Thursday, December 18, 2025
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स्टूडेंट्स को एड्स से जागरूक किया

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छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय परिसर की राष्ट्रीय सेवा योजना ने विश्व एड्स दिवस जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया! इस मौके पर आईएमए कानपुर के पूर्व अध्यक्ष व विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ प्रवीन कटियार ने विद्यार्थियों को एचआईवी एड्स की जानकारी दी! उन्होंने विध्यार्थियों को एचआईवी संक्रमण के कारण, बचाव और एंटी रेट्रो वायरल थ्योरी के बारे में जानकारी दी!   

मैनपुरी उपचुनाव में आरोप- प्रत्यारोप का दौर

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लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा अराजकता फैलाने एवं मतदान को प्रभावित करने के संदर्भ में ज्ञापन के माध्यम से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देने गए प्रतिनिधि मंडल में पार्टी के प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर, प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ल, प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता और विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी सम्मिलित हुए।

भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा गलत सूचनाएं प्रेषित करके भ्रम फैलाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी जिन मुद्दों को लेकर अपनी शिकायतें दर्ज करा रही है, वह सब झूठ का आवरण है। जिसकी आंड़ में सपा के अराजकतत्वों द्वारा मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं को डराया धमकाया जा रहा है। उपचुनाव में सपा समर्थकों द्वारा आदर्श संहिता का खुलेआम उल्लंघन किया गया। मतदाताओं को पैसा, साड़ियां और अन्य सामग्री बांटी गई है। जिसकी शिकायत पार्टी द्वारा पूर्व में भी चुनाव आयोग को की गई है।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मैनपुरी से सपा की प्रत्याशी श्रीमती डिम्पल यादव द्वारा 4 दिसम्बर की रात एक ट्विट में आरोप लगाया कि पाम होटल में भाजपा के लोग पैसा बांट रहे है। लेकिन पुलिस के छापा डालने के बाद वहां पर कोई नहीं मिला। इसी तरह का भ्रम रालोद अध्यक्ष श्री जयन्त चौधरी द्वारा भी फैलाया जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया कि सपा और रालोद के भ्रम से भरे ट्विट फैलाने के पीछे सोची समझी रणनीति है और मैनपुरी मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में करहल, किशनी और जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के लोग खुले आम हथियार और गाड़ियों के काफिले से गांव-गांव जाकर मतदाताओं को डरा-धमका रहे है। नगर पंचायत कुसमरा में उजागरपुर के भाजपा बूथ अध्यक्ष श्री राम सहाय शाक्य के साथ समाजवादी पार्टी के गुडे द्वारा रात में मारपीट की गई। उनका घर घेरा गया और परिवार को डराया गया जिसकी शिकायत पार्टी द्वारा कल रात में की गई।

