब केवल उपदेश, किस्से कहानियांं या मनोविज्ञान तक ही सीमित नहीं रह गयीं, नये लेखकों ने न्यूरो साइंस की बारीकियां भी उनके भीतर उड़ेल दी हैं। रवीन्द्रालय चारबाग लान में नौ मार्च तक चलने वाले लखनऊ पुस्तक मेले के स्टालों पर ऐसी ही किताबों का जखीरा  है। मेले में प्रवेश निःशुल्क है। सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी मेले में हर किताब पर न्यूनतम 10 प्रतिशत और कहीं-कहीं इससे ज्यादा छूट मिल रही है।

आपाधापी भरी आज की तनाव भरी जिंदगी में प्रेरक किताबें व्यक्ति में नयी ऊर्जा भरती हैं। जिससे आप अपनी जीवंतता में सुधार ला सकें, सुकून हासिल कर सकें और खुद पर भरोसे भरी आज़ादी के साथ समाज में योगदान और सफलता के कीर्तिमान रच सकें। मेले में नेपोलियन हिल की सफलता की सीढ़ियां, मधुर जाकिर हल्लेगुआ की 100 प्रेरक देसी कहानियां, राबिन शर्मा की 5 एएम क्लब, दैनिक प्रेरणा, दि एवरी डे हीरो और मुट्ठी में तकदीर, जैन येगर की हाउ टू फिनिश एवरीथिंग, ब्रायन ट्रेसी की समय को साधें, अवि योरिश की नेक्स्ट, शिव खेड़ा की जीत आपकी और सुहानी शाह की जानिये जैसी किताबें जयको पब्लिशिंग, दिव्यांश पब्लिकेशंस, पद्म बुक, रितेश बुक, बीइंग बुकिश, याशिका, एंजेल बुक, नवपल्लव बुक, त्रिदेव बुक्स, अदित्रि बुक सहित अन्य स्टालों पर हैं। सफलता के सूत्र गढ़ने में इन किताबों में न्यूरोसाइंस पर आधारित तकनीकें हैं, ताकि पाठक अपनी मुश्किलों को जीत में, डर को एक तरह से ईंधन में और अतीत के घावों को रोज़ाना की हिम्मत में तब्दील कर सकें।

फोर्स वन बुक्स के साथ यूपीएमआरसी लखनऊ मेट्रो, रेडियो सिटी, ओरिजिंस, विजय स्टूडियो, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, लोकआंगन, विश्वम फाउंडेशन, समग्र एंटरप्राइज़ेज, पृथ्वी इनोवेशन, किरन फाउंडेशन, सिटी एसेंस, ट्रेड मित्र, प्लांटिलो आदि के सहयोग से हो रहे मेले में आज एमिटी यूनिवर्सिटी की ओर से मानसिक स्वास्थ्य पर सहायक प्रोफेसर अंशुमा दुबे के मार्गदर्शन में शिविर लगाया गया। इसमें चिंता, तनाव, सिजोफ्रेनिया जैसे विषयों पर क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग के छात्र-छात्राओं ने पुस्तक प्रेमियों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया।

