Monday, June 9, 2025
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आदि महोत्सव: 30 राज्य के 600 आदिवासी कारीगर- 500 कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति

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16 से 24 फरवरी 2025 तक जनजातीय विरासत का एक भव्य उत्सव

नई दिल्ली : जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) की एक प्रमुख पहल, आदि महोत्सव-2025 का उद्घाटन भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में किया। 16 से 24 फरवरी 2025 तक चलने वाला यह जीवंत महोत्सव, भारत की समृद्ध आदिवासी विरासत, संस्कृति, वाणिज्य, शिल्प, व्यंजन और कला का जश्न मनाता है।

आदि महोत्सव 2025 की प्रमुख विशेषताएं हैं:

30+ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 600+ आदिवासी कारीगर।

500 कलाकारों द्वारा मनमोहक जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति।

विभिन्न क्षेत्रों के स्वदेशी व्यंजन पेश करने वाले 25 आदिवासी भोजन स्टॉल।

उद्घाटन समारोह में आदिवासी कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें शामिल हैं: छाऊ नृत्य (झारखंड), कलबेलिया नृत्य (राजस्थान), गौर मारिया नृत्य (छत्तीसगढ़), सिद्धि धमाल नृत्य (गुजरात), अंगी गेर नृत्य (राजस्थान)।

इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आदिवासी कारीगरों और उद्यमियों को सशक्त बनाने में आदि महोत्सव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा: “पिछले 10 सालों में आदिवासी समाज के समग्र विकास के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। आदिवासी समाज के विकास पर विशेष ध्यान देने के पीछे यह मानना है कि जब आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा, तभी हमारा देश भी सही मायने में आगे बढ़ेगा।

किसी भी समाज के विकास में शिक्षा की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। यह ख़ुशी की बात है कि देश में 470 से अधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के ज़रिए करीब 1.25 लाख आदिवासी बच्चों को स्कूली शिक्षा दी जा रही है।

आदि महोत्सव, आदिवासी विरासत को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने का एक प्रमुख आयोजन है। ऐसे उत्सव जनजातीय समाज के उद्यमियों, शिल्पकारों और कलाकारों को बाजार से जुड़ने का बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं।”

जनजातीय कल्याण को आगे बढ़ाना – पीएम-जनमन और धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के समग्र विकास के लिए परिवर्तनकारी पहल शुरू की गई हैं:

पीएम-जनमन अभियान (2023 में लॉन्च): 24,000 करोड़ रुपए का बजट, घरों तक आवश्यक सेवाओं की सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना।

धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान (2 अक्टूबर 2024 को लॉन्च): 80,000 करोड़ रुपए का बजट,  निम्नलिखित बिंदुओं पर केंद्रित:

63,000 आदिवासी गांवों को सड़कों और मोबाइल नेटवर्क से जोड़ना।

आदिवासी परिवारों को स्थायी आवास उपलब्ध कराना।

यह सुनिश्चित करना कि जनजातीय नागरिकों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने महोत्सव की सराहना करते हुए कहा:

 “आदि महोत्सव, जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक प्रमाण है। यहां आने वाले आगंतुक लाइव पेंटिंग सत्र का अनुभव कर सकते हैं और उन कारीगरों के साथ बातचीत कर सकते हैं, जिन्हें कई बिंदुओं को ध्यान में रखकर चुना गया है। जनजातीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने इस महोत्सव के आर्थिक प्रभाव पर प्रकाश डाला|  

आदि महोत्सव 2025 – मुख्य विशेषताएं

जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा गणतंत्र दिवस 2025 की सर्वश्रेष्ठ झांकी पुरस्कार का प्रदर्शन।

आदिवासी कारीगरों द्वारा लाइव पेंटिंग सत्र।

20 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और 35 प्रशिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग।

डिजाइन संस्थानों और कॉर्पोरेट घरानों के साथ 25 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर।

विशिष्ट जनजातीय शिल्प प्रस्तुत करने वाले राज्य और अंतर्राष्ट्रीय मंडप।

एयरो इंडिया 2025 : भारत की रणनीतिक रक्षा साझेदारी और क्षमता विकास को बढ़ावा

– सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने एयरो इंडिया 2025 का महत्वपूर्ण दौरा किया