प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को बताया कि श्री अखिलेश यादव के साथ रहने वाले कमांडो दिनेश यादव जिसका मूल निवास नगला नया और बूथ न 390 है वह स्पेशल छुट्टी लेकर आया है और मतदाताओं पर दबाव बना रहा है। यहीं पर सपा के अराजक तत्व दिनेश यादव, गजराज सिंह, उपेन्द्र यादव, ब्रम्हानंद, गणेश बाबू, अजय कुमार, महेन्द्र यादव, अशोक यादव, राजेन्द्र कठेरिया एवं अन्य लोगों के घर घर जा रहे हैं और उनको वोट डालने से रोक रहे है। बूथ संख्या कृपालपुर 259 के पीठासीन अधिकारी अजीत यादव सपा के साथ मिलकर भाजपा समर्थंको का वोट नहीं पड़ने दे रहे है। वहीं मैनपुरी सदर विधानसभा के बूथ 118 तथा 145 बूथ नंबर पर पीठासीन अधिकारी समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान करा रहा है। ये दोनो ही समाजवादी पार्टी के समर्थक कार्यकर्ता रहे है। किशनी विधानसभा में सपा के विधायक ब्रजेश कठेरिया हथियार लेकर घुम रहे है और मतदाताओं को धमका रहे है। यहां से ही सपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे विपिन राज यादव द्वारा शराब और पैसा बांटा गया है। किशनी में सपा के जिला पंचायत सदस्य गजराज यादव, राम पाल यादव, हरेन्द्र यादव ने खुलेआम पैसा बांटा है डराया-धमकाया जा रहा है। इन सभी के द्वारा मतदान प्रभावित कराया जा रहा है। जबकि जसवन्तनगर विधानसभा में सपा नेता मनीष पतरे, महावीर सिंह यादव, भुजवीर सिंह यादव, सोनू यादव, अनुज यादव, ब्लाक प्रमुख पति चीनी यादव, ब्लाक प्रमुख ताखा खन्ना यादव, सर्वेश माथुर पूर्व प्रधान धौलपुर आदि मिलकर मतदान को दौरान बूथ कैप्चरिंग करा रहे हैं और भाजपा समर्थित मतदाताओं को वोट देने जाने से रोक रहे है। करहल गांव वाऊथ में बूथ संख्या 121 व 123 नम्बर पर सपा कार समर्थित डीलर हरिशंकर पुत्र दुलारे सिंह मतदाताओं को धमका रहा है कि अगर सपा को वोट नहीं किया तो राशन मिलना बंद कर दूंगा। यह राशन डीलर श्री शिवपाल सिंह यादव का करीबी है। जसवंतनगर विधानसभा के सीसहाट के बूथ 86 पर सपा के  लोगों ने बूथ कैप्चरिंग कर लिया है। सपा के लोग सुरक्षाबलों पर मतदान पर न रहने का दबाव बना रहे है। बूथ संख्या 2017 में राजाराम शाक्य, दुर्गेश यादव, सपा के पक्ष में वोट डालने का दबाव बना रहे है। भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने उपरोक्त आधार पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी से तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की।

भाषा नहीं संस्कृति आधारित हो राज्यों का गठन

अमित त्यागी 

आज भारत में भाषा की असमता स्पष्ट दिखती है। संतोष का विषय यह है कि अंग्रेज़ी-निपुण कहलाने वाला वर्ग भी एक देशप्रेमी भारतीय वर्ग है। पर उसे अपनी भिन्नता पर सामान्य से कुछ अधिक गर्व है। उसकी मानसिकता पूर्णरूप से विदेशी उपनिवेशक जैसी तो नहीं है  किन्तु वह असमता के पिरामिड की चोटी पर स्वयं को पा कर प्रसन्न है। अँग्रेज़ी भाषियों की संख्या भारत में अति सूक्ष्म है। जो अँग्रेज़ी में स्वयं को निपुण मानते है। इस वर्ग के पास अनुपात से कही अधिक संपत्ति, साधन, चातुर्य व राजनीतिक प्रभाव है। अमरीकी व यूरोपीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा के लिए गये लोगों मे बहुतायत इसी वर्ग के लोगों की है। राष्ट्रनिर्माण के स्थान पर अपनी भावी आर्थिक व राजनीतिक क्षमता सुरक्षित रखना उनकी इस शिक्षा का उद्देश्य रहा है। भाषा की असमता व आर्थिक असमता उसके लिए समस्या नहीं बल्कि साधन है। विषय के समाधान के लिए इस वर्ग के विवेक, चेतना व भागीदारी की बेहद आवश्यकता है। अक्सर हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग उठती है किन्तु सबसे पहले ऐसा न हो पाने की वजह को समझना आवश्यक है। पहला बिन्दु है कि हिंदी को सभी भारतवासी राष्ट्रभाषा मानने को तैयार नहीं हैं। स्वतंत्रता के तुरंत बाद संविधान में हिंदी को पूर्ण राष्ट्रभाषा का स्तर नहीं दिया गया था। इसका कारण संविधान सभा के सदस्यों में आपसी मतभेद व हिंदी के राष्ट्रभाषा बनने पर राष्ट्रीय एकता के उसके संबल पर अविश्वास था।

