Sunday, June 8, 2025
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अंतरिक्ष, साइबर- इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के क्षेत्र में बनाएं : वायु सेना प्रमुख

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का दक्षिणी वायु कमान के कमांडरों के सम्मेलन के लिए 12 मार्च, 2025 को एसएसी मुख्यालय का दौरा

तिरुवनंतपुरम : वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 12 मार्च, 2025 को तिरुवनंतपुरम में दक्षिणी वायु कमान (एसएसी) के कमांडरों के सम्मेलन के लिए दक्षिणी वायु कमान मुख्यालय का दौरा किया। आयोजन स्थल पर एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, एयर मार्शल बी. मणिकांतन ने उनकी अगवानी की और इसके बाद उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वायु सेना प्रमुख को दक्षिणी क्षेत्र की वायु रक्षा सेवा, एसएसी की परिचालन तैयारियों और समुद्री वायु संचालन में बढ़ी हुई क्षमता सहित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी दी गई। वायु सेना प्रमुख ने विश्वसनीय परिचालनात्मक स्थिति बनाए रखने और दक्षिणी प्रायद्वीप में मानवीय सहायता तथा आपदा राहत में योगदान के लिए एसएसी की सराहना की।

वायु सेना प्रमुख ने सम्मेलन के दौरान, एसएसी के अंतर्गत वायु सेना स्टेशनों के कमांडरों के साथ बातचीत की और उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रभाव, क्षमता वृद्धि की आवश्यकता तथा मानव संसाधनों की पूरी क्षमता का उपयोग करने पर जोर दिया। वायु सेना प्रमुख ने भविष्य के युद्ध की संकर प्रकृति की ओर कमांडरों का ध्यान आकर्षित कराया, जहां पर युद्ध का दायरा कई क्षेत्रों में फैलने की संभावना है। उन्होंने बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने और देश की परिसंपत्तियों को संरक्षित करने के लिए नवीन उपाय अपनाने पर भी जोर दिया। वायु सेना प्रमुख ने कमांडरों से अंतरिक्ष, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के क्षेत्र में वैश्विक विकास के साथ तालमेल बनाए रखने का आग्रह किया।

राष्ट्रीय राजमार्गों के ब्लैक स्पाट्स पर निगाहें

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- ब्लैक स्पाट्स कि संख्या में कमी आई  

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर कुछ स्थानों को घातक और गंभीर चोटों से जुड़ी दुर्घटनाओं की एक निश्चित संख्या की घटना के आधार पर ब्लैक स्पॉट के रूप में पहचान की गई है। सरकार ने ऐसे ब्लैक स्पॉट पर तत्काल अल्पकालिक उपायों के लिए कदम उठाए हैं, जैसे कि सड़क चिह्नों, संकेत, क्रैश बैरियर, रोड स्टड, सीमांकक, बीच सडक में अनधिकृत ओपनिंग को बंद करना, यातायात को स्थिर करने के उपाय आदि। सड़क ज्यामिति में सुधार, जंक्शन सुधार, कैरिजवे का स्पॉट चौड़ीकरण, अंडरपास/ओवरपास का निर्माण आदि जैसे दीर्घकालिक उपाय भी स्थायी सुधार उपायों के रूप में ऐसे ब्लैक स्पॉट पर किए जाते हैं। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ब्लैक स्पॉट में सुधार एक सतत प्रक्रिया है और तत्काल आधार पर अस्थायी उपाय किए जाते हैं। देश में एनएच पर पहचाने गए कुल 13,795 ब्लैक स्पॉट में से 5,036 ब्लैक स्पॉट पर दीर्घकालिक सुधार पूरा हो चुका है। सरकार द्वारा संबंधित राज्य सरकारों से प्राप्त दुर्घटना रिपोर्टों के आधार पर ब्लैक स्पॉट की पहचान की जाती है, जो घातक और गंभीर चोटों से जुड़ी दुर्घटनाओं की एक निश्चित संख्या की घटना के मानदंडों को पूरा करते हैं।

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 215 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 07.08.2023 की अधिसूचना के माध्यम से, माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद का गठन किया गया है, जिसमें सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सड़क परिवहन प्रभारी मंत्रियों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित आधिकारिक सदस्य हैं। इसके अलावा, समय-समय पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।