बंगलुरु : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने एयरो इंडिया 2025 में कई उच्च स्तरीय बैठकें कीं, जिसमें रणनीतिक रक्षा साझेदारी करने की भारत की इच्छा दर्शाई गई है। जनरल अनिल चौहान के प्रमुख बातचीत कार्यक्रम में जनरल केविन बी श्नाइडर, कमांडर पैसिफिक एयर फोर्स (यूएसए), लॉर्ड वर्नोन कोकर, रक्षा राज्य मंत्री (यूके) और एयर वाइस मार्शल सुराया मार्शल (यूके), लेफ्टिनेंट जनरल इब्राहिम नासिर अल अलावी (यूएई), मेजर जनरल डुओंग वान येन (वियतनाम), मेजर जनरल रो जोन कालूनीवाई लोगवातु (फिजी), जनरल पॉल वेलेन्टिनो फिरी (मलावी), लेफ्टिनेंट जनरल सलुम हाजी ओथमान (तंजानिया) तथा वाइस एडमिरल एक्सॉन ओस्वाल्डो असेंशियो अल्बेनो (एल साल्वाडोर) के साथ बैठकें शामिल थीं। ये तमाम चर्चाएं सैन्य सहयोग बढ़ाने, क्षमता निर्माण और रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर केंद्रित रहीं।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने वैश्विक रक्षा उद्योग जगत के प्रमुख अधिकारियों के साथ व्यापक रूप से बातचीत की। उन्होंने साब एबी, एयरबस, इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज, बीएई सिस्टम्स, डसॉल्ट एविएशन और रोल्स रॉयस सहित प्रमुख एयरोस्पेस कंपनियों के अधिकारियों के साथ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चर्चा की। ये बातचीत स्वदेशी विनिर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और भारत की मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत विशिष्ट क्षमताओं के विकास पर केंद्रित थी।

जनरल चौहान ने विभिन्न रक्षा मंडपों का भी दौरा किया और भारतीय व विदेशी रक्षा उपकरण निर्माताओं, एमएसएमई तथा स्टार्टअप्स के साथ चर्चा की। उन्होंने मित्र देशों के सैन्य विमानों के प्रभावशाली प्रदर्शन देखे और क्षमता एवं प्रदर्शन मापदंडों पर व्यापक जानकारी प्राप्त की, जिसमें अमरीका से एफ-35, जर्मनी से एमआरटीटी, स्पेन से ए400, रूस से एसयू-57 तथा  फ्रांस से एच125 शामिल थे। इस पहल से घरेलू क्षमताओं को सशक्त करते हुए अंतर्राष्ट्रीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता उजागर हुई।

एक अन्य कार्यक्रम में, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख सैन्य नेतृत्व की उपस्थिति में ‘नेटवर्क सेंट्रिक मल्टी डोमेन ऑपरेशन्स’ पर एक ऐतिहासिक दस्तावेज का अनावरण किया। मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ द्वारा निर्मित यह महत्वपूर्ण दस्तावेज, भविष्य के युद्ध के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को तैयार करने के रोडमैप को रेखांकित करता है और तेजी से विकसित हो रही सैन्य प्रौद्योगिकियों के बीच तेजी से बढ़ते डेटा-केंद्रित वातावरण में निर्णय श्रेष्ठता पर जोर देता है।

राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के प्रतिनिधि और अल्जीरिया की पीपुल्स नेशनल आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल चानेग्रिहा सईद की यात्रा भारत-अल्जीरियाई रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। भारत के महत्वपूर्ण रक्षा प्रतिष्ठानों और औद्योगिक परिसरों के अपने व्यापक दौरे के दौरान, जनरल चानेग्रिहा ने दोनों देशों के बीच सैन्य परंपराओं एवं संस्कृतियों में समानताओं पर गहन संतोष व्यक्त किया, जिससे सैन्य सहयोग व रक्षा आधुनिकीकरण पहलों में वृद्धि के लिए मंच तैयार हुआ।

एयरो इंडिया 2025 भारत के रक्षा इकोसिस्टम में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में उभरा है, जो एक महत्वपूर्ण बाजार और रक्षा प्रौद्योगिकी के उभरते उत्पादक के रूप में देश की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है। अलग-अलग देशों के सैन्य प्रमुखों की अभूतपूर्व भागीदारी और वैश्विक रक्षा उद्योग की दिग्गज कंपनियों के साथ सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय रक्षा साझेदारियों को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करता है। प्रदर्शनी की सफलता न केवल रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को उजागर करती है, बल्कि उन्नत सैन्य प्रणालियों के संयुक्त विकास एवं उत्पादन के लिए देश को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्थापित करती है, जो ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

परीक्षा पर चर्चा 2025

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https://twitter.com/i/status/1890634660604195321

नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़, 18 की मौत!