 इसके साथ एक बड़ा तथ्य यह है कि संविधान सभा के सदस्य देशप्रेमी अवश्य थे किन्तु वे समकालिक शासन प्रणाली और अंग्रेज़ी शिक्षापद्वति के अनुयायी भी थे। आज़ादी के समय से लेकर आज तक भाषा के प्रश्न का कोई गंभीर समाधान कभी सोचा नहीं गया। हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए इस विषय पर राष्ट्रिय सहमति बनाने के स्थान पर इस प्रश्न को प्रांतीय स्तर का प्रश्न मान लेने का आसान तरीका अपना लिया गया। आपसी मतभेद बने होने के कारण अँग्रेज़ी को संपर्क भाषा का स्वरूप दे दिया गया। तब अँग्रेजी को एक अस्थाई प्रावधान की तरह प्रयुक्त किया गया, जब तक कोई स्थाई भाषा नीति न बने। दुर्भाग्य से आज़ादी के बाद कोई सर्वमान्य भाषा नीति न बन सकी। इसी बीच प्रादेशिक भाषा भावनाएं अग्रणी होती चली गईं। इन भावनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल क्षेत्रीय दलों द्वारा किया जाता रहा और राष्ट्रभाषा का प्रश्न चर्चा से दूर होता गया। दूसरा बिन्दु है कि भारत में भाषा के आधार पर प्रान्तों का गठन एवं संगठन करना राष्ट्रीय-भाषा एकीकरण के दृष्टिकोण से विघटनशील सिद्ध हुआ है। अगर इसका कुछ फायदा हुआ है तो यह केवल राजनीतिक रूप से ही सुविधाजनक सिद्ध हुआ है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के आज सात दशक बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा का ध्येय प्राथमिकता में नहीं दिखता है। अब राजनीतिज्ञो की प्राथमिकता पूर्ण विश्व में आर्थिक हितों पर टिकी हैं। आर्थिक कड़ियों से विश्व जुड़ गया है किन्तु आर्थिक प्रगति व भाषा अलग विषय बिल्कुल नहीं है। जैसे कि व्यवसाय में सफलता के लिए व्यवसायी का विशिष्ट व्यक्तित्व अहम होता है वैसे ही एक साहसी राष्ट्रीय व्यक्तित्व राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक होता है। भाषा इस व्यक्तित्व का अंग है। एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में एक भाषा नहीं बल्कि भाषा की विविधता विवाद का कारण रही है।

 कामकाज की भाषा अँग्रेज़ी आज भारत में एक वर्ग के लिए अभीष्ट है। कामकाजी वर्ग के लिए यह मातृभाषा से भी आदरणीय है। वह लोग ही भाषा विवाद का हल हिन्दी में नहीं अँग्रेजी में ढूँढने लगते हैं। अंग्रेज़ी भाषा के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामकाज की भाषा होने एवं प्राविधिक विषयों के कारण इसे अपनाना आसान दिखता है। सभी विकसित व विकासशील देश ऐसा कर रहे हैं। अँग्रेजी आधारित भाषा की असमानता विश्व के उन देशों में भी देखी जाती है जो यूरोपियन उपनिवेश थे। इनमे नाईजीरिया, फिलीपीन्स, केन्या, अमरीकी व स्पेनिश उपनिवेश आदि शामिल हैं। वहाँ उपनिवेशकों की भाषा, अंग्रेज़ी या अन्य भाषा का प्रभुत्व आज भी है। विश्व में इन देशों का आर्थिक व सामाजिक स्तर सर्वविदित है। विदेशी भाषा का प्रभुत्व उपनिवेशवाद का एक प्रमुख हथियार रहा है जिसके माध्यम से एक विदेशी अल्पसंख्यक वर्ग अपने व उस देश के बहुसंख्यक वर्ग के बीच असमानता उत्पन्न कर उसका शोषण करता है। आज भारत में भाषा की असमता स्पष्ट दिखती है। अँग्रेजी बोलने वालों में अन्य भाषाओं के प्रति सम्मान का भाव नदारद है। विषय के ज्ञान से ज़्यादा किस भाषा में वह बोला जा रहा है इसके आधार पर व्यक्ति का मूल्यांकन हो रहा है। गुड मॉर्निंग कहने वालों को मॉडर्न एवं सुप्रभात कहने वालों को पिछड़ा समझा जा रहा है। किन्तु हमारे लिए संतोष का विषय सिर्फ यह है कि अंग्रेज़ी-निपुण कहलाने वाला वर्ग आज भी देशप्रेमी भारतीय वर्ग है। दुखदाई यह है कि उसे अपनी भिन्नता पर सामान्य से कुछ अधिक गर्व है। उसकी मानसिकता पूर्णरूप से विदेशी उपनिवेशक जैसी तो नहीं है  किन्तु वह असमता के पिरामिड की चोटी पर स्वयं को पा कर प्रसन्न है। भाषा की असमता व आर्थिक असमता उसके लिए समस्या नहीं बल्कि साधन है। विषय के समाधान के लिए इस वर्ग के विवेक, चेतना व भागीदारी की बेहद आवश्यकता है। हिन्दी भारत की आत्मा है। यह एक सत्य है।

