Monday, June 9, 2025
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51 की उम्र में गरजा सचिन का बल्ला,  खेली तूफानी पारी, इंडिया मास्टर्स को दिलाई जीत

मुंबई : एक समय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर एक बार फिर उसी अंदाज में नजर आए। सचिन ने इंग्लैंड मास्टर्स के खिलाफ ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए अपनी टीम इंडिया मास्टर्स को शानदार जीत दिलाई। डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी में खेले गए इंटरनेशनल मास्टर्स लीग में सचिन ने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की और दर्शकों की पुरानी यादें ताजा कर दी। कप्तान सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड मास्टर्स के गेंदबाज क्रिस शॉफील्ड की गेंद पर आउट होने से पहले पांच चौके और एक छक्का लगाकर स्टेडियम में मौजूद दर्शकों का मनोरंजन किया। सचिन तेंदुलकर ने 21 गेंद में ताबड़तोड़ 34 रन की पारी खेली। सचिन को गुरकीरत सिंह का जबरदस्त साथ मिला। गुरकीरत ने तूफानी अंदाज में अर्धशतक जड़ा और इंडिया मास्टर्स को 12 ओवर के भीतर ही जीत दिला दी। गुरकीरत ने 35 गेंद पर 10 चौके और 1 छक्का जड़ते हुए नाबाद 63 रन बनाए। युवराज सिंह 14 गेंद में 27 रन बनाकर नाबाद रहे और इस तरह इंडिया मास्टर्स ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की। इससे पहले सचिन तेंदुलकर की अगुवाई वाली इंडिया मास्टर्स टीम ने इंग्लैंड मास्टर्स को 20 ओवर में 8 विकेट पर 132 रन के स्कोर पर रोक दिया। तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी ने तीन जबकि तेज गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन और बाएं हाथ के स्पिनर पवन ने दो-दो विकेट झटके। इंग्लैंड की ओर से डैरेन मैडी ने सबसे ज्यादा 25 रन बनाए। टिम एम्ब्रोस ने 23 रनों का योगदान दिया।

महाकुंभ 2025 : 45 दिन, 66 करोड़ श्रद्धालु, 15,000 से ज्यादा ट्रेन का रिकार्ड  

प्रयागराज : महाकुंभ 2025 का अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी यानि महाशिवरात्री को चल रहा है| इस समय तक संगम त्रिवेणी में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है| इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के वार रूम से स्थिति का जायजा लिया है| उम्मीद है कि महाकुंभ के समापन तक 70 करोड़ तीर्थयात्री स्नान करके अद्भुत विश्व रिकार्ड बनाएँगे|

गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान करने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, बंगाल समेत कई राज्यों के तीर्थयात्री बड़ी संख्या में प्रयागराज में एकत्र हुए हैं। रविवार और सोमवार को बिहार के पटना, दानापुर, मुजफ्फरपुर, गया, सासाराम, कटिहार, खगड़िया, सहरसा, जयनगर और दरभंगा जैसे स्टेशनों पर यात्रियों की बड़ी संख्या देखी गई। इसी तरह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, गोंडा, दीन दयाल उपाध्याय और झांसी समेत अन्य स्टेशनों पर भी तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। मध्य प्रदेश के चित्रकूट, जबलपुर, सतना और खजुराहो जैसे स्टेशनों पर भी काफी भीड़ देखी गई, जबकि झारखंड के धनबाद, बोकारो, रांची, गढ़वा और मेदिनीनगर स्टेशनों से भी बड़ी संख्या में यात्री प्रयागराज पहुंचे।

अमृत ​​स्नान के बाद बड़ी संख्या में लोगों के अपने गृहनगर लौटने की उम्मीद है, जिससे रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर रेलवे ने व्यापक तैयारियां की हैं और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यस्थलों पर सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मौनी अमावस्या के अवसर पर 360 से अधिक ट्रेनें चलाई गई, जिसमें 20 लाख से अधिक लोगों को सफलतापूर्वक उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। इसी तरह महाशिवरात्रि स्नान के बाद अतिरिक्त ट्रेनें चलाने के विशेष इंतजाम किए गए हैं, जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल के लिए प्रयागराज के पास अतिरिक्त रेक तैनात किए गए हैं। शुरुआत में रेलवे ने महाकुंभ के दौरान करीब 13,500 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई थी। हालांकि 42वें दिन तक बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनों समेत 15,000 से अधिक ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं।

केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव पूरे रेलवे संचालन पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ श्री सतीश कुमार सक्रिय रूप से ट्रेन संचालन की निगरानी कर रहे हैं। तीनों जोनल रेलवे के महाप्रबंधक अपनी टीमों के साथ रेलवे व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं। रेल मंत्री ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को निर्देश दिया है कि वे महाकुंभ यात्रियों की पूरी देखभाल सुनिश्चित करें और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त विशेष ट्रेनें भी चलाएं।

महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने बड़ी संख्या में ट्रेनें चलाने के अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए सुरक्षा, आश्रय और आसान टिकटिंग समेत अनेक इंतजाम किए हैं। प्रयागराज क्षेत्र के सभी स्टेशनों पर वाणिज्य विभाग के 1500 से अधिक कर्मचारी और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के 3000 जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा प्रयागराज में रेलवे सुरक्षा विशेष बल के 29 दस्ते, महिला रेलवे सुरक्षा विशेष बल के 2 दस्ते, 22 डॉग स्क्वॉड और 2 बम निरोधक दस्ते तैनात किए गए हैं। स्काउट एंड गाइड, सिविल डिफेंस और अन्य विभागों की टीमें श्रद्धालुओं को बेहतर यात्रा सुविधाएं देने के लिए काम कर रही हैं।

तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रयागराज क्षेत्र के सभी स्टेशनों पर आंतरिक आवागमन की योजना लागू की गई है और तीर्थयात्रियों को विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों को उनके गंतव्य के आधार पर विशिष्ट आश्रयों के लिए निर्देशित किया गया और फिर विशेष ट्रेनों द्वारा उनके संबंधित स्थानों पर ले जाया गया। जब यात्रियों की संख्या बढ़ गई, तो रेलवे ने खुसरो बाग में यात्रियों को रोककर अपनी आपातकालीन योजना लागू की। इसके बाद यात्रियों को ट्रेनों में चढ़ने से पहले निर्दिष्ट आश्रयों के माध्यम से सुरक्षित रूप से स्टेशन में प्रवेश करने का निर्देश दिया गया। प्रयागराज जंक्शन के नियंत्रण टॉवर से प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी गतिविधियों की निगरानी की गई और ट्रेन संचालन में व्यवधान को रोकने और विशेष ट्रेनों में तीर्थयात्रियों के सुरक्षित प्रस्थान को सुनिश्चित करने के लिए समय पर निर्णय लिए गए।

विभिन्न स्टेशनों पर चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध थीं, जहां गंभीर मामलों में तीर्थयात्रियों का निरीक्षण कक्षों में इलाज किया गया। महाकुंभ 2025 के दौरान, अनेक तीर्थयात्रियों ने रेलवे द्वारा दी जाने वाली डिजिटल सेवाओं का उपयोग किया। लाखों यात्रियों ने अपनी यात्रा आवश्यकताओं के लिए वेबसाइट और कुंभ ऐप का उपयोग किया। महाकुंभ के अंतिम सप्ताहांत के दौरान, रेलवे ने नियमित और विशेष दोनों तरह की ट्रेनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन किया। रविवार को, इसने 335 ट्रेनों का सफलतापूर्वक संचालन किया, जिससे 16 लाख से अधिक लोग अपने गंतव्य तक पहुँचे।

लखनऊ पुस्तक मेले की थीम बाल साहित्य

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रवीन्द्रालय चारबाग में  किताबों का मेला पहली मार्च से