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नई दिल्ली : महाकुंभ में स्नान करने जा रहे श्रद्धलुओ की नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के दौरान भगड़द मच गई| जिसमें 18 लोगों की मृत्यु हो गई जबकि कई घायलों को दिल्ली के विभिन्न अस्पताल में भर्ती कराया गया है| प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। श्री मोदी ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।

महाकुंभ 2025 में स्नान के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं से रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और सड़कें पट गए हैं| इसी भीड़ में अफरातफरी के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई| स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर हुई भगड़द से लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए| इस दर्दनाक घटना पर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने अपनी संवेदना जताई है|

एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा;

“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारीगण इस भगदड़ से प्रभावित हुए सभी लोगों की सहायता कर रहे हैं।”

राष्ट्रपति भवन में ‘आम आदमी’ का विवाह  

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 नई दिल्ली :  एक कहावत है कि क्या तुम कोई राजा महाराजा हो, जो तुम्हारी शादी महल में होगी| आम आदमी के लिए ये कहावत सपने सरीखी ही है लेकिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक साधारण महिला का ये सपना सच कर दिया है| एक विवाह अपने स्‍थल के चलते ये चर्चा में हैं क्योंकि ये विवाह राष्‍ट्रपति भवन में सम्पन्न हुआ है| विवाह की खास बात है कि दूल्हा यूपी के देवरिया का रहने वाला है और दुल्हन मध्‍य प्रदेश की पूनम हैं| अवनीश तिवारी असिस्टेंट कमांडेंट ने राष्‍ट्रपति की पीएसओ पूनम के साथ सात फेरे लिए| परिवार का कहना है कि राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपनी पीएसओ पूनम के व्‍यवहार से प्रभावित होकर उन्‍हें शादी के लिए अनुमति दी| राष्ट्रपति की ओर से वर- वधू को तोहफा भी दिया गया|  

बुधवार शाम को राष्‍ट्रपति भवन में दोनों ने सात फेरे लिए| राष्‍ट्रपति की पीएसओ पूनम और असिस्‍टेंट कमांडेंट अवनीश तिवारी की शादी धूमधाम से हुई. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया. ऐसा पहला मौका है जब राष्‍ट्रपति भवन में किसी भी अफसर की शादी की शहनाई गूंजी। इसी वजह से इस शादी को ऐतिहासिक भी कहा जा रहा है| सुरक्षा कारणों से शादी में परिवार और परिवार के बेहद क‍रीबियों ही इस विवाह में शामिल हुए|  इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि राष्ट्रपति भवन में इस तरह का सम्मान मिलेगा|   देवरिया के भाटपार रानी क्षेत्र के बड़का दुबे गांव के रहने वाले अनिल तिवारी के बेटे अवनीश तिवारी सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं. अवनीश तिवारी के पिता अनिल तिवारी दार्जिलिंग में एक चाय कारखाना में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं. अवनीश की शुरुआत पढ़ाई वहीं हुई है. दुल्हन बनी पूनम मध्य प्रदेश के शिवपुरी के श्री राम कालोनी के रहने वाले नवोदय विद्यालय में कार्यालय अधीक्षक के पद पर तैनात रघुवीर की बेटी हैं. पूनम राष्ट्रपति की पीएसओ के पद पर तैनात हैं. अवनीश की प्रारंभिक शिक्षा दार्जिलिंग में हुई है. पूरा परिवार गोरखपुर के नंदानगर में रहता है. इन सभी का गांव में भी आना-जाना होता है| अवनीश एवं पूनम के शादी समारोह में कुल 94 लोगों को आमंत्रित किया गया, जिसमें 42 बरातियों को राष्ट्रपति भवन के मयूर अपार्टमेंट में ठहरने के लिए इंतजाम किया गया| इसके अलावा नौ लोगों को कोटा हाउस में ठहराया गया| 19 लोगों को न्यू डेलही 6 बीएचके में ठहरने का इंतजाम किया गया है| इसके साथ ही 7 लोगों को वन बीएचके आउटसाइड में ठहरने की व्यवस्था की गई. वहीं आमंत्रित अतिथियों की जांच पड़ताल के साथ उनका मोबाइल नंबर व आधार कार्ड नंबर भी सूची में जारी किया गया था|