किसी भी देश के विकास का उदगम उसकी मूलभूत संरचना से शुरू होता है। भारत के अधिकतर प्रदेशों मे लोग हिन्दी मे सोचते हैं। हिन्दी मे चिंतन करते हैं। व्यक्ति के बौद्धिक परिवेश मे जिस भाषा का स्थान होता है उसी के इर्द-गिर्द अगर सामाजिक और प्रशासनिक ढांचा होता है तो प्राप्त होने वाले परिणाम काफी बेहतर हो जाते हैं। शायद इसलिए ही विकास का चक्र तो ग्राहय होना चाहिये किन्तु समय समय पर मूलभूत संरचना के बिंदुओं पर चर्चा होती रहनी चाहिए। उदारीकरण और सार्वभौमिकरण के बाद अन्तराष्ट्रिय बाज़ार भारत के लिए वैश्विक रूप से खुला तो उसमे अँग्रेजी का वर्चस्व लाज़मी था। ऐसे भारत के पिछड़े से विकासशील एवं विकासशील से विकसित की तरफ बढ़ने की संभावना सदा अर्थपूर्ण रहीं किन्तु अब प्रक्रियाओं में सुधार की गुंजाइश है। हिन्दी भाषी प्रदेशों में हिन्दी आधारित सार्वभौमिकरण एक उचित माध्यम है आर्थिक विकास का। आज ढाई दशक में जब हमने उदारीकरण के श्वेत-श्याम दोनों पक्षों को समझ लिया है तब हमें समझ आ चुका है कि भारत का विकास बिना हिन्दी के प्रोत्साहन के संभव नहीं है। आज हिन्दी में सॉफ्टवेयर आ चुके हैं। हिन्दी में मोबाइल आ चुके हैं। हिन्दी में एप आ चुके हैं। हिन्दी व्यापारिक रूप से बढ्ने लगी है। हिन्दी के आधार पर रोजगार सृजित होने लगे हैं। कॉल सेंटर में हिन्दी इस्तेमाल होने लगी हैं। इस तरह से देखा जाये तो हिन्दी के पतन की कोई संभावना वर्तमान में नहीं है।

(प्रबंधन और विधि में परास्नातक लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं। 

एग्जिट पोल : खबरिया चैनलों ने भाजपा, कांग्रेस और आप तीनों को खुश किया

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गुजरात, हिमाचल प्रदेश के विधान सभा और दिल्ली के एमसीडी चुनाव के लिए मतदान हो चुका है! परिणाम आठ दिसंबर को आएँगे! उसी दिन पता चलेगा कि किसके हाथ सत्ता की चाभी लगी! और किसने हार का माला पहना! लेकिन खबरिया चैनलों ने अपने एग्जिट पोल से तीनों मुख्य राजनितिक दलों को खुश कर दिया है! सभी एग्जिट पोल में गुजरात में भाजपा को प्रचंड जीत दिखा रहे हैं! वहीँ हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी  करती दिख रही है! उधर दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी का परचम लहराने का दावा चैनल कर कर रहे हैं!