’सब गोलमाल है’ ने खूब हंसाया

ज्वॉइन हैण्डस फाउण्डेशन और लोकआंगन के तत्वावधान में चल रहे नृत्य नाट्य संगीत उत्सव में राजकुमार अनिल के लिखे और नितेश कुमार के निर्देशन में मंचित हास्य नाटक ’सब गोलमाल है’ ने सबको खूब हंसाया। ये प्रस्तुति नाट्यशाला फाउंडेशन व ओमश्री गणपति सेवा सामाजिक संस्था की थी।सहज हास्य से भरपूर इस नाटक में लालच न करने का संदेश छुपा है। शुरुआत में सेठजी के घर में उनकी बेटी अकेले रहती है। पैसों का हिसाब किताब, घर और बेटी के देखभाल के लिए मुंशी रामजी को रखा है। छटंकी उनके घर का मस्त मौला नौकर है। वह घर अपना समझता है इसलिए सेठजी और राम जी सहित सबसे ऊंची आवाज में बात कर लेता है‌। पड़ोसी प्रेम कुमार जो है वह सेठजी की लड़की यानी प्रिया से बहुत प्यार करता है और शायरियां लिखता रहता है, लेकिन सेठजी अपने एक सड़क दुर्घटना में स्वर्गवासी दोस्त दीनानाथ के इकलौते बेटे मलय कुमार से बेटी की शादी कराना चाहते हैं। स्वार्थी मुंशी रामजी लालच में नकली मलय कुमार बनाकर मुकेश को पेश कर देते हैं कि मुकेश से शादी हो जाए और प्रॉपर्टी मेरे हाथ लग जाए। मुकेश गरीब आर्टिस्ट है। तभी असली मलय कुमार वहां उपस्थित होता है। दिलचस्प हालात में परिस्थितिजन्य हास्य पैदा होता है जो दर्शकों को गुदगुदाता है। अंत में पूरी सच्चाई सबके सामने आती है। नाटक में मंच पर पहले मलय कुमार की भूमिका में आरुष जयशंकर व दूसरे मलय कुमार की भूमिका में नितेश कुमार के साथ सेठजी- सुरेश श्रीवास्तव, मुंशी रामजी- राजवीर गॉड, नौकर- कृष्ण कुमार पांडे, कवि प्रेमकुमार- शक्ति वर्मा और प्रिया के रूप में कनिष्का उतरीं। मंच के पीछे के कार्यों में कलाकारों के साथ कोरियोग्राफी व ड्रेस शिखा शाह की और ध्वनि प्रभाव हिमेश कश्यप के रहे।

बेटियों को सुरभि कन्या शक्ति सम्मान

सुरभि कल्चरल ग्रुप द्वारा शैलेन्द्र सक्सेना के संयोजन में सुरभि कन्या शक्ति सम्मान और नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां नृत्य, खेल, साहित्य आदि क्षेत्र की 15 होनहार बेटियों स्वरा त्रिपाठी, दुआ फातिमा, सिया सिंह, अंशिका राय, मन्नत अशरफ, जन्नत अशरफ, इवलीन कौर, अर्शजोत कौर, शिक्षा अग्रवाल, आराध्या दूबे, खुशप्रीत कौर, कृतिका सिंह का सम्मान किया गया|

चैंपियन ट्राफी : भारत ने आस्ट्रेलिया से वर्ल्ड कप फ़ाइनल की हार का बदला लिया

दुबई : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने शानदार जीत हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया| इस जीत के नायक रहे पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाने वाले चेज़ मास्टर विराट कोहली| इसी के साथ टीम इंडिया ने आस्ट्रेलिया से वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में मिली हार का बदला भी ले लिया| मोहम्मद शामी ने तीन विकेट लिए जबकि वरुण चक्रवर्ती ने शानदार फॉर्म में चल रहे आट्रेलियाई बल्लेबाज ट्रेविस हेड को आउट किया|   

चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हरा दिया. इसके साथ ही भारत ने फाइनल में भी अपनी जगह पक्की कर ली| भारतीय टीम की इस जीत के स्टार विराट कोहली रहे, जिन्होंने 84 रन की एक शानदार पारी खेली और फिर से लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम को जीत के करीब पहुंचाया| कोहली इस बार अपना शतक पूरा नहीं कर सके लेकिन उन्होंने अपना काम पूरा कर लिया था| कोहली के काम को अंजाम तक पहुंचाया केएल राहुल ने| राहुल जब बैटिंग के लिए आए तब भारत का स्कोर 35 ओवर में 178 रन था| जीत अभी भी 87 रन दूर थी, जबकि 90 गेंदें बाकी थी| भारत के 4 विकेट गिर गए थे| राहुल ने अंत तक टिककर टीम को जीत दिलाकर ही दम लिया| 