त्रासद स्थितियों से उपजा सहज हास्य

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दिव्य मासिक नाट्य श्रंखला की तीसरी प्रस्तुति

लखनऊ। त्रासद स्थितियों में कैसे सहज हास्य उत्पन्न होता है, इसकी एक बानगी दिव्य मासिक नाट्य श्रंखला की तीसरी प्रस्तुति ‘क्रिटिकल बट स्टेबल’ के तौर पर सवेरा फाउंडेशन के कलाकारों ने वाल्मीकि रंगशाला गोमतीनगर लखनऊ में प्रस्तुत किया। जान पियरे मार्टिनेज के लिखे इस नाटक का भारतीयकरण और निर्देशन प्रतिभावान युवा रंगकर्मी अनुराग शुक्ल शिवा ने किया।

गहरे कोमा में पड़े एक व्यक्ति की कहानी के मूल कथा से थोड़े बदले रूप में हास्पिटल में कोमा में चले जाने के बाद उसके दो भाइयों से एक डॉक्टर संपर्क करता है, एक के बाद उसके दो सौतेले भाई आते हैं। उनसे पूछा जाता है कि क्या उन्हें लाइफ स्पोर्ट पर रखा जाये! लेकिन चूंकि उन्होंने लंबे समय से अपने भाई से बात नहीं की है, इसलिए वे निश्चित नहीं हैं कि क्या करें – खासकर जब से वे वास्तव में किसी की परवाह नहीं करते हैं और उनकी अपनी समस्याएं हैं। फिर भाई का जीवनसाथी होने वाली मोनिका आती है और दुर्घटना की परिस्थितियों के बारे में नयी जानकारी देते हुए सूटकेस की बात करती है। ये नए तथ्य दर्शकों के  सामने छोटे छोटे हास्य में लिपटे टुकड़ों में सामने आते हैं। वास्तव में यहां जीवन दर्शन भी छुपा हुआ है कि किस तरह एक तरफ सामाजिक दबाव हमें मृत्यु का सम्मान करने, यहां तक कि उसे पवित्र मानने के लिए मजबूर करता है। दूसरी ओर यह उकेरने का प्रयास है कि जीवन एक मजाक है, और जब कोई मर जाता है या मरने वाला होता है तो यह एक दुखद हास्य बन जाता है जिसके घटकों को सामाजिक पाखंड द्वारा परिभाषित किया जाता है जो ऐसी गंभीर परिस्थितियों में हमारे व्यवहार को कहीं उजागर तो कहीं नियंत्रित करता है। और जब कोमा में गये व्यक्ति द्वारा लूट की जानकारी मोनिका के मुंह से सामने आती है तो सम्बन्ध सौदे, लालच, धोखे और षड्यंत्र में बदलकर सामने आते हैं। नाटक में मंच को अस्पताल के कक्ष का वातावरण तैयार करने में निर्देशक ने कड़ी मेहनत की, पर पूर्वाभ्यास की कमी लग रही थी। डाक्टर, नर्स, विवेक, अजय और इंस्पेक्टर का चरित्र निभाने वाले कलाकारों के लिए अपने चरित्र को  उभारने की अपार संभावनाएं थीं, पर वे ज्यादातर संवाद कहने तक सीमित रहे। उनके मुकाबले काव्या ने थोड़ा असर छोड़ा।

नाटक में डाक्टर- अभिषेक सिंह, नर्स- शिवानी गुप्ता, अजय- अनुराग शुक्ल शिवा, विवेक- तरुण यादव, मोनिका- काव्या मिश्रा, इंस्पेक्टर राकेश- शशांक मिश्र और कोमा में गये राजकुमार  की भूमिका में संजय त्रिपाठी मंच पर उतरे। मंच पार्श्व में प्रकाश सञ्चालन- संतोष कुमार समायर व सत्यम पाठक ने, संगीत सञ्चालन- विकास दुबे, वेशभूषा- काव्या मिश्रा के साथ नेपथ्य में ओमकार, अक्षत, युआंग, संतोष, गिरिराज, प्रणव का सहयोग रहा।