एबीपी न्यूज सी वोटर के एग्जिट पोल की बात करें तो इसने गुजरात में बीजेपी के लिए 128 से 140 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. कांग्रेस को 31-43 सीटें तो आम आदमी पार्टी को 3-11 सीटें दी हैं. अब अगर हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां एबीपी न्यूज सी वोटर ने बीजेपी के लिए 33 से 41 सीटें, कांग्रेस के लिए 24 से 32 सीटें तो आम आदमी पार्टी के लिए जीरो सीट का अनुमान लगाया है! आजतक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में भी बीजेपी आगे है. गुजरात में जहां इसने बीजेपी को 129 से 151 के बीच सीटें दी हैं, तो कांग्रेस को 16 से 30 और आप को 9 से 21 सीटें मिलने का अनुमान है. इसी एग्जिट पोल ने हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को 24-34 सीटें दिखाई हैं, जबकि कांग्रेस को 30-40 सीटों पर ही समेट दिया है. आप को जीरो सीटें ही दिखाईं हैं. ये एकमात्र सर्वे ऐसा है जो हिमाचल में कांग्रेस की सरकार का अनुमान जता रहा है!

न्यूज 24 और टुडे चाणक्या के एग्जिट पोल ने गुजरात में जहां बीजेपी को 150 सीटें दी हैं, तो कांग्रेस को 19 सीटें बताई हैं. वहीं आम आदमी पार्टी को 11 सीटें दिखाई हैं. हिमाचल प्रदेश में इस एग्जिट पोल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही 33 सीटों पर जीत का दावा किया है. आम आदमी पार्टी यहां भी जीरो है.

इंडिया टीवी मैटराइज ने अपने एग्जिट पोल में गुजरात में जहां 112 से 121 सीटें, कांग्रेस को 51 से 61 सीटें और आम आदमी पार्टी को 4 से 7 सीटें दी गईं हैं. दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में इस एग्जिट पोल ने बीजेपी को जहां 35-40 सीटें दी हैं तो कांग्रेस को 26-31 सीटों पर आगे दिखाया है. यहां भी आप के खाते में जीरो सीट ही बताई गई है!

एमसीडी चुनाव के एग्जिट पोल

एमसीडी चुनाव को लेकर आजतक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी को 69 से 91 सीटें तो कांग्रेस को 3-7 सीटें मिल रही हैं. यहां बाजी आप मारती दिख रही है. उसके खाते में 149 से 171 सीटें दिखाई गईं हैं. न्यूज एक्स जन की बात ने बीजेपी को 70 से 92 सीट, कांग्रेस को 4 से 7 सीट तो आप को 159 से 175 सीट दी है. टाइम्स नाऊ ईटीजी ने अपने एग्जिट पोल में एमसीडी में बीजेपी को 89 से 94 सीट तो कांग्रेस को 6 से 10 सीटें दी हैं. इसने आप को 146 से 156 सीटें दी हैं. जी न्यूज बार्क ने अपने एग्जिट पोल में बीजेपी को 82 से 94 सीट, कांग्रेस को 8 से 14 सीट और आप को 134 से 146 सीट दी है!

अमृतकाल में निकलेगा मीडिया के संमुद्र मंथन से होगा भारत अभ्युदय

मीडिया में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों पर समुद्र मंथन यहाँ चल रहा है! यह अवश्य ही अमृतकाल में भारत अभ्युदय को लेकर हमें संकल्पित करेगा। मीडिया चौपाल 2022 में देश भर से आए मीडिया कर्मियों ने यह चिंतन किया!  