56वां दीक्षांत समारोह : विश्वस्तरीय मीडिया विश्वविद्यालय बनेगा आईआईएमसी

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  • आप जहां भी काम करें, हमेशा याद रखें – राष्ट्र प्रथम, हमेशा प्रथम: केन्द्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव
  • आईआईएमसी ने उद्योग के सहयोग और सुरक्षा क्षेत्र के प्रशिक्षण के साथ मीडिया शिक्षा को मजबूत किया: आईआईएमसी महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर

नई दिल्ली : भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) ने महात्मा गांधी मंच, आईआईएमसी, नई दिल्ली में अपना 56वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर आईआईएमसी के कुलाधिपति और केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेलवे तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने ने कहा कि जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) को विश्वस्तरीय मीडिया विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।

स्नातक करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए श्री वैष्णव ने इस बात पर जोर दिया कि आईआईएमसी के अगले संस्करण में विश्व स्तरीय पाठ्यक्रम और तेजी से बदलते संचार परिदृश्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए मीडिया उद्योग के साथ मजबूत सहयोग भी शामिल होगा।  उन्होने समारोह में 2023-24 बैच की उपलब्धियों की सराहना की| समारोह में आईआईएमसी नई दिल्ली और इसके पांच क्षेत्रीय परिसरों- धेनकेनाल, आइजोल, अमरावती, कोट्टायम और जम्मू के 478 छात्रों को उनके स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त, 36 उत्कृष्ट छात्रों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए पदक और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उनकी शैक्षणिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अवसर था।

समारोह में श्री वैष्णव ने मीडिया उद्योग की गतिशील प्रकृति और अनुकूलनशीलता के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मीडिया की पूरी दुनिया बदल रही है और बदलाव निरंतर हो रहा है। हमें आगे बने रहने के लिए इन बदलावों को आत्मसात करना चाहिए और उनके अनुकूल ढलना चाहिए।

स्नातकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करते हुए, मंत्री ने छात्रों को समर्पण और दृढ़ता के साथ अपनी यात्रा जारी रखने की सलाह दी, उसी ऊर्जा को आगे बढ़ाते हुए जिसने उन्हें इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंचाया। केन्द्रीय मंत्री श्री वैष्णव ने कहा, “आप जहां भी काम करें, हमेशा याद रखें – राष्ट्र पहले, हमेशा पहले। आपका काम देश की मदद करने का होना चाहिए, और बाकी चीजें अपने आप हो जाएंगी।

आईआईएमसी की महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर ने कहा, “भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) ने आधुनिक प्रगति और उभरती आवश्यकताओं के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए अपने पाठ्यक्रम में लगातार सुधार किया है।” उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि छात्र जनसंचार के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करेंगे। इस लक्ष्य का समर्थन करने के लिए, प्लेसमेंट सेल ने पिछले दिसम्बर में एक इंडस्ट्री कनेक्ट इवेंट का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिससे छात्रों को विभिन्न मीडिया क्षेत्रों में प्रतिष्ठित उद्योगपतियों से सीखने के लिए एक मूल्यवान मंच मिला।

उन्होंने आगे कहा कि आईआईएमसी भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल के वर्षों में सुरक्षा क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों, राज्य पुलिस विभागों, तटरक्षक बल, असम राइफल्स और सीआईएसएफ के लिए विशेष जनसंचार पाठ्यक्रम संचालित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सूचना अधिकारियों और जनसंपर्क अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस अवसर पर आईआईएमसी के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. निमिष रुस्तगी सहित संस्थान के शिक्षक एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे|  