सशक्त विश्व के लिए भारत अमेरिका की मेगा पार्टनरशिप

न्यूयार्क : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मुलाक़ात की| इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत और अमेरिका संबंधों को अपने नेतृत्व से संजोया है, जीवंत बनाया है। जिस उत्साह से उनकी पहली टर्म मे भारत से मिलकर काम किया, वही उमंग, वही उर्जा और वही प्रतिबद्धता आज भी महसूस की है। पीएम ने कहा कि भारत और अमेरिका का साथ और सहयोग एक बेहतर विश्व को shape कर सकता है।

पीएम ने कहा अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रम्प के मोटो, Make America Great Again, यानि “मागा” से परिचित हैं। भारत के लोग भी विरासत और विकास की पटरी पर विकसित भारत 2047 के दृढ़ संकल्प को लेकर तेज गति शक्ति से विकास की ओर अग्रसर हैं। उन्होने कहा कि अमेरिका की भाषा में कहूं तो विकसित भारत का मतलब Make India Great Again, यानि “मीगा” है। जब अमेरिका और भारत साथ मिलकर काम करते हैं, यानि “मागा” प्लस “मीगा”, तब बन जाता है – “मेगा” पार्ट्नर्शिप for prosperity। और यही मेगा spirit हमारे लक्ष्यों को नया स्केल और scope देती है।

उन्होने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना से भी अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दोनों देशों की टीमें एक पारस्परिक लाभकारी Trade Agreement को शीघ्र संपन्न करने पर काम करेंगी।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में Oil तथा Gas trade को बल देंगे। उर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश भी बढ़ेगा। Nuclear Energy क्षेत्र में हमने Small Modular Reactors की दिशा में सहयोग बढ़ाने पर भी बात की। भारत की defence preparedness में अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका है। Strategic और trusted partners के नाते joint development, joint production और Transfer of Technology की दिशा में सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में भी नयी टेक्नोलॉजी और इक्विपमेंट हमारी क्षमता बढ़ाएंगे। हमने Autonomous Systems Industry Alliance, लॉन्च करने का निर्णय लिया है। अगले दशक के लिए Defence Cooperation Framework बनाया जाएगा। Defence inter-operability, लोजिस्टिक्स, repair और maintenance भी इसके मुख्य भाग होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इक्कीसवीं सदी technology-driven century है। लोकतान्त्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले देशों के बीच टेक्नोलॉजी क्षेत्र में करीबी सहयोग पूरी मानवता को नई दिशा शक्ति और अवसर दे सकता है। भारत और अमेरिका Artificial Intelligence, Semiconductors, Quantum, Biotechnology, तथा अन्य technologies में मिलकर काम करेंगे।

शादी में तेंदुआ ने डाला खलल, दूल्हा- दुल्हन ने छिपकर जान बचाई

– बुद्धेश्वर के निकट एमएम लान में मचा हड़कंप

– दूसरी मंजिल से कूदा कैमरामैन, अस्पताल में भर्ती

 लखनऊ : पारा के एक शादी लान में बुधवार रात तेंदुआ घुस आया। लोगों में हड़कंप मच गया। तेंदुए के हमले में सिपाही घायल हो गया, जबकि कैमरामैन डरकर छत से कूद गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने लान को खाली करा दिया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम को घंटों मशक्कत करनी पड़ी| तड़के साढ़े तीन बजे तक टीम ने पकड़ लिया|   बुद्धेश्वर के निकट एमएम लान में आरडीएसओ निवासी ज्योति अग्रवाल और सिंगार नगर के अक्षय श्रीवास्तव की थी। रात 9:30 बजे लोग चाय-पानी और नाश्ते में जुटे थे। कुछ खाना खा रहे थे तो घराती विवाह के रीति-रिवाज में जुटे थे। बरात आने वाली थी कि अचानक लान में तेंदुआ घुसा तो लोग घबरा गए। कुछ लोग भागकर कमरों में छिप गए तो कुछ पंडाल, मेज और दीवार की आड़ में दुबक गए। तेंदुआ छलांग लगाकर लान की मंजिल पर पहुंचा। वहां वीडियोग्राफी कर कैमरा शरद गौतम भयभीत होकर कूद पड़ा। वह उसे कई जगह चोटें आईं हैं। लोगों ने उसे लालाबाग के अस्पताल में भर्ती कराया है। कछौना के क्षेत्रीय वन अधिकारी व पुलिस टीम लान से सभी लोगों की मदद के लिए पहुंचे। पुलिसकर्मी सीढ़ी से लोगों के साथ उतर रहे थे। तभी तेंदुए ने सिपाही मुकद्दर अली को पंजा मार दिया। वह लहूलुहान होकर गिर पड़े। भगदड़ में लोग आपस में टकरा गए। साथी कर्मियों ने सिपाही को उठाया और उपचार के लिए गए।