एनआईटीटीटीआर-चंडीगढ़ में आयोजित तीन दिवसीय मीडिया चौपाल के मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि “सेल्फ, सेल्फी और सेल्फिश पत्रकारिता के दौर में जो प्रयास मीडिया चौपाल ने किया है, वह महत्वपूर्ण है। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों पर जो समुद्र मंथन यहाँ चल रहा है, वह अवश्य ही अमृतकाल में भारत अभ्युदय को लेकर हमें संकल्पित करेगा।“उन्होंने कहा कि “यह भारत के अभ्युदय का अमृतकाल है। यह तकनीक का दशक भी है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए हमें गौरव के साथ अपनी संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।“ मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि  “हमें सोचना होगा कि असत्य और भ्रम विज्ञान नहीं है। वैश्विक सत्य ज्ञान, विज्ञान के चरित्र के रूप में नज़र आता है। ईश्वर सपनों में प्रतिदिन हमें ‘नॉक’ करता है और हमें बताता है कि तुम हिन्दुस्तानी थे, हो और आगे भी रहोगे।“उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “अगर देश के सभी हिस्सों के लोगों का एक ग्रुप फोटो प्रदर्शित किया जाये तो उनकी पहचान किसी जाति, धर्म, गरीब, अमीर के तौर पर नहीं की जा सकेगी। सभी को एक हिन्दुस्तानी के तौर पर ही पहचाना जाएगा। हमें ईष्या और नफरत की जगह मुस्कराहट को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

शामिल हुए। सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के अध्यक्षले.जे.(सेवानिवृत्त) राजनंदनसिंह ने की। सत्र का विषय प्रवर्तन प्रोफेसर रामेश्वर मिश्र पंकज ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के उपाध्यक्षले.जे.केजे सिंह और प्रोफेसर केजी सुरेश विशेष अतिथियों के रूप में उपस्थित रहे। वरिष्ठ पत्रकार व् लेखक मनीष शुक्ल ने केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को अपनी उपन्यास स्वयंसेवक एक महागाथा भेंट की!

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय सचिव राजकिशोर प्रजापति ने स्वागत भाषण दिया और एनआईटीटीटीआर के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर बीएस पाबला नेआयोजन में संस्थान की भूमिका बताते हुए सबका धन्यवाद ज्ञापित किया।  चौपाल में परिचर्चा का संयोजन हर्षवर्धन त्रिपाठी ने किया। डॉ. आनंद पाटील ने इस चौपाल के स्वरूप एवं विस्तार को लद्दाख से लक्षद्वीप तक वाला बताया। ध्यातव्य है कि इस चौपाल में लगभग सभी राज्यों के 500 शिक्षाविद, संचारविद, मीडियाकर्मी, संचारक, शोधार्थी इत्यादि शामिल हैं। सह आयोजक डॉ अनिल सौमित्र ने सभी का आभार जताया!

गुजरात के रिजल्ट के बाद जी-20 सम्मेलन से बनेगा माहौल

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गुजरात और हिमाचल विधानसभा के साथ ही दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम भाजपा के विजय अभियान को नया शक्ल देंगे! पार्टी के शीर्ष नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अगली रणनीति बनाने में जुट गया है! इसी कवायद में बीजेपी कोर कमेटी की एक अहम बैठक शुरू हो गई है! दो दिवसीय बैठक को संबोधित करने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे हैं!   जी-20 सम्मेलन की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार के लिए ये जी-20 शिखर सम्मेलन बेहद खास है. सरकार के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है जिसमें देश अध्यक्षता करने जा रहा है! क्योंकि इस सम्मेलन के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर सरकार को मजबूती मिलेगी और इसे बीजेपी साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भुनाने की पूरी कोशिश करेगी इसी कवायद में प्रधानमंत्री समेत बीजेपी के सभी पदाधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष,सचिव, महासचिव, संगठन मंत्री समेत तमात बीजेपी के वरिष्ठ नेता चिंतन के लिए जुटे हैं!

