Tuesday, December 16, 2025
Home Blog Page 15

प्रगतिशील आलोचना से बढ़ी बौद्धिक परम्परा : प्रो. फात्मी

  • प्रो.शारिब रुदौली अवार्ड प्रो.सैयद प्रो.सैयद मुजाविर हुसैन को और समाजसेवी चिकित्सक डा.निहाल रजा को  लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मुजाविर हुसैन को और डा.निहाल रजा को  लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

लखनऊ। उर्दू साहित्य में आधुनिकता के विरोध और उत्तर-आधुनिकता की जटिल प्रक्रिया ने आलोचना को उस मार्ग से भटका दिया जिसे हाली से लेकर एहतेशाम हुसैन तक ने बनाया था। 

ये विचार प्रख्यात उर्दू समालोचक प्रो.अली अहमद फात्मी ने कैफ़ी आज़मी अकादमी निशातगंज में   आयोजित समारोह में व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रो.शारिब रुदौलवी मेमोरियल अवार्ड- 2024 से एक हजार से ज्यादा किताबें लिखने वाले केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के प्रो.सैयद मुजाविर हुसैन को और समाजसेवी चिकित्सक डा.निहाल रजा को  लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से इरा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.अब्बास अली मेहंदी और अन्य अतिथियों ने शाल व स्मृति चिह्न इत्यादि देकर नवाजा।

प्रो.शारिब रुदौलवी अवार्ड कमेटी की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस कमर हसन रिज़वी की अध्यक्षता और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद काज़िम के संचालन में चले समारोह में प्रो. शारिब स्मृति व्याख्यान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रो.अली अहमद फातमी ने प्रो. शारिब को उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं के विद्वानों के बीच लोकप्रिय बताया। प्रो. शारिब ने अकादमिक और साहित्यिक योगदान के संग ही उर्दू संस्कृति के प्रचार प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे उन अदबी संगठनों में सक्रिय रहे, जिनका उद्देश्य उर्दू साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देना था। प्रगतिशील आलोचना और आलोचना का नया परिदृश्य विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि प्रगतिशील आलोचना ने हाली, आजाद और शिब्ली जैसे आलोचकों की तार्किक और बौद्धिक परम्परा को उभारा, जबकि आज की आलोचना विचारों में उलझकर रचनात्मक साहित्य से दूरी बना रही है।

सम्मानित हुए प्रो.सैयद मुजाविर हुसैन ने शुक्रिया अदा करने के साथ कहा कि प्रो.शारिब रुदौलवी जैसे  विद्वानों को याद करने के लिए ऐसे आयोजन बराबर होने चाहिए।

सम्मानित विद्वानों का परिचय कराने वाली प्रो. रेशमा परवीन ने शारिब रुदौलवी की आलोचना दृष्टि पर कहा कि उनके लिए आलोचना का अर्थ मात्र किसी विचारधारा की पैरवी करना नहीं, बल्कि किसी कृति को कलात्मक और सौंदर्यशील कसौटी पर भी कसना ज़रूरी था। यही दृष्टिकोण उन्हें अन्य प्रगतिशील आलोचकों से अलग बनाता है। लाइफ़टाइम अवार्ड पाने वाले डॉ.निहाल रज़ा रुदौलवी का मानना था कि प्रो.शारिब के जलसे में मिला यह सम्मान मेरे लिए बहुत बड़ा है। हम शारिब साहब की याद में रुदौली में एक सभागार बनवाएंगें। डा.साबिरा हबीब ने कहा कि तकलीफों से भरी जिंदगी होते हुए भी कभी कोई शिक़ायत नहीं की, न किसी की बुराई। उनकी रचनाएं भी यह बात साफ करती हैं। प्रो.नलिन रंजन सिंह ने संस्मरण रखते हुए प्रो.शारिब को हिन्दी उर्दू का सेतु बताया।

इससे पहले अपने स्वागत सम्बोधन में डा.खान फारूक ने कहा कि प्रो.शारिब शागिर्दों को अपने बच्चों की तरह ख्याल रखते थे। यहां कोलंबिया विश्वविद्यालय न्यूयॉर्क के डा.तिम्साल मसूद, कानपुर के प्रो.खान अहमद फारूक आदि ने भी विचार रखे। समारोह में कर्रार जैदी, यास्मीन अंजुम, प्रो.रूपरेखा वर्मा, प्रो.रमेश दीक्षित, प्रो.रेशमा परवीन, शबीब हसनैन, शाहिद हसनैन, हारुन रशीद, कमर जहां, डा.अनीस अंसारी, तकदीस फातिमा, डा.मूसी रज़ा, एस आसिम रजा, डा.एसएचए काज़मी और बड़ी तादाद में महाविद्यालयों के विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम में शोआ फातिमा एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एंड सोसाइटी शोआ फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज का सहयोग रहा।

ग्रामीण महिलाओं के लिए नई राह: दस करोड़ दीदी होंगी सशक्त

  • एमएसडीई और ग्रामीण विकास मंत्रालय में हुआ ऐतिहासिक एमओयू

नई दिल्ली : ग्रामीण भारत में आजीविका को सशक्त करने और महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के तहत,  ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के बीच नई दिल्ली के कृषि भवन में आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

दोनों मंत्रालयों के बीच हुए इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की तकनीकी विशेषज्ञता और संस्थागत संरचना को, दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की व्यापक जमीनी पहुंच और क्रियान्वयन क्षमताओं के साथ जोड़ कर, ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों को सशक्त बनाना है।

इसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की  महिलाओं के कौशल, बाज़ार पहुंच और उद्यमशीलता क्षमताओं को इस प्रकार विकसित करना है कि वे वैश्विक कार्यबल का हिस्सा बन सकें। दोनों मंत्रालयों के कौशल विकास और उद्यमिता कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता फैलाना, और इन पहलों को स्थानीय बाज़ार की ज़रूरतों व भविष्य के अवसरों से जोड़ना इस प्रयास का महत्वपूर्ण भाग है। इस साझेदारी के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की   महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनने में सक्षम बनाने हेतु मांग-आधारित कौशल प्रशिक्षण और व्यवहारिक उद्यमिता विकास को प्राथमिकता दी गई है। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशिक्षण मॉड्यूल और पाठ्यक्रम स्थानीय संदर्भों के अनुरूप हों और उभरते नौकरी बाज़ारों व भविष्य के कौशलों की आवश्यकताओं को पूरा करें। स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं और प्रशिक्षकों को उनके कौशल का औपचारिक प्रमाणन दिया जाएगा। साथ ही, वित्तीय साक्षरता, बाज़ार संपर्क, कानूनी अनुपालन, व्यवसाय विकास और परामर्श जैसी सेवाओं के माध्यम से उन्हें सम्पूर्ण रूप से सक्षम बनाया जाएगा।

यह साझेदारी न केवल ग्रामीण समुदायों की आर्थिक आकांक्षाओं को पूरा करेगी, बल्कि उद्यमिता को बढ़ावा देने और परिणाम आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निर्णायक होगी। यह साझेदारी दोनों मंत्रालयों की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को उन्नत कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास, और रोजगार के स्थायी अवसर प्रदान करना है।

समझौत ज्ञापन के इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी तथा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं संचार मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. चन्द्र शेखर पेम्मासानी भी उपस्थित रहे।

यह समझौता ज्ञापन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत @2047’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विविधीकरण और सतत विकास को प्राथमिकता दी गई है। दोनों मंत्रालय मिलकर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, उन्हें ‘लखपति दीदी’ जैसे अभियानों के माध्यम से उच्च आय वर्ग में लाने, और स्थानीय बाज़ारों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करेंगे। इस साझेदारी के द्वारा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, बाज़ार से जोड़ना; कानूनी समझ, और व्यवसाय विकास जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना; सिद्ध पोर्टल के माध्यम से प्रमाणन प्रदान कर कौशल को औपचारिक मान्यता देना; आईटीआई, जन शिक्षण संस्थान, आरएसईटीआई और निसबड जैसी संस्थाओं के नेटवर्क का उपयोग करते हुए प्रशिक्षण को ज़मीनी स्तर  पर पहुंचाना शामिल है। इसके साथ ही इस साझेदारी के द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान, गांव स्तरीय शिविर, और उद्यमिता मेलों का आयोजन भी किया जाएगा।

इस समझौता ज्ञापन के तहत, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों (एसआरएलएम) को जिला कौशल समितियों (डीएससी) से जोड़कर ज़मीनी क्रियान्वयन को मजबूती दी जाएगी। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों और जिला कौशल समितियों (डीएससी) के बीच संस्थागत संबंधों को सुगम बनाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वयं सहायता समूहों की  महिलाओं की कौशल आवश्यकताओं को जिला कौशल विकास योजनाओं (डीएसडीपी) में एकीकृत किया जा सके।

इस समझौता ज्ञापन की अवधि तीन वर्षों की हैं। साझेदारी की प्रगति की नियमित निगरानी हेतु एक संयुक्त समीक्षा समिति का गठन किया जाएगा, जो तिमाही आधार पर की जा रही पहलों की समीक्षा करेगी। इस साझेदारी के अंतर्गत ग्रामीण विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के लाभार्थियों के लिए लक्षित कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन हेतु वित्तीय सहयोग भी प्रदान करेगा। यह व्यवस्था प्रशिक्षण की गुणवत्ता, प्रभाव और पहुंच को सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी।

इस साझेदारी के अंतर्गत ग्रामीण विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की भूमिकाएं स्पष्ट रूप से परिभाषित की गई हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय लाभार्थियों की पहचान, पाठ्यक्रम विकास में सहयोग, प्रशिक्षण सामग्री के प्रसार, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को व्यवहार्य उद्यम स्थापित करने हेतु उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान करने तथा राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में समन्वय की भूमिका निभाएगा। वहीं, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की भूमिका कौशल-आधारित पाठ्यक्रम विकसित करने, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने, मौजूदा कौशल बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने, स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH) के माध्यम से प्रमाणन प्रदान करने और पूरे कार्यक्रम के लिए निगरानी तंत्र को प्रभावी ढंग से लागू करने की होगी। यह समन्वित प्रयास सुनिश्चित करेगा कि प्रशिक्षण न केवल गुणवत्तापूर्ण हो, बल्कि परिणामोन्मुख भी हो।

इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने कहा कि “यह साझेदारी ग्रामीण भारत की सामाजिक और आर्थिक बुनियाद को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। स्वयं सहायता समूहों की करोड़ों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह समझौता आजीविका, कौशल और उद्यमिता को एक साझा मंच लाने का बड़ा प्रयास है। ग्रामीण महिलाओं को मांग-आधारित प्रशिक्षण, डिजिटल व वित्तीय साक्षरता, और बाज़ार से जुड़ाव के अवसर प्रदान किए जाएंगे और ITI, RSETI, JSS और NIESBUD जैसी संस्थाओं के नेटवर्क के ज़रिए यह प्रशिक्षण ज़मीनी स्तर तक पहुँचेगा। सिद्ध पोर्टल के माध्यम से मान्यता देकर हम इन कौशलों को औपचारिक पहचान भी देंगे। यह सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण नहीं, बल्कि महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाने की नींव है। जहाँ वे न सिर्फ रोजगार पाएँगी, बल्कि रोजगार सृजक भी बनेंगी। ‘लखपति दीदी’ जैसे अभियानों के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत का हर गाँव एक नये आत्मविश्वास और अवसरों की मिसाल बने”।