हिंद महासागर क्षेत्र में सांस्कृतिक प्रभाव भारत की विरासत  

प्राचीन व्यापारिक हवाओं से लेकर आधुनिक समुद्री सुरक्षा तक: ‘मानसून’ सम्मेलन हिंद महासागर में भारत की विस्तारित भूमिका की पड़ताल करता है

नई दिल्ली : भारत की बढ़ती समुद्री साझेदारी और सुरक्षा संबंधी विभिन्न पहलों की पृष्ठभूमि में, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) एसजीटी विश्वविद्यालय में एडवांस्ड स्टडी इंस्टीट्यूट ऑफ एशिया (एएसआईए) के सहयोग से ‘मानसून: सांस्कृतिक और व्यापारिक प्रभाव का क्षेत्र’ शीर्षक से एक दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। ‘प्रोजेक्ट मौसम’, संस्कृति मंत्रालय के तहत एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय पहल है। समुद्री संवाद के माध्यम से हिंद महासागर के देशों के बीच ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों की पड़ताल करने वाला यह सम्मेलन हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में व्यापार, परंपराओं और कनेक्टिविटी को आकार देने में भारत की केन्द्रीय भूमिका को रेखांकित करेगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन सत्र आज नई दिल्ली स्थित आईजीएनसीए में शुरू हुआ और यह सम्मेलन 13 फरवरी 2025 तक जारी रहेगा। केन्द्रीय संस्कृति तथा पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने मुख्य भाषण दिया और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने स्वागत भाषण दिया। उद्घाटन सत्र के दौरान प्रोफेसर अमोघ राय, अनुसंधान निदेशक, एएसआईए, एसजीटी विश्वविद्यालय और प्रोजेक्ट मौसम के निदेशक डॉ. अजित कुमार भी उपस्थित थे।

केन्द्रीय संस्कृति तथा पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, भारत और हिंद महासागर क्षेत्र के बीच गहरे अंतर्संबंधों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का सांस्कृतिक प्रभाव इसकी समृद्ध सांस्कृतिक, बौद्धिक और ज्ञान परंपराओं से उपजा है। उन्होंने कहा कि यह प्रभाव न केवल वाणिज्य एवं व्यापार बल्कि भारत की बौद्धिक शक्ति एवं स्वर्णिम समृद्धि से भी उपजा है। उन्होंने कहा कि भारत के सांस्कृतिक प्रभाव के चिन्ह उन लोगों में दिखाई देते हैं जो छात्रों, भिक्षुओं या यहां तक ​​​​कि आक्रमणकारियों के रूप में आए थे और जो अपने साथ भारत की सांस्कृतिक प्रगति का सार लेकर आए थे तथा हजारों वर्षों से विविधता एवं एकता को बढ़ावा दे रहे थे। उन्होंने प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत के अंतरराष्ट्रीय मिश्रित मार्ग को प्रदर्शित करने से संबंधित ‘प्रोजेक्ट मौसम’ के अनूठे दृष्टिकोण के बारे में भी बात की और कहा, “दुनिया को इस बात का एहसास है कि संस्कृति ही वह कारक है जो हम सभी को एकजुट करती है।”