किताबों में समाया आत्मिक उन्नति का ज्ञान

रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला : तीसरा दिन

लखनऊ । किताबें सिर्फ सच्ची दोस्त ही नहीं कहलातीं, गुरु के दिये मंत्र के समान उनका एक वाक्य पूरी जिन्दगी बदल देता है। रवीन्द्रालय चारबाग लान में नौ मार्च तक चलने वाले लखनऊ पुस्तक मेले में ऐसी अनेक किताबें हैं जो न सिर्फ पाठकों की समस्याएं सुलझा सकती हैं, बल्कि उन्हें नयी राह दिखा सकती हैं। रोज सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी इस मेले में हर किताब पर न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट मिल रही है। कहीं-कहीं ये छूट 20 प्रतिशत भी है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत कल शाम यहां हास्य नाटक सब गोलमाल है मंचित होगा। 

मेले में धर्म-अध्यात्म से जुड़ी किताबों के स्टाल तो हैं ही, आध्यात्मिक प्रेरणा देने वाली किताबें करीब-करीब हर स्टाल पर हैं। गीता प्रेस गोरखपुर के स्टाल की आत्मकल्याणक धार्मिक पुस्तकों में पुराणों से लेकर श्रीरामचरितमानस का विशिष्ट संस्करण है। योगदा सत्संग सोसायटी के स्टाल पर परमहंस योगानंद की योगी कथामृत, आत्म साक्षात्कार की यात्रा और मानसिक अशान्ति कारण एवं निवारण आदि पुस्तकें हैं। यहां छूट 20 प्रतिशत है। रामकृष्ण मठ के स्टाल पर स्वामी रामकृष्ण परमहंस और युवाओं के प्रेरक स्वामी विवेकानंद का लोकप्रिय  साहित्य है जो युवाओं को पसंद आ रहा है। स्टाल-16 पर प्रचुर मात्रा में कबीर साहित्य के अलावा अन्य आध्यात्मिक पुस्तकें हैं। विलायत पब्लिकेशन के स्टाल पर इस्लामिक थाट्स, औरत का मरतबा, लाइफ स्टाइल जैसी अनेक किताबें अंग्रेजी, हिन्दी और उर्दू में 20 प्रतिशत डिस्काउंट पर उपलब्ध हैं।

मेला मंच के प्रमुख कार्यक्रमों में शाम को रचनाकार महेंद्र भीष्म के सद्य प्रकाशित कथा संग्रह कोई नया नाम दो की जेठा आदि कहानियों की विवेचनात्मक चर्चा डा.रिंकी ने की। इसी क्रम में महेंद्र भीष्म के संचालन और अशोक चौधरी की अध्यक्षता में पं.बृजमोहन अवस्थी स्मृति कृति और कृतिकार कार्यक्रम चला। मुख्य अतिथि डा.गुरु शेखर और संयोजक अनिल कुमार उपाध्याय के अलावा साहित्यकार  दयानंद पांडेय, राष्ट्रवादी चिंतक डा.विद्या सागर उपाध्याय, साहित्यकार डा.सत्या सिंह ह्यूमन, केवल प्रसाद सत्यम, कवि आशीष कुलश्रेष्ठ, उपन्यासकार सुरभि सिंह और कवयित्री रेनू शुक्ला ने अपनी पुस्तक रचनाओं को लेकर अपनी बात रखी। साथ ही साथ इन लेखकों की कृतियों पर अपनी समीक्षात्मक दृष्टि डा.रिंकी ने प्रस्तुत की।

ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन व लोकआंगन के संयोजन में चले नृत्य नाट्य संगीत समारोह में अपराजिता जज्बा जीत का ने नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया। निर्णायक मंडल में मुख्य रूप से ज्योति किरण रतन, शिप्रा चंद्रा तथा अंजू यादव सम्मिलित रहे। पुस्तकों के प्रति रुचि विषयक ओपन माइक सत्र चलाया तो डा.अनुपमा श्रीवास्तव ने रचनाकारों को सम्मानित भी किया। मेले में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम में लोगों को खरीदारी में कपड़े के थैला इस्तेमाल करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। यहां थैला वापस करने पर जमा राशि वापस भी की जा रही है और कपडे़ लाने पर थैला सिलकर भी दिया जा रहा है।