सड़क दुर्घटना डेटा की रिपोर्टिंग, प्रबंधन और विश्लेषण के लिए एक सेंट्रल रिपॉजिटरी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) परियोजना स्थापित की गई है। सरकार ने ई-डीएआर प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटना स्थलों को हटाने के लिए अग्रिम कार्रवाई करने के लिए फरवरी, 2024 में दिशानिर्देश भी जारी किए हैं, जिससे रियल टाइम में सड़क सुरक्षा उपायों को बढ़ाया जा सके।

ग्राहक संगोष्‍ठी में यूको बैंक ने दिया उद्योगों-कृषि क्षेत्र को बढ़ावा का मंत्र  

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लखनऊ : यूको बैंक लखनऊ अंचल द्वारा होटल दयाल गेट वे, गोमती नगर में  सूक्ष्‍म, लद्यु एवं मध्‍यम उद्योगों  तथा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ग्राहक संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया।  इस संगोष्‍ठी में यूको बैंक के प्रधान कार्यालय से पधारे उप महाप्रबंधक श्री भोर नीलेश विजय जी मुख्‍य अतिथि थे।

श्री पी०एस०ओझा, राज्‍य सलाहाकार समिति के पूर्व सदस्‍य, सम्‍मानित अतिथि थे। श्री संजय श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक उत्तर प्रदेश विशिष्‍ट अतिथि थे।

यूको बैंक द्वारा संपूर्ण भारत में 10.03.2025 एवं 11.03.2025 को दो दिवसीय एम०एस०एम०ई०, एग्री एवं रिसोर्स कार्निवाल मनाया जा रहा है। इसी श्रृंखला की कड़ी के रूप में संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया था।

इस संगोष्‍ठी का उद्देश्‍य  उद्यम से समृद्घि, कृषि से उन्‍नति, संचय से वृद्धि के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करना था। संगोष्‍ठी में यूको बैंक द्वारा सूक्ष्‍म, लद्यु एवं मध्‍यम क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों पर विस्‍तृत चर्चा की गई । यूको बैंक लखनऊ अंचल के एम०एस०एम०ई० के सहायक महाप्रबंधक श्री पूर्बोशीष चक्रोवोर्ती ने उद्योगों एवं कृषि को बढ़ावा देने के लिए बैंक की विभिन्‍न योजनाओं के बारे में ग्राहक बंधुओं को पावर प्‍वाइंट प्रस्‍तुतीकरण के माध्‍यम से विस्‍तृत जानकारी दी ।

गणमान्‍य अतिथियों ने सभी को संबोधित किया एवं एम०एस०एम०ई एवं कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान योजनाओं पर प्रकाश डाला। श्री बृज शुक्ला, रिसोर्स पर्सन, उत्तर प्रदेश ने भी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।

यूको बैंक के प्रधान कार्यालय के मिड कारपोरेट विभाग से पधारे उप महाप्रबंधक श्री भोर नीलेश विजय ने ग्राहकों द्वारा पूछे गए प्रश्‍नों का उत्‍तर दिया। लखनऊ अंचल के अंचल प्रमुख श्री आशुतोष सिंह ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि हमारा बैंक हमेशा से ही अपने ग्राहकों की सभी प्रकार की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए  विभिन्‍न प्रकार की योजनाएं लॉंच करता रहता है। हमें खुशी है कि हम सफलता से अपने एम०एस०एम०ई एवं कृषि क्षेत्र के ग्राहकों को भी ऋण एवं अन्‍य सुविधाएं उपलब्‍ध करवा कर राष्‍ट्र की प्रगति में भागीदारी करने के अवसर का लाभ उठा रहे हैं।

ग्राहक संगोष्‍ठी में ऋण स्‍वीकृति पत्रों का वितरण भी किया गया। कुल 30 करोड़ रुपए के 22ऋणों के स्‍वी‍कृति पत्र ग्राहकों को वितरित किए गए।  श्रीमती निकीता पाण्‍डेय, उप अंचल प्रमुख लखनऊ ने स्‍वागत संबोधन किया। संगोष्ठी का संचालन डॉ०शिल्‍पी शुक्‍ला, वरिष्‍ठ प्रबंधक राजभाषा ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्‍या में बैंक के सम्‍मानित ग्राहक बंधु एवं यूकोकर्मी उपस्थित थे।

मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा: पीएम

 प्रधानमंत्री शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के कैबिनेट के फैसले की प्रशंसा की

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के कैबिनेट के फैसले की प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि “मुझे बेहद खुशी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल जाएगा। असमिया संस्कृति सदियों से समृद्ध रही है और इसने हमें एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा दी है। आने वाले समय में यह भाषा और भी लोकप्रिय होती रहेगी। मेरी बधाई।”