 लखनऊ, । रवीन्द्रालय चारबाग लान में पहली मार्च से प्रारम्भ होने वाला नौ दिवसीय लखनऊ पुस्तक मेला इस बार अलग रंग में दिखेगा। इस वर्ष मेले की थीम बाल साहित्य रखी गयी है। मुफ़्त प्रवेश वाले किताबों के इस मेले में जहां पुस्तक विमोचन होंगे वहीं अनेक आयोजनों के बीच विविधता भरे काव्य समारोहों और अध्यात्मिक व अन्य नाट्य, नृत्य आदि सांस्कृतिक समारोहों का क्रम लगातार चलेगा। सब गोलमाल है जैसे नाटकों के मंचन के साथ महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम होंगे।

आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि ये दौर भारतीय संस्कृति और कलाओं का पुनर्जागरण काल का है। हाल में दिल्ली में सम्पन्न विश्व पुस्तक मेले में उमड़ी भीड़ और गतिविधियों से भी हम उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि नौ मार्च तक चलने वाले मेले का उद्घाटन मध्याह्न 12 बजे होगा। मेले को मेट्रो रेल का सहयोग मिल रहा है। नई टेक्नालॉजी से छपी पुस्तकों के साथ मेले में डिजिटल टेक्नालॉजी से जुड़े प्रकाशन उत्पाद देखने को मिलेंगे साथ ही स्टेशनरी, शिक्षकों, स्कूलों के लिए उपयोगी सामग्री के स्टाल होंगे। इस मेले में बहुत से नये प्रकाशक अपने साहित्य के साथ 10 हज़ार स्क्वायर फिट वाटर प्रूफ पंडाल में स्टाल होंगे। मुख्य प्रकाशकों और भागीदार के तौर पर सस्ता साहित्य मंडल प्रकाशन नई दिल्ली, शुभी पब्लिकेशंस गुरुग्राम, हिन्द युग्म गौतमबुद्ध नगर, जैको पब्लिशिंग हाउस नई दिल्ली,  चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट  नई दिल्ली, प्रकाशन विभाग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, निखिल पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स आगरा, भारतीय कला प्रकाशन दिल्ली, दिव्यांश पब्लिकेशंस लखनऊ, पद्म बुक कंपनी दिल्ली, रितेश बुक एजेंसी नई दिल्ली, बीइंग बुकिश लखनऊ, याशिका एंटरप्राइज दिल्ली, एंजेल बुक हाउस रायपुर, यूनिवर्सल बुक स्टोर दिल्ली, नवपल्लव बुक, बहुजन साहित्य केंद्र, त्रिदेव बुक्स कलेक्शंस नई दिल्ली, देव बुक कलेक्शन, दिल्ली, एजुकेशनल एंड साइंटिफिक एड्स, रामकृष्ण मठ, योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इंडिया रांची, श्रीकबीर ज्ञान प्रकाशन केंद्र गिरिडीह, विलायत पब्लिकेशंस दिल्ली, आदित्रि बुक सेंटर  दिल्ली, एक्यूप्रेशर हेल्थ केयर सिस्टम्स, एच जूट बैग कोलकता, कन्नौज हेरिटेज, एस्केलरा टेक्नोलॉजी इत्यादि हैं। लगभग अस्सी स्टालों से यह पुस्तक मेला सजेगा। बाल साहित्य और पुस्तकों को समर्पित मेले में मंच पर पुस्तक विमोचन, साहित्य चर्चा, काव्य पाठ, कहानी वाचन, सहित बच्चों एवम युवाओं के कार्यक्रम और नाटकों का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र होंगे। उद्घाटन समारोह, लेखक से मिलिए, पुस्तक विमोचन, युवा कार्यक्रम, कवि सम्मेलन मुशायरा सांस्कृतिक आयोजनों के लिए लगभग पांच हज़ार स्क्वायर फीट का पाण्डाल लगाया जा रहा है।

मेला निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि मेले में कवि सम्मेलन- मुशायरे का आनन्द लेने के साथ लोगों को लेखकों-कवियों के साथ बात करने के मौके मिलेंगे ही साथ ही पुस्तक प्रेमियों के लिए बुक लवर्स लाउंज भी होगा। स्थानीय लेखकों की पुस्तकों के लिए भी एक स्टाल होगा।