“समानता का सच्चा आधार आर्थिक आत्मनिर्भरता है — और आज की महिलाएँ अद्भुत सीखने की क्षमता के साथ आगे बढ़ रही हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वे और भी सक्षम बनी हैं, और 1.48 लाख से अधिक ‘लखपति दीदियाँ’ इसका जीवंत उदाहरण हैं। हमारा उद्देश्य है कि आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों के बुनियादी ढांचे का पूर्ण उपयोग करते हुए अधिक से अधिक दीदियाँ भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित होकर ‘फ्यूचर स्किल्ड दीदी’ बनें। जब भारत की जनसंख्या हुनरमंद बनती है, तो वही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बन जाती है। आज दुनिया को स्किल्ड मैनपावर की ज़रूरत है — और जब हमारे हाथों में हुनर होगा, तो भारत न केवल देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नेतृत्व करेगा। मैं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय — दोनों विभागों को इस ऐतिहासिक सहयोग के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ। यह साझेदारी ग्रामीण भारत की 10 करोड़ दीदियों को सशक्त बनाकर ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प को साकार करने में निर्णायक सिद्ध होगी।”

समझौता ज्ञापन के इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारियों की भी उपस्थिति रही। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय से मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, संयुक्त सचिव श्रीमती हेना उस्मान, अतिरिक्त सचिव श्रीमती सोनल मिश्रा और निदेशक श्री प्रीतम दत्ता उपस्थित रहे। वहीं, ग्रामीण विकास मंत्रालय से मंत्रालय के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह, संयुक्त सचिव सुश्री स्वाती शर्मा और अतिरिक्त सचिव श्री टी.के. अनिल कुमार उपस्थित रहे। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय और ग्रामीण विकास विभाग की नई वेबसाइटों का शुभारंभ भी किया गया।

उल्लेखनीय है कि यह साझेदारी न केवल ग्रामीण महिलाओं के आत्मविश्वास और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाली है, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’, आत्मनिर्भर भारत, और नारी शक्ति को नई ऊर्जा भी प्रदान करने वाली है। यह पहल भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने, ग्रामीण महिलाओं और युवाओं के लिए नए आयाम खोलने, और सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर है।

‘माई भारत’ पहल में पूर्वोत्तर के गांवों में बनेंगे खेल के मैदान

  • केन्द्रीय राज्यमंत्री ने उनाकोटी में खेल एवं पर्यटन पर आधारित विकास अभियान को तेज करने पर जोर दिया

उनाकोटी : ‘माई भारत’ अभियान को तेज कर छोटे ग्रामीण खेल मैदानों को विकसित किया जाएगा। साथ ही स्कूल में सुविधाओं और बेहतर सुरक्षा का वातावरण बनाया जाएगा| केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्यमंत्री श्रीमती रक्षा निखिल खड़से ने आज ‘पूर्वोत्तर संपर्क सेतु’ कार्यक्रम के तहत अपने वर्तमान दौरे के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में एक व्यापक समीक्षा बैठक का समापन किया। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा निर्देशित इस रणनीतिक पहल को विभिन्न प्रमुख केन्द्रीय योजनाओं के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन का आकलन करने, केन्द्र और राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास को गति देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। श्रीमती खडसे के साथ त्रिपुरा के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री टिंकू रॉय, त्रिपुरा पूर्व की सांसद श्रीमती कृति देवी देबबर्मन तथा जिला प्रशासन के अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे।

कुल 686.97 वर्ग किलोमीटर में फैला और 3,48,631 की जनसंख्या (3,08,438 की ग्रामीण जनसंख्या सहित) वाला उनाकोटी जिला, इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण केन्द्रबिन्दु है। इको-टूरिज्म की महत्वपूर्ण संभावनाओं से लैस होने के बावजूद, इस जिले को अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने से जुड़ी समस्याओं, तस्करी, मादक पदार्थ, सीमा संबंधी अपराध और घुसपैठ सहित विभिन्न चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा इन चुनौतियों से पूरी तत्परता के साथ निपटा जा रहा है। समीक्षा बैठक के दौरान केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती रक्षा खडसे ने जन प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया। इस विचार-विमर्श में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास तथा बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

उनाकोटी ने आधारभूत ढांचे के निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत, वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 73.894 किलोमीटर की 15 परियोजनाएं पूरी की गईं। इस जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई अब 91.000 किलोमीटर है और सड़क संपर्क की समग्र लंबाई 739.705 किलोमीटर है, जो 421 बॉक्स कल्वर्ट/स्लैब कल्वर्ट, 25 आर.सी.सी. पुल और 19 बेली पुलों द्वारा समर्थित है। इन पुलों में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पुल और निर्माणाधीन जलई पुल भी शामिल है। ‘जल जीवन मिशन’ के तहत. 89.03 प्रतिशत का कवरेज हासिल कर लिया गया है और 47,737 सक्रीय घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान किए गए हैं। नूनचेरा में एक नवोन्मेषी योजना प्रतिदिन 30,000 गैलन की जल क्षमता प्रदान करती है। ‘सौभाग्य’ योजना के तहत, कुल 12,658 कनेक्शन प्रदान किए जाने के साथ ईसी-उनाकोटी सर्कल में बिजली की शत-प्रतिशत सुलभता सुनिश्चित हो गई है। ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ (डीडीयूजीजेवाई) के तहत, पर्याप्त लाइन कार्य और ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य पूरा कर लिया गया है, जोकि पूर्ण रूप से निर्मित हो चुके 138 गोबर गैस संयंत्रों के पूरक हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के अंतर्गत आवास संबंधी पहल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 12,006 तथा शहरी क्षेत्रों में 6,161 मकानों का निर्माण पूरा किया गया है। ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण’ ने 98.09 प्रतिशत व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों (आईएचएचएल) के निर्माण के साथ उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं। इसके साथ-साथ पृथक्करण शेड और सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के मामले में भी काफी प्रगति हुई है। कुल 19.00 किलोमीटर से अधिक लंबे तटबंधों की मरम्मत का काम भी जारी है।