मीडिया चौपाल में होगी सुप्रसिद्ध लोक गायिका विजया भारती की प्रस्तुति

नई दिल्ली। चंडीगढ़ में हो रही मीडिया चौपाल-2022 के दौरान सांस्कृतिक संध्या में लोकप्रिय लोकगायिका विजया भरती की प्रस्तुतियों का आनंद ले सकेंगे। सुप्रसिद्ध लोक गायिका विजया भारती किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने केवल अपनी संस्कृति, संस्कार और माटी से जुड़े गीतों को ही अपनी गायकी का हिस्सा बनाया है। बिहार, उत्तर प्रदेश के साथ ही मॉरीशस, नेपाल, फिजी, सूरीनाम के प्रवासी भोजपुरिया लोगों में उनके गाए छठ गीत बेहद मशहूर हैं। मैथिली संस्कृति से सम्बद्ध रखने वाली विजया भारती को भोजपुरी गायिकी में विशेष सम्मान मिला है।

गुजरात विधानसभा चुनाव : पहले चरण में 60 फीसद वोटिंग, मोदी का रोड शो

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गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 89 सीटों के लिए 60 फीसद वोटिंग हुई! वहीँ मोदी के रोड शो को देखकर लोग दीवाने नजर आए! इसमें सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण हिस्से के 19 जिले शामिल हैं. पहले चरण में 788 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है!

निर्वाचन आयोग ने कहा कि पहले फेज में करीब 60.20 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई है. नर्मदा में सबसे ज्यादा 73.02 फीसदी और पोरबंदर में सबसे कम 53.84 फीसदी मतदान हुआ है. कुछ छिटपुट घटनाओं और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की कुछ शिकायतों को छोड़कर सुबह आठ बजे शुरू हुई मतदान प्रक्रिया कमोबेश शांतिपूर्ण रही. विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए पांच दिसंबर को मतदान होगा और मतगणना आठ दिसंबर को होगी!  

गुरुवार को 14,382 मतदान केंद्रों पर मतदान शुरू हुआ था, जिनमें से 3,311 शहरी और 11,071 ग्रामीण इलाके हैं. वोटिंग पर नजर रखने के लिए 13,065 मतदान केंद्रों से लाइव वेबकास्ट किया गया. गुजरात में 27 सालों से बीजेपी की सरकार है और पार्टी लगातार सातवीं बार सत्ता पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है. इस बार बीजेपी का मुकाबला न केवल कांग्रेस से है बल्कि आम आदमी पार्टी (आप) से भी है जो अपने आप को मुख्य विपक्षी दल साबित करने के प्रयास में जुटी है!

राष्ट्रपति खेल पुरस्कार 2022 प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (30 नवंबर, 2022) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में खेल और साहसिक पुरस्कार 2022 प्रदान किए। इन पुरस्कारों में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार-2022; द्रोणाचार्य पुरस्कार-2022; अर्जुन पुरस्कार-2022; ध्यानचंद पुरस्कार-2022; तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार-2021; राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार-2022; और मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी-2022 शामिल हैं।

कवाल का बवाल सपा और लोकदल की देन : सीएम योगी

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 खतौली विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी के लिए मांगा वोट

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने खतौली के मतदाताओं से अपील की कि 5 दिसंबर की सुबह लाइन (मतदान) में लग जाना, जिससे 8 को जब परिणाम आए तो सिर्फ और सिर्फ कमल खिले। कहा कि कवाल का बवाल सपा का कलंक है। यह सपा और लोकदल के संयुक्त गठबंधन सरकार की देन थी, जो क्रूर अत्याचार नौजवानों और स्थानीय लोगों पर किया गया। निर्दाेष सचिन व गौरव की शहादत को कौन भूल सकता है, जिन्होंने इन पर कहर ढाया था, उनके साथ क्या हुआ। यह आप देख रहे हैं। विक्रम सिंह सैनी ने परिवार नहीं, यहां के सम्मान के लिए सदस्यता गंवाई है। बिना हिले, झुके व डिगे विक्रम सैनी कार्य करते रहे। 