“मुझे बहुत खुशी है कि महान बंगाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है, खासकर दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर। बंगाली साहित्य ने वर्षों से असंख्य लोगों को प्रेरित किया है। मैं दुनिया भर में सभी बंगाली भाषी लोगों को इसके लिए बधाई देता हूं।”

“मराठी भारत का गौरव है।

इस ऐतिहासिक भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर बधाई। यह सम्मान, हमारे देश के इतिहास में मराठी के समृद्ध सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देता है। मराठी हमेशा से भारतीय विरासत की आधारशिला रही है। मुझे यकीन है कि शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से और भी कई लोग इसे सीखने के लिए प्रेरित होंगे।”

“पाली और प्राकृत भारत की संस्कृति की जड़ हैं। ये आध्यात्मिकता, ज्ञान और दर्शन की भाषाएं हैं। ये अपनी साहित्यिक परंपराओं के लिए भी जानी जाती हैं। शास्त्रीय भाषाओं के रूप में इनकी मान्यता भारतीय विचार, संस्कृति और इतिहास पर उनके कालातीत प्रभाव का सम्मान  है। मुझे पूरा भरोसा है कि इन्हें शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देने के कैबिनेट के फैसले के बाद लोग भाषा सीखने के लिए प्रेरित होंगे|

यूको बैंक में अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन

लखनऊ : यूको बैंक अंचल कार्यालय लखनऊ द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन होटल दयाल गेट वे गोमती नगर में किया गया। इस अवसर पर अंचल प्रमुख श्री आशुतोष सिंह ने संबोधित करते हुए समाज में महिलाओं के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि महिलाएं इतनी सक्षम हैं कि वे अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं। आज महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं और अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं हैं।

श्रीमती निकिता पांडेय, उप अंचल प्रमुख लखनऊ ने भी सभी को संबोधित किया और जीवन के सभी पक्षों में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।

डा शिल्पी शुक्ला, वरिष्ठ प्रबंधक राजभाषा ने महिला दिवस मनाए जाने के उद्देश्य को बताते हुए महिलाओं को अपने आस पास की महिलाओं की सहायता करने और उन्हें शिक्षित करने पर बल दिया। इस अवसर पर सभी महिला स्टाफ सदस्यों को सम्मानित किया गया।

राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर सनातन द्रोहियों को दंडित करने की मांग

जिलाधिकारी लखनऊ को सौंपा गया ज्ञापन

लखनऊ| अखिल भारतीय साहित्य परिषद, लखनऊ महानगर, लखनऊ दक्षिण,अवध प्रांत द्वारा महाकुंभ पर्व पर घृणित ट्वीट और टिप्पणी के द्वारा सनातन धर्म के महापर्व को अपमानित करने का जो दुष्ट मानसिक विचारों के लोग कर रहे हैं। ऐसे  कृत्य करने वाले सनातन द्रोही नराधमों को दंडित करने के लिए अनुरोध सहित महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन आज  डीएम लखनऊ को सौपा गया।

 डेलिगेशन का नेतृत्व राष्ट्रीय पदाधिकारी डा पवन पुत्र बादल राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा किया गया। साथ में अध्यक्ष लखनऊ महानगर श्री निर्भय नारायण गुप्त, अध्यक्ष लखनऊ दक्षिण विभागाध्यक्ष आई टी कालेज हिंदी विभाग प्रोफेसर नीतू शर्मा, महामंत्री डा ममता पंकज, संयुक्त मंत्री इंजीनीयर श्री राजीव वर्मा वत्सल तथा अन्य सहयोगी जन तथा पदाधिकारी गण उपस्थित रहे। उक्त ज्ञापन मे३००० से अधिक सम्वैचारिक नागरिकों, प्रबुद्ध जन द्वारा हस्ताक्षरित एवं समर्थन प्राप्त है। इस ज्ञापन देने का निर्णय अखिल भारतीय साहित्य परिषद के केन्द्रीय न्यास द्वारा लिया गया है तथा पूरे देश की प्रदेश, प्रांत और जिला इकाइयों द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को दिये जाने हेतु लिया गया है।

संसद प्रश्न: नदी संरक्षण प्रयासों में हितधारकों की भागीदारी

नई दिल्ली : राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) और शहरी स्थानीय निकायों की यह प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे नदियों और अन्य जल निकायों में छोड़े जाने से पहले सीवेज और औद्योगिक अपशिष्टों का निर्धारित मानदंडों के अनुसार आवश्यक उपचार सुनिश्चित करें। भारत सरकार देश में नदियों के प्रदूषण को कम करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम, राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) और अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन कर रही है। यह जानकारी राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी द्वारा दी गई है।