आर्थिक सशक्तिकरण और बेहतर आजीविका के उद्देश्य से शुरू की गई पहलों के उल्लेखनीय  परिणाम मिल रहे हैं। मनरेगा के तहत, इस जिले में अनुमानित 5.68 लाख की तुलना में 4.71 लाख मानव-दिवस के बराबर के रोजगार सृजित किए गए हैं, जोकि सतत रोजगार का संकेत है। कुल 93 आदर्श “अमृत सरोवर” जल निकायों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) से कुल 18,790 किसानों को लाभ हुआ है और उन्हें 70.394 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। जबकि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) ने बीमा संबंधी महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। कृषि संबंधी विभिन्न पहलों के जरिए खाद्यान्न उत्पादन में अंतर को पाटने के प्रयास जारी हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 961 लाभार्थियों को 439.57 लाख रुपये का लाभ प्रदान किया गया है, नए तालाबों, हैचरी एवं उपकरणों के लिए धन मुहैया कराया गया है तथा एक एकीकृत एक्वा पार्क का विकास किया जा रहा है। स्वरोजगार संबंधी पहल सफल हो रही हैं। पीएमईजीपी के तहत 40 नए ऋण वितरित किए गए हैं तथा पीएम-विश्वकर्मा के तहत 125 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। वित्तीय समावेशन भी मजबूत हुआ है। कुल 102,306 जन धन खाते खोले गए हैं तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मजबूती मिली है, जिससे ऋण जमा (सीडी) अनुपात में 69.44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

जनजातीय समुदायों और महिलाओं के लिए केन्द्रित प्रयास किये गये हैं। ‘पीएम-जनमन’ के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (रियांगों) के लिए शुरू की गई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में आंगनवाड़ी केन्द्र, अनुसूचित जनजाति छात्रावास, नई पीएमजीएसवाई सड़कें और एक मोबाइल मेडिकल यूनिट शामिल हैं। इस मोबाइल मेडिकल यूनिट ने कुल 12,319 लोगों को सेवा प्रदान की है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत 2024-25 में 1,309 लाभार्थियों को नामांकित किया गया और ठोस प्रयासों के जरिए बाल विवाह के 74 मामलों को रोका गया। कुल 11,507 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का एक जीवंत नेटवर्क तैयार किया गया है। इस नेटवर्क को सामुदायिक निधि से 115 करोड़ रुपये और बैंक ऋण से 59.7 करोड़ रुपये का समर्थन हासिल है। इससे “लखपति दीदी” पहल के तहत कुल 4,575 महिलाओं को सशक्त बनाया गया है और विविध स्थानीय उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा दिया गया है।

इस जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को 81 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के जरिए मजबूत किया गया है। ‘गहन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 5.0’ के तहत शिशुओं एवं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का शत-प्रतिशत कवरेज हासिल किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 253,244 हो गई। इनमें से 231,512 मरीजों को मुफ्त दवा दी गई। ‘पीएम-श्री’ योजना के तहत पांच अतिरिक्त कक्षाओं, एक पुस्तकालय कक्ष और एक नए स्कूल भवन के निर्माण की सुविधा प्रदान की जा रही है। युवा एवं खेल जगत में, खेलो इंडिया से संबंधित प्रमुख परियोजनाओं के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। इनमें एक अंतरराष्ट्रीय आकार का सिंथेटिक 8-लेन वाला एथलेटिक ट्रैक और एक सिंथेटिक फुटबॉल टर्फ शामिल है। एक खेल प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया है तथा एक युवा छात्रावास के निर्माण कार्य का 20 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। इसके अलावा, पीएम-कुसुम के तहत 275 सौर कृषि डीसी पंपों का निर्माण पूरा हो चुका है और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1,443 सौर स्ट्रीट लाइटिंग प्रणालियां स्थापित की गई हैं। बेतचरा ग्राम पंचायत ने स्थानीय शासन में उत्कृष्टता का उदाहरण पेश करते हुए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 में तीसरा स्थान भी हासिल किया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कवरेज 97.42 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

व्यापक प्रगति के बावजूद, केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती रक्षा खडसे ने गहराई से ध्यान देने हेतु प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सीमा सुरक्षा एवं प्रबंधन, जिसमें विशेष रूप से बाढ़ से बाड़ को हुए नुकसान के बाद सुदृढ़ बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है, पर निरंतर जोर देने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं को निरंतर बेहतर बनाते हुए उनाकोटी की अनूठी विरासत एवं प्राकृतिक सुंदरता का लाभ उठाकर इको-टूरिज्म के विकास हेतु एक केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी। कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने हेतु नवीन पद्धतियों एवं जलवायु के अनुकूल खेती और खाद्यान्न उत्पादन में अंतर को पाटने हेतु व्यापक योजना को अपनाने की आवश्यकता है। बांस और रबर जैसे स्थानीय आर्थिक अवसरों के साथ जुड़े रोजगार योग्यता कार्यक्रमों के लिए लक्षित कौशल विकास युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने और पलायन को कम करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।  