मेले के बारे में सह संयोजक व उत्तर प्रदेश ओलम्पिक संघ पदाधिकारी टीपी हवेलिया ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी रहने वाले और एकदम फ्री इण्ट्री वाले इस मेले में जहां इस पुस्तक मेले में किताबों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत तक छूट हर खरीदार को मिलेगी वहीं पुस्तक प्रेमियों को बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा। मेले में पार्किंग की समुचित व्यवस्था रहेगी। फोर्स वन बुक्स के साथ यूपीएमआरसी लखनऊ मेट्रो, रेडियो सिटी, ओरिजिंस, विजय स्टूडियो, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, लोकआंगन, विश्वम फाउंडेशन, समग्र एंटरप्राइज़ेज, पृथ्वी इनोवेशन, किरन फाउंडेशन, सिटी एसेंस, ट्रेड मित्र, प्लांटिलो आदि के सहयोग से हो रहे मेले के बारे में ज्योति किरन रतन ने बताया कि विद्यार्थियों को पुस्तकों के प्रति लगाव पैदा करने के मकसद से शहर भर के अनेक स्कूल-कालेजों के विद्यार्थियों को मेले में आमंत्रित किया जा रहा है। यहां उनके विभिन्न कार्यक्रम भी और प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा।

इमका एवर्ड्स में सिल्वर जुबली बैच की धूम, मनीषा, शांता, खेमराज रहे लकी विनर  

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इमका अवॉर्ड्स सर्वप्रिया सांगवान ने जीता जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर का इनाम

नई दिल्ली. आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन के सालाना कनेक्शन्स मीट में नौवें इमका अवॉर्ड्स के विजेताओं के नाम का ऐलान हुआ। दिल्ली में आयोजित समारोह में लकी ड्रा में 25 वर्ष पूरा कर चुके सिल्वर जुबली ग्रुप की धूम रही| इसमें शांता सिह, शैलेश रंजन, रिसू निगम, मनीषा सिंह, शांता सिंह, कौशल, इम्तियाज़ आदि विजेता रहे| इसके अलावा गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता को एलुमनी ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। सर्वप्रिया सांगवान ने जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता, जिसके तहत उन्हें डेढ़ लाख रुपये की नकद राशि के साथ ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र मिला। समारोह में आईआईएमसी से 25 साल पहले पास हुए लगभग 80 पूर्व छात्र-छात्राओं को सिल्वर जुबली सम्मान भी दिया गया।

कमिटी अवॉर्ड के तहत दिल्ली के प्रो. अशोक ओगरा, गुवाहाटी की जाह्नवी फूकन, पुणे की सुजाता सबनिस, तेजपुर के प्रो. शंभूनाथ सिंह और दिल्ली के मेदिन प्रसाद राय को लाइफटाइम अचीवेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। पब्लिक सर्विस का अवॉर्ड जमशेदपुर के एसएसपी किशोर कौशल और गया के सामाजिक कार्यकर्ता आदित्य वर्धन को मिला। महाराष्ट्र के केतन तन्ना, ओडिशा के सुधांशु पात्रो और उत्तर प्रदेश के मणिंद्र मिश्र को कनेक्टिंग एलुमनी जबकि इमका की गुजरात कमिटी को कनेक्टिंग चैप्टर का अवॉर्ड दिया गया। कमिटी अवॉर्ड में इनके अलावा यूपी के संतोष कुमार वाल्मीकि, दिल्ली के कल्याण रंजन और नितिन प्रधान, पंजाब की एलिस गुरम, महाराष्ट्र के ब्रज किशोर, ओडिशा के ब्योमकेश बिस्वाल और महाराष्ट्र के कृष्णा पोफले को पिलर्स ऑफ इमका अवॉर्ड से नवाजा गया।