जल शक्ति राज्य मंत्री ने कहा कि स्थानीय प्राधिकरण, समुदाय और गैर सरकारी संगठन कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्यों सहित पूरे देश में नदी प्रदूषण में कमी लाने के प्रयासों में शामिल हैं। नदी संरक्षण में हितधारकों की भागीदारी के लिए की गई कुछ पहल इस प्रकार हैं:

स्वच्छ भारत मिशन के तहत नदियों की सफाई, स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए देश भर में विभिन्न पहल की गई हैं। जल शक्ति अभियान जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल संरक्षण और प्रबंधन, नदियों सहित जल निकायों को पुनर्जीवित करने, जन जागरूकता, स्थानीय निकायों और समुदायों की भागीदारी और कुशल सिंचाई को बढ़ावा देने आदि के लिए शुरू किया गया है।

जल शक्ति राज्य मंत्री ने कहा कि गंगा उत्सव पवित्र गंगा को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है, जिसमें नदी के कायाकल्प और पर्यावरण जागरूकता पर जोर दिया जाता है। नदियों के महत्व और उनके संरक्षण के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए नवंबर 2021 में राष्ट्रव्यापी अभ्यास आयोजित किया गया था।

जन गंगा के माध्यम से, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) का उद्देश्य सामूहिक समुदाय-संचालित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है, जो गंगा नदी की निरंतरता सुनिश्चित करता है। माननीय प्रधानमंत्री ने सभी स्थानीय ग्राम प्रधानों से जल संरक्षण के लिए कदम उठाने को कहा तथा जल संरक्षण को एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया।

फरवरी 2025 में जन जागरूकता अभियान के तहत नदियों के संरक्षण में जनता की जागरूकता/भागीदारी के लिए आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, मणिपुर, महाराष्ट्र, नागालैंड सिक्किम, तमिलनाडु, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड आदि में विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, नदियों के तट पर आरती, नदी सफाई अभियान, यात्राएं, नारे/चित्रकला/निबंध प्रतियोगिताएं आदि जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी)/प्रदूषण नियंत्रण समितियां (पीसीसी) और एनएमसीजी अपशिष्ट निर्वहन मानकों के संबंध में उद्योगों और सीवेज उपचार संयंत्रों की निगरानी करते हैं और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 और जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों के तहत गैर-अनुपालन करने वाले उद्योगों और स्थानीय निकायों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करते हैं। सीपीसीबी के अनुसार, मानक का अनुपालन न करने पर 73 अत्यधिक प्रदूषणकारी उद्योगों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पर्यावरण नियमों का पालन न करने पर विभिन्न संबंधित प्राधिकरणों पर जुर्माना भी लगाया है।

लखनऊ पुस्तक मेला : मेले में बिकी 25 लाख की किताबें

रही कविताओं की गूंज, हुआ विमोचन और सम्मानित हुए प्रतिभागी

लखनऊ, 9 मार्च। अगले वर्श फिर आने के वादे के साथ रवीन्द्रालय चारबाग में एक मार्च से चल रहा लखनऊ पुस्तक मेला विदा हो गया। मोटे अनुमान के मुताबिक मेले में कुल 25 लाख रुपये की पुस्तकें बिकीं। अंतिम दिन आज रविवार के नाते मेले में छात्र-छात्राओं के संग पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ रही।

मेले को एक अच्छा अनुभव बताते हुए मेला निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि मेले में 25 लाख रुपये से अधिक की पुस्तकों की बिक्री हुई। बच्चों और युवाओं की भागीदारी मेले में सर्वाधिक रही।

समापन समारोह में चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट, दिव्यांश पब्लिकेशंस, नवपल्लव, अदित्रि बुक्स, राष्ट्रधर्म प्रकाशन, नमन प्रकाशन, नवपल्लव, बोधरस प्रकाशन आदि अन्य प्रतिभागी प्रकाशनों, वितरकों और यूपी त्रिपाठी, ज्योति किरन रतन आदि सहयोगियों को अतिथियों के साथ मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने स्मृति चिह्न प्रदान किये।