खेल और युवाओं के विकास को बढ़ावा देने की प्रक्रिया में खेलो इंडिया से जुड़ी परियोजनाओं की मंजूरी में तेजी लाना, मौजूदा बुनियादी ढांचे का अधिकतम उपयोग करना और जमीनी स्तर पर भागीदारी को प्रोत्साहित करना शामिल है। उन्होंने सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पानी में मौजूद लौह तत्व की उच्च मात्रा के कारण जल परियोजनाओं के लिए श्रमशक्ति बढ़ाने की जरूरत और नदी तट कटाव के स्थायी समाधान हेतु धन का अनुरोध किया। गैर-कंक्रीट सड़कों की स्थिति से जुड़ी चिंताओं के बाद, श्रीमती खडसे ने सड़क एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के नेटवर्क के उन्नयन से संबंधित एक संपूर्ण समाधान के लिए एक व्यापक प्रस्ताव (डीपीआर) को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजने का अनुरोध किया। अंत में, उन्होंने पूरी सतर्कता के साथ लाभों को अंतिम छोर तक पहुंचाने, डेटा को सुव्यवस्थित करने, क्षमता संबंधी अंतराल को पाटने और इंटरनेट कनेक्टिविटी एवं सीएससी के जरिए डिजिटल साक्षरता का विस्तार करने पर जोर दिया।

केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती रक्षा खडसे ने उनाकोटी जिला प्रशासन के समर्पण और प्रमुख केन्द्रीय योजनाओं के मूर्त प्रभाव पर गहरा संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “उनाकोटी जिला प्रशासन के समर्पण और यहां के लोगों के जीवन पर प्रमुख केन्द्रीय योजनाओं के मूर्त प्रभाव को देखना वाकई प्रेरणादायक है।” उन्होंने केन्द्र सरकार के अटूट समर्थन को दोहराया और यह आश्वासन दिया कि उनाकोटी एक “आकांक्षी” जिले से हटकर एक “प्रेरणादायक” जिले के रूप में बदल जाएगा और ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस क्षेत्र में विकास से जुड़ी पहलों की निगरानी एवं कार्यान्वयन को और अधिक सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस विस्तृत दौरे की रिपोर्ट “पूर्वोत्तर संपर्क सेतु” पोर्टल पर प्रस्तुत की जाएगी।

राष्ट्रीय फिटनेस मंत्रः “फिटनेस का डोज, आधा घंटा रोज”

  • 5000 से अधिक साइकिल चलाने वालों ने भाग लिया और भारत में अब तक के सबसे बड़े साइकिलिंग का रिकॉर्ड बनाया

पंढरपुर : आध्यात्मिक निष्ठा, शारीरिक तंदुरुस्ती और पर्यावरण के प्रति चेतना के अद्भुत संगम में, चौथा अखिल महाराष्ट्र पंढरपुर साइकिल वारी सम्मेलन- 2025 बड़े उत्साह और एकता के साथ मनाया गया। फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल का यह मेगा इवेंट भारतीय खेल प्राधिकरण, क्षेत्रीय केंद्र – मुंबई और पंढरपुर साइकिल वारी संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के 90 से अधिक साइक्लिंग क्लबों का प्रतिनिधित्व करने वाले 5000 से अधिक साइकिल चलाने वालों ने भाग लिया। इन साइकिल चलाने वालों ने महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पवित्र शहर पंढरपुर तक पहुंचने के लिए 3-4 दिन पहले से ही 400 से 450 किलोमीटर की यात्रा शुरू कर दी थी। उन्होंने आध्यात्मिक रूप से उल्लेखनीय नगर प्रदक्षिणा और ऊर्जावान रिंगन सोहला में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसमें अनुकरणीय दृढ़ संकल्प, भक्ति और धैर्य का प्रदर्शन किया गया।

इस कार्यक्रम में माननीय केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा खडसे, महाराष्ट्र सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग मंत्री श्री जे बी गोरे जैसे कई गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर अन्य लोगों में सांसद श्री धैर्यशील मोहिते पाटिल, विधान परिषद के सदस्य श्री प्रशांत परिचारक, विधान परिषद के सदस्य श्री रणजीतसिंह मोहिते पाटिल, भारतीय खेल प्राधिकरण के क्षेत्रीय केंद्र मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक श्री पांडुरंग चाटे ( आईआरएस) और प्रसिद्ध एंड्योरेंस साइक्लिस्ट और 19 बार के आयरनमैन डॉ.  अमित सामर्थ शामिल थे।

पंढरपुर के रेलवे ग्राउंड को फिट इंडिया- संडे ऑन साइकिल के बैनर तले ऊर्जा और प्रेरणा के जीवंत केंद्र में बदल दिया गया। इस कार्यक्रम ने टिकाऊ परिवहन, सामुदायिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण संदेश दिया- जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि साइकिल चलाना केवल एक खेल नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ और हरित भारत के साथ जुड़ी जीवनशैली है।

फिट इंडिया मूवमेंट की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए, इस कार्यक्रम ने राष्ट्रीय फिटनेस मंत्रः “फिटनेस का डोज, आधा घंटा रोज” को बढ़ावा दिया, प्रत्येक नागरिक को शारीरिक गतिविधि को दैनिक आदत के रूप में अपनाने और एक फिट, पर्यावरण के प्रति जागरूक राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

नक्सलियों के सफाए तक  सुरक्षा बलों का जारी रहेगा ऑपरेशन : गृह मंत्री

  • केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और ओडिशा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की
  • गृह मंत्री ने कहा कि मैं विश्वास के साथ फिर से दोहराता हूँ कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवादमुक्त होकर रहेगा