50 हजार रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक की इनामी राशि वाले विभिन्न पुरस्कारों के विजेताओं को संबंधित कैटेगरी की जूरी ने पुरस्कृत किया। जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर सर्वप्रिया सांगवान के अलावा पल्लव जैन को एग्रीकल्चर रिपोर्टर ऑफ द ईयर, संदीप रजवाड़े को रिपोर्टर ऑफ द ईयर पब्लिशिंग, अजातिका सिंह को रिपोर्टर ऑफ द ईयर ब्रॉडकास्टिंग, हर्षिता राठौर को प्रोड्यूसर ऑफ द ईयर, आर. सम्बन को इंडियन लैंग्वेज रिपोर्टर ऑफ द ईयर पब्लिशिंग, अनुज कुमार दास को इंडियन लैंग्वेज रिपोर्टर ऑफ द ईयर ब्रॉडकास्टिंग, पंकज बोरा को ऐड पर्सन ऑफ द ईयर, आशीष शुक्ला को पीआर पर्सन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला। जूरी कैटेगरी में एवियन वी को पीआर एजेंसी ऑफ द ईयर और काइजन को डिजिटल एजेंसी का ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला।

समारोह की अध्यक्षता इमका अध्यक्ष सिमरत गुलाटी ने की, जिसे इमका अवॉर्ड के ऑडिटर राजेश कालरा, संयोजिक स्नेहा भट्टाचार्जी, महासचिव दीक्षा सक्सेना, कोषाध्यक्ष अनिमेष विश्वास, कनेक्शन्स मीट के मुख्य आयोजक प्रेम प्रकाश, ग्लोबल मीट संयोजक राजेश कुमार, चैप्टर मीट संयोजक नीरज बाजपेई, सिल्वर जुबली बैच संयोजक अरिजित बनर्जी और स्मारिका के संपादक सुशील सिंह ने संबोधित किया। इमका के पूर्व अध्यक्ष मुकेश कौशिक, सुनीला धर, प्रसाद सान्याल, कल्याण रंजन, कार्यकारी अध्यक्ष गायत्री श्रीवास्तव समेत पत्रकारिता, पीआर, विज्ञापन क्षेत्र के वरिष्ठ लोग देश भर से इस समारोह में शामिल हुए।

दिल्ली में रेखा सरकार, सामने चुनौतियाँ अपार

नई दिल्ली : दिल्ली में 27 साल के बाद आखिरकार भाजपा की सरकार बन गई है| मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई छह सदस्यीय मंत्रिमंडल ने शपथ ले ली है| हालांकि, रेखा गुप्ता पहली ऐसी नेता नहीं है, जिनको बीजेपी ने पहली बार विधायक बनते ही सत्ता की कमान सौंप दी हो|  इस फेहरिस्त में बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं के नाम जुड़े हैं| इससे पहले लिस्ट में हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर से लेकर त्रिपुरा के सीएम रहे बिप्लव कुमार देब के नाम भी दर्ज है| इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी किस्मत के धनी थे, जो पहली बार विधायक बनने के साथ ही सत्ता के सिंहासन पर विराजमान हुए हैं|   अगर हम दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की बात करें तो उन्होने एबीवीपी से अपनी राजनीति शुरू की और डीयू की छात्र संघ महासचिव व अध्यक्ष रहीं| इसके अलावा तीन बार एमसीडी की पार्षद रहीं|  शालीमार बाग सीट से 2015 और 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ी, लेकिन जीत नहीं सकी| 2025 में बीजेपी ने अपने तमाम उन नेताओं के टिकट काट दिए थे, जो लगातार दो बार चुनाव हार चुके थे| रेखा गुप्ता को बीजेपी ने तीसरा मौका चुनाव लड़ने का दिया| इस बार पार्टी की उम्मीदों पर खरी उतरीं और विधायक बनी तो उनकी किस्मत के सितारे भी बुलंद हो गए| बीजेपी ने उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा सियासी संदेश दिया है| हालांकि नए मुख्यमंत्री के सामने कई गम्न्भिर चुनौतियाँ हैं| दिल्ली की जनता उम्मीद भरी नजरों से भाजपा सरकार की ओर देख रही है| वायु प्रदूषण, यमुना की सफाई, साफ पीने का पानी, सीवरेज, सफाई व्यवस्था, महिला सम्मान निधि ये ऐसे प्राथमिक मुद्दे हैं जिस पर जनता तुरंत राहत मांग रही है| इसके अलावा दिल्ली को विश्व स्तरीय राजधानी बनाना भाजपा सरकार का संकल्प है| रेखा सरकार ने पहली बैठक में ही संकल्पों को पूरा करने के संकेत दिये हैं| मोदी सरकार की आयुष्मान योजना दिल्ली में भी लागू कर दी गई है|