यह पहल विशेष रूप से सामयिक है, क्योंकि भारत और फ्रांस ने हाल ही में नई दिल्ली में अपनी समुद्री सहयोग वार्ता संपन्न की है, जिसमें आईओआर में समुद्री सुरक्षा के खतरों का आकलन और उनका मुकाबला करने के लिए संयुक्त उपायों पर सहमति व्यक्त की गई है। इन खतरों में समुद्री डकैती, समुद्री आतंकवाद, तस्करी, अवैध मछली पकड़ना, हाइब्रिड एवं साइबर खतरे और समुद्री प्रदूषण शामिल हैं। ओमान भी 16-17 फरवरी के दौरान हिंद महासागर सम्मेलन के आठवें संस्करण की मेजबानी करेगा, जो ‘’समुद्री साझेदारी के नए क्षितिजों की यात्रा’ पर केन्द्रित होगा। इसके साथ ही, भारतीय नौसेना का 2025 कैपस्टोन थिएटर लेवल ऑपरेशनल एक्सरसाइज (ट्रोपेक्स) भी चल रहा है, जो हिंद महासागर में भारत की तैयारियों को प्रदर्शित करता है।

‘प्रोजेक्ट मौसम’ न केवल भारत के ऐतिहासिक समुद्री प्रभाव पर जोर देता है, बल्कि यह इस क्षेत्र में देश की विकसित भू-राजनैतिक रणनीति के साथ भी मेल खाता है। यह सम्मेलन प्राचीन नौवहन मार्गों, बंदरगाह वाले शहरों के नेटवर्क और तटीय बस्तियों जैसे प्रमुख विषयों पर केन्द्रित होगा। मूर्त व अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को एकीकृत करके, यह परियोजना कनेक्टिविटी एवं समुद्री साझेदारी को बढ़ावा देने और यूनेस्को के समुद्री विरासत अध्ययन में योगदान देने में भारत के निरंतर नेतृत्व को रेखांकित करती है।

अपने संबोधन में, डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने भारत एवं दक्षिण पूर्व एशिया के बीच के संबंधों की सांस्कृतिक बुनियाद पर जोर दिया और दक्षिण पूर्व एशिया को भारत की लोकप्रिय चेतना में एकीकृत करने हेतु बौद्धिक एवं भावनात्मक निवेश का आह्वान किया। सांस्कृतिक बंधनों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए, उन्होंने मानसून को स्थायी संबंधों के प्रतीक के रूप में रेखांकित किया और यूरोकेन्द्रित दृष्टिकोण से आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने सांस्कृतिक, रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करके ‘पूर्व को आकर्षित’ करने के लिए एक्ट ईस्ट नीति के माध्यम से सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा करने की हिमायत की। उन्होंने धर्म-धम्म संबंधों को मजबूत करने, साझा महाकाव्यों को पुनर्जीवित करने, सहयोगात्मक कला एवं शिल्प को बढ़ावा देने, शैक्षिक एवं तकनीकी आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और भाषाई पुलों के निर्माण का भी आह्वान किया।

डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि दक्षिण एवं मध्य एशिया में आईजीएनसीए के क्षेत्र अध्ययन ने सांस्कृतिक मार्गों और संपर्कों की पड़ताल के लिए वृहत्तर भारत के विकास को जन्म दिया, जो शुरू में चिन्हित किए गए 39 देशों से आगे बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 70 से अधिक देश भारत के साथ सांस्कृतिक विरासत साझा करते हैं। अंतरराष्ट्रीय सहयोग, जैसा कि जी20 शिखर सम्मेलन के आदर्श वाक्य ‘वसुधैव कुटुंबकम’ में परिलक्षित होता है,  पर जोर देते हुए उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि आईजीएनसीए के प्रयास जारी हैं और यह सम्मेलन इन अध्ययनों के विस्तार के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम कर रहा है।

प्रोफेसर अमोघ राय ने भौतिक और सांस्कृतिक शक्ति दोनों के रूप में मानसून पर अपने विचार व्यक्त किए और एक सांस्कृतिक गुणक के रूप में इसकी भूमिका तथा आगे के शोध के लिए इस सम्मेलन की क्षमता पर प्रकाश डाला। डॉ. अजित कुमार ने औपचारिक रूप से धन्यवाद ज्ञापन कर और भारत एवं दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच सांस्कृतिक एकता पर जोर देकर उद्घाटन सत्र का समापन किया। आईजीएनसीए के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य शैक्षणिक सहयोग एवं विरासत संरक्षण के साथ भविष्य के नीतिगत संवादों का मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ घनिष्ठ सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देना है। यह संवाद भारत की विकसित होती समुद्री रणनीतियों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के साथ सहजता से मेल खाता है।