रायपुर : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नक्सलवाद पर छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और ओडिशा के DGP/ADGP एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अंतरराज्यीय सुरक्षा समन्वय बैठक और छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा के तौर पर सुरक्षा संबंधी दो अहम बैठकों की अध्यक्षता की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उप-मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में श्री विष्णुदेव जी की सरकार और उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा जी की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उन्होंने एक रुके हुए नक्सलविरोधी अभियान को द्रुत गति से चलाया और राज्य को नक्सलवाद से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि श्री विष्णुदेव जी और श्री विजय शर्मा जी ने नक्सलविरोधी अभियानों को न सिर्फ धार दी, बल्कि समय-समय पर इस अभियान का मार्गदर्शन किया, सुरक्षाबलों का हौंसला भी बढ़ाया और संपूर्णता के साथ इस लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने विश्वास के साथ दोहराया कि 31 मार्च, 2026 तक देश नक्सलवाद से पूरी तरह से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे सुरक्षाबलों ने पराक्रम दिखाया है और सूचना एजेंसियों ने सटीक रणनीति बनाई है, उसके आधार पर हम इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि हर वर्ष बारिश के मौसम में आराम करने वाले नक्सली इस बरसात में चैन की नींद नहीं सो पाएँगे क्योंकि हमारे सुरक्षाबलों का ऑपरेशन जारी रहेगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने नक्सलवाद के रास्ते पर भटक कर गए सभी युवाओं से हथियार डालकर राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि उन्हें विकास यात्रा में जुड़ने का इससे अच्छा मौका नहीं मिंलेगा। श्री शाह ने कहा कि हिंसा के रास्ते पर चल रहे युवा सरकार पर भरोसा करें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों। इस तरह वे अपने आप देश की विकास यात्रा के साथ जुड़ जाएंगे। श्री शाह ने कहा कि सरकार ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों से जो वायदा किया है, उसे पूरा किया जाएगा औऱ उससे अधिक सहायता करने का प्रयास भी किया जाएगा।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा काव्य संगोष्ठी का आयोजन

दिनांक 9 जून 2025 दिन रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद, महानगर इकाई के तत्वावधान में एक सरस काव्य संगोष्ठी का आयोजन सी.एस.आई. टावर गोमतीनगर में महानगर इकाई के अध्यक्ष निर्भय नारायण गुप्त की अध्यक्षता, वरिष्ठ गीतकार नरेंद्र भूषण के मुख्य आतिथ्य, रविन्द्रनाथ तिवारी के विशिष्ट आतिथ्य एवं महामंत्री डॉ ममता पंकज के संचालन में किया गया। कार्यक्रम के आयोजक लक्ष्मी नारायण गुप्त व संयोजक विनोद ‘भावुक’ की पहल पर संदीप शर्मा की वाणी वन्दना एवं संयुक्त महामंत्री राजीव वर्मा वत्सल के परिषद गीत से शुरू हुई काव्य धारा लगातार 4 घंटे तक बहती रही जिसमे गीत, ग़ज़ल, हास्य, व्यंग्य, ओज, श्रृंगार से लेकर छन्दमुक्त और समसामयिक रचनाओं से माहौल को बाँधे रखने में शहर के जाने-माने कवि गिरधर* खरे, संतोष कौशिल, मनमोहन बाराकोटी, मृगांक श्रीवास्तव, अरविंद रस्तोगी, अर्श लखनवी, आशीष ‘आस’, पायल सोनी, श्वेता मनस्वी, एवं आजमगढ़ से पधारे विजेंद्र श्रीवास्तव जैसे मनीषियों ने अपनी रचनात्मक उपस्थिति से सहयोग दिया। अन्त में विनोद कुमार भावुक के धन्यवाद के साथ इस साहित्यिक अनुष्ठान का समापन हुआ।
****

एआई से मिलेगी 22 भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण रेलवे सेवाएं

  • भारतीय रेल के लिए अगली पीढ़ी के बहुभाषी एआई समाधान तैयार करने हेतु भाषिणी और सीआरआईएस ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

नई दिल्ली : भारतीय रेल में भाषाई समावेशन एवं एआई-संचालित डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में, डिजिटल इंडिया भाषिणी प्रभाग (डीआईबीडी) और रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र (सीआरआईएस) ने आज प्रमुख सार्वजनिक रेलवे प्लेटफार्मों पर बहुभाषी कृत्रिम बुद्धिमत्ता समाधानों के विकास एवं तैनाती के संबंध में सहयोग करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

इस समझौता ज्ञापन पर औपचारिक रूप से भाषिणी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ नाग और सीआरआईएस के प्रबंध निदेशक श्री जी.वी.एल. सत्य कुमार ने नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।

इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य भाषिणी की अत्याधुनिक भाषा प्रौद्योगिकी स्टैक को सीआरआईएस द्वारा प्रबंधित नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) और रेलमदद जैसी प्रणाली के साथ एकीकृत करना है। इस प्रौद्योगिकी स्टैक में ऑटोमैटिक स्पीच रिकॉग्निशन (एएसआर), टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट ट्रांसलेशन, टेक्स्ट-टू-स्पीच (टीटीएस) और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) शामिल हैं। इससे नागरिकों को 22 भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण रेलवे सेवाओं का लाभ पाने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर बोलते हुए, भाषिणी के सीईओ श्री अमिताभ नाग ने कहा, “यह सहयोग लाखों यात्रियों के रेलवे सेवाओं से जुड़ने के तरीके में बदलाव ला देगा। भाषिणी की एआई क्षमताओं के जरिए, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भाषा अब महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंचने में बाधा नहीं बनेगी।”