हिंदू कॉलेज ने बौद्धिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान की अद्वितीय धरोहर

हिंदू कॉलेज के 126वें स्थापना दिवस पर मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज दिल्ली में हिंदू कॉलेज के 126वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर शिक्षाविद्, स्टाफ सदस्य और छात्र भी मौजूद रहे। उन्होंने अपने कॉलेज दौरे के दौरान कौशल विकास और उद्यमिता गतिविधियों पर आधारित प्रदर्शनी में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की। विचारों, प्रोटोटाइपों और व्यावसायिक मॉडलों का जिक्र करते हुए, उन्होंने विश्वास जताया कि ये नवाचार, उद्यमिता, रोजगार सृजन और संपत्ति सृजन  के ध्वजवाहक के रूप में काम करेंगे।

समारोह को संबोधित करते हुए श्री धर्मेंद्र प्रधान ने हिंदू कॉलेज की प्रतिष्ठित धरोहर पर प्रकाश डाला तथा इसे ज्ञान के मंदिर और शैक्षिक उत्कृष्टता, नवाचार, विविधता, बहुलता, लोकतांत्रिक आदर्शों, राष्ट्रवादी भावना और राष्ट्र निर्माण का उद्गम स्थल बताया।

उन्होंने कॉलेज की स्थापना के समय का उल्लेख करते हुए कहा कि जब मैकाले के भारत की शिक्षा व्यवस्था और संस्कृति को नष्ट करने के प्रयास किया तब इसका मुकाबला करने के लिए श्री कृष्ण दास जी गुरवाले ने इस कॉलजे की स्थापना की। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदू कॉलेज ने भारत की बौद्धिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान को आकार देने में अद्वितीय योगदान दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत आज जिस प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर खड़ा है, वह हिंदू कॉलेज द्वारा प्रशस्त किया गया है।

श्री प्रधान ने यह भी कहा कि धरोहर बनाना आसान होता है लेकिन इसे बनाए रखने के लिए निरंतर समर्पण की आवश्यकता होती है। उन्होंने छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को कॉलेज की परंपरा को बनाए रखने के लिए उनकी अटूट ‘साधना’ के लिए बधाई देते हुए उन्होंने उनसे इस प्रतिबद्धता को जारी रखने और संस्थान को समाधानों के वैश्विक केंद्र में बदलने का प्रयास करने का आग्रह किया।

उन्होंने यह भी कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सभी भारतीयों का सामूहिक लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अगले 22-25 साल अमृत काल के प्रतीक हैं, जो हिंदू कॉलेज समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहा है, वैसे ही हिंदू कॉलेज अपने 150वें स्थापना दिवस का जश्न मनाएगा। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण चरण के दौरान, कॉलेज को खुद को अनुसंधान, नवाचार, उद्यमिता और 21वीं सदी की चुनौतियों के समाधान के केंद्र के रूप में स्थापित करने की आकांक्षा रखनी चाहिए।

भारत के भविष्य को आकार देने में हिंदू कॉलेज की भूमिका पर विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने आने वाले दशकों में भारत के परिवर्तन के ‘कप्तान’ के रूप में इसके उभरने की कल्पना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके छात्र धन-सृजक, नौकरी-सृजक, डीप-टेक इनोवेटर, नीति-निर्माता और कल के वैश्विक नागरिक बनेंगे।