मुख्यमंत्री ने बुधवार को मुजफ्फरनगर के खतौली विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार राजकुमारी सैनी के पक्ष में सभा को संबोधित करके जनसमर्थन मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कवाल के बवाल के समय सपा के नेता नहीं आ सकते थे, लेकिन लोकदल के नेता कहां थे। पहले कैराना व कांधला में गुंडा टैक्स वसूली होती थी। राहगीरों की हत्या करते थे। किसान खेत और बहन-बेटियां स्कूल व बाजार नहीं जा पाती थीं। हमने यूपी की कानून व्यवस्था को नजीर बनाया। भाजपा सरकार में व्यापारी फिर से कैराना और कांधला आए, जिससे फिर से यहां रौनक दिख ऱही है। गुंडा टैक्स बंद हो गया। सपा और लोकदल की जोड़ी फिर से गुंडा टैक्स प्रारंभ करने की साजिश रच रही है। तालिबान जैसा शासन चाहते हैं, लेकिन गारंटी देता हूं कि डबल इंजन की सरकार गुंडागर्दी को पनपने नहीं देगी। हमने विकास में कोई भेदभाव नहीं किया। सारी योजनाओं का लाभ पात्रों को मिल रहा है। सबका साथ, सबका विश्वास का नारा चरितार्थ हो रहा है।

जब भी धर्म पर संकट आया, इस धरती ने क्रांति का संदेश दिया

सीएम ने कहा कि मुजफ्फऱनगर की धरती को मां गंगा व यमुना का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गंगनहर से खतौली विधानसभा क्षेत्र मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करता है। यह धऱती धर्म की है। यह शांति का संदेश देती है। जब-जब धर्म पर संकट आया तो तब-तब इस धऱती ने क्रांति का संदेश भी दिया है। आज भी यहां का किसान मेहनत व पुरुषार्थ से गन्ने की मिठास जन-जन को देता है। एशिया की सबसे बड़ी चीनी मिल इसी खतौली में है।

सपा में सत्ता प्रायोजित अपराध होते थे

मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा अराजकता की सरकार थी। सत्ता प्रायोजित अपराध होते थे। सुरक्षा और आस्था से खिलवाड़ की छूट किसी को नहीं है। 2017 में मैंने कहा कि कांवड़ यात्रा होगी। सुरक्षा सरकार देगी। हमने गंगनहर की दोनों पटरियों को आवागमन के लिए निर्विघ्न रूप से बढ़ाने की योजना बनाई। भाजपा ही आस्था का सम्मान करती है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा ही करा रही है। मथुरा, वृंदावन सज-संवर रहे हैं। डबल इंजन की सरकार महाराजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर अलीगढ़, मां शाकुंभरी के नाम पर सहारनपुर और मेजर ध्यानचंद के नाम पर पहली बार खेल विश्वविद्यालय मुजफ्फरनगर-मेरठ बॉर्डर पर बना रही है।

पेशेवर माफिया को अपने बीच मत घुसने दीजिए

सीएम ने कहा कि पेशेवर माफिया का अपने बीच मत घुसने दीजिए। आदत छूटती नहीं है। यदि हम सख्ती नहीं करते तो शांति-सुरक्षा नहीं दे पाते। 2017 से पहले खेतों में किसान जैसे ही जाता था, उससे पहले सामान उठा लिया जाता था। ट्यूबवेल के कनेक्शन काट दिया जाता था,  मशीन चोरी कर ली जाती थी। कभी किसान की हत्या कर दी जाती थी। आज सुरक्षा का वातावरण दिया जाता है। अपराधी-माफिया जिस भाषा में समझेगा, उसे उस भाषा में समझाओ, लेकिन आमजन की सुरक्षा में सेंध की छूट किसी को नहीं।