सीआरआईएस के प्रबंध निदेशक श्री जी.वी.एल. सत्य कुमार ने कहा, “सीआरआईएस को हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समावेशी, एआई-संचालित समाधानों को लागू करने हेतु भाषिणी के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। इससे हमारी यात्री-संबंधी सेवाओं की सुलभता, पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।”

यह साझेदारी बहुभाषी यात्री सहायता के लिए चैटबॉट एवं वॉयस असिस्टेंट के सह-विकास, रेलवे पूछताछ सेटअप के लिए बहुभाषी ओवर-द-काउंटर इंटरफेस विकसित करने, क्लाउड एवं ऑन-प्रिमाइसेस इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए भाषिणी-संचालित सेवाओं को उन्नत करने, वेबसाइटों, मोबाइल ऐप, कियोस्क व कॉल सेंटरों में इन क्षमताओं को तैनात करने तथा विभिन्न भारतीय भाषाओं में वास्तविक समय में भाषण-आधारित संवाद को संभव करने पर भी ध्यान केन्द्रित करेगी। आने वाले महीनों में संयुक्त तकनीकी कार्यशालाओं और प्रयोगात्मक तैनाती की एक श्रृंखला शुरू होने वाली है। यह समझौता ज्ञापन डिजिटल इंडिया की परिकल्पना के तहत एक प्रमुख उपलब्धि है तथा सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे से जुड़े भाषा संबंधी एआई के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत की अग्रणी स्थिति को और मजबूत करता है।

नए नवेले होंगे बार्डर एरिया के क्षतिग्रस्त घर  

  • गृह मंत्रालय से 2060 घरों के लिए 25 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान कराया
  • ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुए थे घर

जम्मू कश्मीर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हुए घरों को अतिरिक्त मुआवजे की घोषणा के उपरांत केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कराते हुए गृह मंत्रालय से 2060 घरों के लिए 25 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान कराया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए हाल ही में अतिरिक्त मुआवजा राशि दिए जाने की घोषणा की थी।

प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा विशेष मामले के रूप में, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त प्रत्येक घर के लिए 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त प्रत्येक घर के लिए 1 लाख रुपये की अतिरिक्त मुआवजा राशि की घोषणा का त्वरित अनुपालन गृह मंत्रालय द्वारा सुनिश्चित कराया गया है। पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इसी प्रकार से मुआवजा दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने पिछले हफ्ते जम्मू और कश्मीर दौरे के दौरान अपने सम्बोधन में प्रभावित परिवारों के साथ खड़े रहने, उन्हें निरंतर राहत सुनिश्चित करने और उनके घरों और जीवन को फिर से खुशहाल बनाने में उनकी मदद करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मोदी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 29-30 मई, 2025 को पुंछ का दौरा किया था। गृह मंत्री ने सीमा पार से गोलीबारी में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र भी सौंपे थे। मानदंडों के अनुसार सीमा पार गोलाबारी के कारण हुई क्षति के लिए मुआवज़ा तुरंत दिया गया था l

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, संघ राज्य क्षेत्र जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में सीमा पार से गोलाबारी की कई घटनाएं सामने आईं। रिहायशी इलाकों, स्कूलों, गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों और व्यावसायिक संपत्तियों सहित धार्मिक संरचनाओं पर सीमा पार से गोलाबारी के कारण सैकड़ों परिवार पीड़ित हुए। प्रशासन ने संभावित घटनाओं और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय उपाय किये। सीमावर्ती जिलों से कुल 3.25 लाख व्यक्तियों को निकाला गया, जिनमें से लगभग 15,000 व्यक्तियों को भोजन, पानी, स्वास्थ्य देखभाल, बिजली आदि सुविधाओं से युक्त  लगभग 397 आश्रय शेड/आवास केंद्रों में रखा गया।

सभी सीमावर्ती जिलों में रोगियों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के लिए कुल 394 एम्बुलेंस लगाईं  गईं, जिनमें से 62 एम्बुलेंस अकेले पुंछ जिले में लगाईं गईं। स्वास्थ्य, अग्नि और आपातकालीन सेवाओं, पशुधन, आवश्यक आपूर्ति आदि से संबंधित सेवाओं के लिए 2818 नागरिक रक्षा स्वयंसेवकों को भी लगाया  गया।

भारत- नार्वे मिलकर मजबूत करेंगे नीली अर्थव्यवस्था

  • नॉर्वे के अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री, आस्मुंड ग्रोवर ऑक्रस्ट ने पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की

नई दिल्ली : समुद्री स्थानिक नियोजन (एमएसपी) साइड इवेंट से पहले एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जुड़ाव में, नॉर्वे के अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री आस्मुंड ग्रोवर ऑक्रस्ट ने पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और हाल में जम्मू और कश्मीर में हुई निंदनीय घटनाओं के मद्देनजर भारत के साथ अपने देश की एकजुटता व्यक्त की। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नॉर्वे के समर्थन को स्वीकार किया। श्री ऑक्रस्ट ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नॉर्वे यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर नॉर्वे की ओर से भारत के प्रति समर्थन की स्पष्ट अभिव्यक्ति हुई है। नॉर्वे के मंत्री ने बताया कि नॉर्वे में भारत के पक्ष में एक मजबूत जन भावना है तथा कई नागरिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने देश में आते हुए देखने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।

इस कदम को दोनों देशों के बीच एकजुटता और बढ़ते आपसी सम्मान के प्रतीक के रूप में देखा गया। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस सद्भावना को स्वीकार किया तथा वैश्विक मंच पर भारत के लिए उनके निरंतर समर्थन के लिए नॉर्वे के नेतृत्व और लोगों को धन्यवाद दिया।