आदि महोत्सव: 30 राज्य के 600 आदिवासी कारीगर- 500 कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति

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16 से 24 फरवरी 2025 तक जनजातीय विरासत का एक भव्य उत्सव

नई दिल्ली : जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) की एक प्रमुख पहल, आदि महोत्सव-2025 का उद्घाटन भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में किया। 16 से 24 फरवरी 2025 तक चलने वाला यह जीवंत महोत्सव, भारत की समृद्ध आदिवासी विरासत, संस्कृति, वाणिज्य, शिल्प, व्यंजन और कला का जश्न मनाता है।

आदि महोत्सव 2025 की प्रमुख विशेषताएं हैं:

30+ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 600+ आदिवासी कारीगर।

500 कलाकारों द्वारा मनमोहक जनजातीय नृत्य की प्रस्तुति।

विभिन्न क्षेत्रों के स्वदेशी व्यंजन पेश करने वाले 25 आदिवासी भोजन स्टॉल।

उद्घाटन समारोह में आदिवासी कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें शामिल हैं: छाऊ नृत्य (झारखंड), कलबेलिया नृत्य (राजस्थान), गौर मारिया नृत्य (छत्तीसगढ़), सिद्धि धमाल नृत्य (गुजरात), अंगी गेर नृत्य (राजस्थान)।

इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आदिवासी कारीगरों और उद्यमियों को सशक्त बनाने में आदि महोत्सव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा: “पिछले 10 सालों में आदिवासी समाज के समग्र विकास के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। आदिवासी समाज के विकास पर विशेष ध्यान देने के पीछे यह मानना है कि जब आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा, तभी हमारा देश भी सही मायने में आगे बढ़ेगा।

किसी भी समाज के विकास में शिक्षा की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। यह ख़ुशी की बात है कि देश में 470 से अधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के ज़रिए करीब 1.25 लाख आदिवासी बच्चों को स्कूली शिक्षा दी जा रही है।

आदि महोत्सव, आदिवासी विरासत को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने का एक प्रमुख आयोजन है। ऐसे उत्सव जनजातीय समाज के उद्यमियों, शिल्पकारों और कलाकारों को बाजार से जुड़ने का बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं।”

जनजातीय कल्याण को आगे बढ़ाना – पीएम-जनमन और धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के समग्र विकास के लिए परिवर्तनकारी पहल शुरू की गई हैं:

पीएम-जनमन अभियान (2023 में लॉन्च): 24,000 करोड़ रुपए का बजट, घरों तक आवश्यक सेवाओं की सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना।

धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान (2 अक्टूबर 2024 को लॉन्च): 80,000 करोड़ रुपए का बजट,  निम्नलिखित बिंदुओं पर केंद्रित:

63,000 आदिवासी गांवों को सड़कों और मोबाइल नेटवर्क से जोड़ना।

आदिवासी परिवारों को स्थायी आवास उपलब्ध कराना।

यह सुनिश्चित करना कि जनजातीय नागरिकों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने महोत्सव की सराहना करते हुए कहा:

 “आदि महोत्सव, जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक प्रमाण है। यहां आने वाले आगंतुक लाइव पेंटिंग सत्र का अनुभव कर सकते हैं और उन कारीगरों के साथ बातचीत कर सकते हैं, जिन्हें कई बिंदुओं को ध्यान में रखकर चुना गया है। जनजातीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने इस महोत्सव के आर्थिक प्रभाव पर प्रकाश डाला|  

आदि महोत्सव 2025 – मुख्य विशेषताएं

जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा गणतंत्र दिवस 2025 की सर्वश्रेष्ठ झांकी पुरस्कार का प्रदर्शन।

आदिवासी कारीगरों द्वारा लाइव पेंटिंग सत्र।

20 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और 35 प्रशिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग।

डिजाइन संस्थानों और कॉर्पोरेट घरानों के साथ 25 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर।

विशिष्ट जनजातीय शिल्प प्रस्तुत करने वाले राज्य और अंतर्राष्ट्रीय मंडप।