इससे पहले मंच पर शुभि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक काशी शैविज्म का विमोचन प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना डा.कुमकुम धर ने किया। पुस्तक के लेखक गौतम चटर्जी ने बताया कि उनकी किताब कला, अध्यात्म और दर्शन को रेखांकित करती है। प्रो.प्रकाश ने कहा कि पुस्तक विषय पर लेखक की गहन पैठ से निकली है। डा.कुमकुम धर ने नृत्य में नटराज के ताण्डव और लास्य के महत्व को बताया। इस अवसर पर लमही के सम्पादक विजय राय, कला वसुधा के सम्पादक शाखा बंद्योपाध्याय आदि उपस्थित थे। इससे पहले सुबह लक्ष्य संस्थान का कवि सम्मेलन उमेश चन्द्र दुबे की अध्यक्षता में चला। डा.शरद कुमार पाण्डेय शशांक के संचालन में मानस मुकुल त्रिपाठी मानस, कुलदीप शुक्ल, मंगल सिंह, विश्वम लवलीन, सुनील कुमार वाजपेई, सीमा, मिशा सिह नवल, अनुजा मनु, गायत्री जोशी अरुणिमा, प्रवीण कुमार शुक्ल गोबर गणेश, मनमोहन बाराकोटी, शिवमंगल सिंह मंगल, श्याम मिश्र, कृपाशंकर श्रीवास्तव विश्वास, सुनील कुमार वाजपेयी व डा.निशा सिंह ने रचनाएं पढ़ीं। मेले में फोर्स वन बुक्स के साथ यूपीएमआरसी लखनऊ मेट्रो, रेडियो सिटी, ओरिजिंस, विजय स्टूडियो, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, लोकआंगन, विश्वम फाउंडेशन, समग्र एंटरप्राइज़ेज, पृथ्वी इनोवेशन, किरन फाउंडेशन, सिटी एसेंस, ट्रेड मित्र, प्लांटिलो आदि के सहयोग रहा।

भारत नेपाल के मजबूत सांस्कृतिक सम्बन्धों की नई गाथा: दीक्षित

–              डॉ मनीष शुक्ल की किताब प्रबंधित मौन एवं मैं स्वयंसेवक का विमोचन   

नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लखनऊ पुस्तक मेले में वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार डॉ मनीष शुक्ल की किताब निलंबित मौन के स्वर के नेपाली भाषा में अनुवाद प्रतिबंधित मौन एवं उपन्यास मैं स्वयंसेवक का विमोचन किया गया|

रविन्द्रालय लेखक मंच पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व विधान सभा अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पद्मश्री हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि भारत और नेपाल का युगों- युग से आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आत्मीय संबंध रहा है| यह पुस्तक दोनों देशों के सांस्कृतिक सम्बन्धों की नई गाथा लिखती है| काठमांडू हेल्थ एंड टेक्नोलोजी, नेपाल की विभागाध्यक्ष मीना पौडेल विमुन्स ने अनुवादित पुस्तक को महिलाओं के लिए समर्पित किया| समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारत- नेपाल साहित्य महोत्सव के अध्यक्ष डॉ विजय पंडित ने कहा कि हिन्दी भाषा आज वैश्विक भाषा बन रही है| दुनियाँभर के हिन्दी भाषी भारत के सांस्कृतिक राजदूत हैं|  

पुस्तक विमोचन के अवसर पर पद्मश्री हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि भारत सदैव ही अध्यात्म और संस्कृति का मार्ग दिखाता है| वसुधैव कुटुंबकम का पाठ पढ़ाता है| यह पुस्तक भी सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देती है| भारत- नेपाल के सांस्कृतिक सम्बन्धों की नई गाथा लिखती है| लेखक डॉ मनीष शुक्ल ने कहा कि यदि आप कल्पना के साथ यथार्थ के रंगभर कर राष्ट्रप्रेम का खांचा खींचते हैं तो विरासत और विकास साथ- साथ होते हैं| इस किताब में यही बताया गया है| विधान सभा अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार ने कहा कि डिजिटल युग में पुस्तक मेले में युवाओं की उपस्थिती उम्मीद जगाने वाली है| लेखक और पाठकों के लिए लिए भी अनेक माध्यम उपलब्ध हो रहे हैं| कवियत्री समाजसेविका रेणु मिश्रा ने कहा कि कविता अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा माध्यम है| यूपी मेट्रो कार्पोरेशन के डीजीएम पंचानन मिश्रा ने भी अपने विचार प्रकट किए| संचालन जरीन अंसारी ने किया| शिल्पायन प्रकाशन के उमेश शर्मा ने आभार जताया|  कार्यक्रम में राजीव तिवारी बाबा, हरीश उपाध्याय आदि माजूद रहे|