इससे पहले मोनाको में क्वाई पोर्ट हरक्यूल पहुंचने पर डॉ. जितेन्द्र सिंह का नॉर्वे के विदेश मंत्रालय के महासागर अनुभाग के निदेशक ट्रोंड गेब्रियलसन और वरिष्ठ सलाहकार इविंड एस. होमे ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ऐतिहासिक शोध पोत “स्टैट्सराड लेहमकुहल” पर सवार हुए। यहां उनका स्वागत नॉर्वे के अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री ऑसमंड ग्रोवर ऑक्रस्ट और पोत के कप्तान ने किया। इससे द्विपक्षीय जुड़ाव की सौहार्दपूर्ण शुरुआत हुई।

यह द्विपक्षीय जुड़ाव 2019 में भारत और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों द्वारा घोषित महासागर प्रबंधन पर सहयोगात्मक समझौते पर आधारित है। तब से दोनों देश ब्लू इकोनॉमी के प्रमुख स्तंभ के रूप में समुद्री स्थानिक नियोजन पर सक्रिय रूप से मिलकर काम कर रहे हैं। वर्तमान बैठक में दोनों मंत्रियों ने इस सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। इसमें अन्य देशों, विशेष रूप से द्वीप राष्ट्रों के साथ महासागर प्रबंधन में अपने सामूहिक अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के प्रयास शामिल हैं, जो जलवायु पैटर्न के प्रभावों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं।

बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों ने महासागर शासन और समुद्री स्थानिक नियोजन में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की । यह समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग के लिए वैश्विक रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक है। चर्चा में आर्कटिक अनुसंधान, ध्रुवीय विज्ञान मिशनों में सहयोग बढ़ाने और तटीय लचीलापन तथा समुद्री डेटा साझाकरण पर सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान पर भी चर्चा की गई।

सौ साल पुराने नौकायन जहाज जो “वन ओशन एक्सपीडिशन” के तहत महासागर शिक्षा और स्थिरता का प्रतीक बन गया है। यहां पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के भारत के संकल्प पर बल दिया, विशेष रूप से पानी के नीचे जीवन से संबंधित। उन्होंने जलवायु-लचीली नीली अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण में नॉर्वे और अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को भी दोहराया।

श्री आस्मुंड ऑक्रस्ट ने क्षेत्रीय और वैश्विक समुद्री संरक्षण प्रयासों में भारत की सक्रिय भूमिका की सराहना की और समुद्री नियोजन और निगरानी के लिए डिजिटल उपकरणों के उपयोग सहित अनुसंधान और नवाचार में गहन सहयोग का स्वागत किया।

द्विपक्षीय बैठक एमएसपी के बड़े आयोजन की प्रस्तावना के रूप में काम करेगी, जहां दोनों नेताओं से समुद्री स्थानिक नियोजन के लिए अपने राष्ट्रीय अनुभवों और प्रतिबद्धताओं को साझा करने में अन्य वैश्विक हितधारकों के साथ शामिल होने की उम्मीद है। जैसे-जैसे राष्ट्र सतत विकास के लिए महासागर-आधारित समाधानों की ओर बढ़ रहे हैं, भारत-नॉर्वे की भागीदारी पर्यावरण संरक्षण और विकास अनिवार्यताओं के बीच एक महत्वपूर्ण पुल के रूप में विज्ञान कूटनीति की पारस्परिक मान्यता का संकेत देती है।

वैश्विक एजेंडे में महासागर के उच्च स्थान पर होने के साथ, विशेष रूप से जब दुनिया आगामी संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन की ओर देख रही है, डॉ. जितेंद्र सिंह और श्री ऑक्रस्ट के बीच संवाद समुद्री कॉमन्स की रक्षा और स्थायी रूप से प्रबंधन करने के लिए साझा ज्ञान, संसाधनों और राजनीतिक इच्छाशक्ति का उपयोग करने की दिशा में एक कदम आगे है।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस- 2025 के तहत “योग समावेश” के अंतर्गत अयंगर योग कार्यशाला की मेजबानी करेगा

प्रविष्टि तिथि: 08 JUN 2025 7:31PM by PIB Delhi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) 2025 समारोह के तहत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) योग समावेश की समावेशी थीम के तहत एक विशेष तीन दिवसीय अयंगर योग कार्यशाला आयोजित करने जा रहा है। यह कार्यशाला 9 से 11 जून 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से 3:00 बजे के बीच आयोजित की जाएगी।

इन सत्रों का नेतृत्व लाइफयोगा सेंटर, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली के प्रसिद्ध अयंगर योग शिक्षक श्री अमित शर्मा करेंगे। कार्यशाला में शरीर संरेखण तकनीकों में सटीकता और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो अयंगर योग परंपरा की पहचान है।

AIIA से जुड़े विद्वानों और योग के प्रति उत्साही लोगों के लिए भागीदारी खुली है। इच्छुक व्यक्तियों से अनुरोध है कि वे अपना नाम और संपर्क विवरण डॉ. रामावतार शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, स्वस्थवृत्त विभाग, AIIA ([email protected]) को भेजें।

योग समावेश और कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, एआईआईए की निदेशक प्रोफेसर मंजूषा राजगोपाला ने कहा कि “योग समावेश के माध्यम से, एआईआईए योग को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अयंगर योग कार्यशाला प्रतिभागियों को संरचित संरेखण और सचेत अनुशासन के माध्यम से योग की चिकित्सीय गहराई का अनुभव करने का अवसर प्रदान करेगी।”

यह पहल 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस तक प्रामाणिक और समावेशी योग प्रथाओं के माध्यम से समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एआईआईए के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करती है।